घरों में विषैले सांपों का अटैक! बैंकॉक की 'रंगीन' गलियों में रेंगते हैं हजारों खतरनाक अजगर
मौज-मस्ती का शहर बैंकॉक में रहने वाले लोग सांप, अजगर के घरों में घुसने की समस्या से जूझ रहे हैं। वहां के नागरिक इमजरेंसी हॉटलाइन ऑपरेटर को औसतन 15 मिनट पर सहायता के लिए कॉल करते हैं।
बैंकॉक, 3 अक्टूबर : थाईलैंड का नाम सुनते ही लोगों के मन में मौज-मस्ती के रंगीन ख्याल आने लगते हैं। देश की राजधानी बैंकॉक (Bangkok) में सालों से हजारों-लाखों की संख्या में लोग इंजॉय करने जाते हैं। हालांकि, घूमने जाने वाले सैलानियों को यह नहीं मालूम की जहां वे जा रहे हैं वहां के लोग हजारों विषैले सांप और अजगर की खौफ के साये में जीते हैं। दरअसल, बैंकॉक के घरों और गलियों में इन विषधर जीवों ने उत्पात मचा रखा है।
बैंकॉक में सांप और अजगर का उत्पात
बैंकॉक में लोगों के घरों में विषैले सांप और अजगर ने अपना डेरा जमा रखा है। यहां के लोग इनसे काफी परेशान रहते हैं। रिपोर्ट बताती है कि यहां हर साल 60 हजार सांपों की समस्या से लोगों को छुटकारा दिलाया जाता है। यहां इमरजेंसी हॉटलाइन 199 पर हर 15 मिनट पर ऑपरेटरों को लोगों के घरों में सांप के घुसने की समस्या से निजात दिलाने के लिए कॉल आते रहते हैं।
सांप घर में घुसते हैं, लोग डरकर फोन करते हैं
हेल्पलाइन सेंटर का कहना है बैंकॉक में रहने वाले लोगों के घरों में सांप घुसने के औसतन एक दिन में 100 से अधिक मामले सामने आते हैं। सेंटर ने बताया कि घर में घुसने वाले अधिकांश विषैले कोबरा सांप और अजगर होते हैं। यहां के सांप पकड़ने वाले लोग इतने कुशल होते हैं कि उनकी सांपों को पकड़ने की सफलता दर 90 प्रतिशत से अधिक है।
सांप से परेशान बैंकॉक की जनता
एक ऑपरेटर ने बैंकॉक पोस्ट को बताया कि ततैया अन्य कीटों, सांप से बचाने के लिए 200 से अधिक हॉटलाइन कॉल मदद के आते हैं। बैंकॉक पोस्ट का आगे कहना है कि लगभग इसमें से आधी कॉल सांपों को लेकर होता है। औसतन हर 24 घंटे की अवधि में प्रत्येक 15 मिनट पर एक रिपोर्ट बनाई जाती है।
सांपों का देश है बैंकॉक
बैंकॉक को सांपो का घर कहा जाता है। देश में सांपों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और जिसके कारण थाई लोगों को परेशानी हो रही है। लगभग 80 प्रतिशत अजगर भोजन की तलाश में इधर-उधर भटकते रहते हैं। थाइलैंड में अधिकांश अजगर जालीदार किस्म के होते हैं। इन्हें दुनिया के सबसे लंबा अजगर कहा जाता है। एक बार सांप पकड़े जाने के बाद, उन्हें आमतौर पर राष्ट्रीय उद्यान, जंगलों में छोड़ दिया जाता है।
(Photo Credit : Twitter & Other Social Media)