बौखलाए पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कश्मीर को लेकर दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद बौखलाहट में पाकिस्तान अजीबो-गरीब बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बुधवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच विवादों को सुलझाने का एकमात्र रास्ता तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच द्वीपक्षीय वार्ता संभव नहीं है। कुरैशी ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्वीपक्षीय वार्ता संभव नहीं है, सुलह के लिए तीसरे पक्ष की जरूरत है। पाकिस्तान की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है कि जब यूएन सेक्रेटरी जनरल एंतोनियो गुटारेस ने दोनों देशों से अपील की थी कि वह बातचीत के जरिए समस्याओं का समाधान करें।
यूएन के मुख्य प्रवक्ता स्टेफनी दुजारिक ने कहा कि एंतोनियो गुटारेस भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर किसी भी तरह के संभावित तनाव को लेकर चिंतित हैं। दरअसल कश्मीर मुद्दे पर जेनेवा स्थित युनाइटेड नेसंश ह्युमन राइट्स काउंसिल के 42वें अधिवेशन में कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान में तीखी नोंकझोंक देखने को मिली थी, जिसके बाद यूएन ने यह चिंता जाहिर की थी। गटरेस ने कहा कि अगर दोनों देश इस बात के लिए राजी हो कि तीसरा पक्ष उनके बीच सुलह कराए तो बेहतर विकल्प मौजूद हैं। गौर करने वाली बात है कि भारत ने साफ कर दिया है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इसमे किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की उसकी अपील को सिरे से खारिज करते हुए दो टूक कह दिया है कि इस मसले में वह अपने पुराने स्टैंड पर कायम है और दोनों देशों को आपसी बातचीत के जरिए ही यह मसला सुलझाना होगा। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने जी-7 के दौरान गुतारेस की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई बातचीत का भी हवाला दिया। दरअसल, भारत अंतरराष्ट्रीय जगत को पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि जम्मू-कश्मीर उसके आंतरिक मसला है और इसपर किसी तीसरे पक्ष की दखल का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता।
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