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चीन को नाक के नीचे से घेरने में अमेरिका को बहुत बड़ी कामयाबी, फिलीपींस ने अपने सैन्य ठिकाने सौंपे

फिलीपींस और चीन के बीच भी दक्षिण चीन सागर को लेकर विवाद है, जिसके पूरे हिस्से पर चीन अपना दावा करता है। चीन, दक्षिण चीन सागर का एक इंच भी फिलीपींस को नहीं देना चाहता है।

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 US-Philippines

US-Philippines News: चीन को काउंटर करने में अमेरिका को बहुत बड़ी कामयाबी मिल गई है और अब चीन की नाक के नीचे अमेरिका अपने विध्वंसक हथियारों की तैनाती कर सकेगा। अमेरिका और फिलीपींस में सैन्य बेस को लेकर बहुत बड़ा समझौता हो गया है और इस समझौते के बात ड्रैगन का आगबबूला होना तय माना जा रहा है। अमेरिका और फिलीपींस के बीच जो समझौता हुआ है, उसके मुताबिक अब फिलीपींस, संयुक्त राज्य अमेरिका को अपने सैन्य ठिकानों तक विस्तारित पहुंच प्रदान करेगा। दोनों देशों ने गुरुवार को विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता और स्व-शासित ताइवान पर तनाव के बीच बढ़ती चिंता के बीच ये समझौता किया है।

अमेरिका-फिलीपींस में बड़ा समझौता

अमेरिका-फिलीपींस में बड़ा समझौता

अमेरिका और फिलीपींस की रक्षा मंत्रालयों की तरफ से जो ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया गया है, उसमें कहा गया है, कि वाशिंगटन को 2014 के एक इनहेन्स्ड डिफेंस कॉपरेशन एग्रीमेंट (EDCA) के तहत चार और स्थानों तक पहुंच प्रदान की जाएगी। बयानों में कहा गया है, कि "फिलीपीन-अमेरिका गठबंधन समय की कसौटी पर खरा उतरा है और मजबूत बना हुआ है। हम उन अवसरों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो नई साइटों तक हमारे सहयोग को एक साथ विस्तारित करने के लिए अवसर पैदा करेंगी।" वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका ने घोषणा की थी, कि वह ईडीसीए के तहत मौजूदा पांच साइटों पर बुनियादी ढांचे के निवेश के लिए 82 मिलियन डॉलर से ज्यादा का आवंटन कर रहा है। EDCA संयुक्त प्रशिक्षण, उपकरणों की पूर्व-स्थिति और रनवे, ईंधन भंडारण और सैन्य आवास जैसी सुविधाओं के निर्माण के लिए फिलीपीन सैन्य ठिकानों तक अमेरिकी पहुंच की अनुमति देता है। हालांकि, ये उपस्थिति स्थाई नहीं होगी।

चीन को बहुत बड़ा झटका

चीन को बहुत बड़ा झटका

फिलीपींस में अमेरिकी सैन्य बेस का होना चीन के लिए बहुत बड़ा झटता है, क्योंकि अब अमेरिकी सेना चीन के दरवाजे के सामने 24 घंटे खड़ी रहेगी। वहीं, अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन वार्ता के लिए मनीला में थे और वाशिंगटन स्वयं शासित ताइवान के खिलाफ चीन के किसी भी आक्रामक कदम को रोकने के प्रयासों के तहत फिलीपींस में अपने सुरक्षा विकल्पों का विस्तार करना चाहता है। हालांकि, बयानों में यह साफ नहीं किया गया है, कि नए स्थान कहां होंगे। लेकिन, फिलीपींस के पूर्व सैन्य प्रमुख ने कहा था, कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने देश के उत्तरी हिस्से लुज़ोन, फिलीपींस के ताइवान के नजदीकी हिस्से और दक्षिण चीन सागर में विवादित स्प्रैटली द्वीपों का सामना करने वाले पालावान द्वीप पर अमेरिकी सैन्य ठिकानों तक पहुंच का अनुरोध किया था। अभी तक मनीला में चीनी दूतावास की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

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फिलीपींस-चीन के बीच कैसा रिश्ता?

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फिलीपींस और चीन के बीच व्यापारिक संबंध तो बढ़ता रहा है, लेकिन दक्षिण चीन सागर में दोनों देशों के बीच भारी विवाद रहा है। चीन किसी भी कीमत पर दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस को एक इंच जमीन भी नहीं देना चाहता है, लिहाजा चीन को काउंटर करने के लिए फिलीपींस, भारत से ब्रह्मोस मिसाइल भी खरीद चुका है। वहीं, अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर से गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में अपने समकक्ष कार्लिटो गालवेज के साथ मुलाकात से पहले मुलाकात की, जहां उन्होंने दक्षिण पूर्व एशियाई नेता को आश्वासन दिया है, कि "अमेरिका किसी भी तरह से आपकी मदद करने के लिए तैयार हैं"। मार्कोस, जिन्होंने मई में राष्ट्रपति चुनावों में अपनी भारी जीत के बाद से दो बार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ मुलाकात की है, उन्होंने दोहराया, कि वह अपने देश के लिए लंबे समय के लिए संधि सहयोगी के बिना भविष्य नहीं देख सकते। मार्कोस ने ऑस्टिन से कहा, कि "मैंने हमेशा कहा है, मुझे लगता है कि फिलीपींस का भविष्य और इस मामले में एशिया पैसिफिक को हमेशा संयुक्त राज्य अमेरिका को शामिल करना होगा।"

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English summary
Philippines has agreed to give its military base to America for its soldiers and this agreement is a big blow to China.
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