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गजब: पहाड़ पिघलने से बदल गई इन दो देशों की सीमा रेखा, अब परेशान है सरकारें, विवाद बढ़ा

स्विट्जरलैंड और इटली के बीच थियोडुल ग्लेशियर है, जो वाटरशेड रिफ्यूजियो गाइड डेल सर्विनो की ओर बढ़ गया है। ये ग्लेशियर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है और ये 3,480 मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।

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जर्मेट, जुलाई 26: कुदरत के खेल भी निराले हैं। इंसानों ने दशों के बीच सीमा रेखा बनाए, लेकिन प्रकृति को किसी सीमा रेखा से कोई मतलब नहीं है। क्या आप यकीन कर सकते हैं, कि पहाड़ पिघलने की वजह से स्विट्जरलैंड और इटली की सीमा रेखा बदल गई है और इस वजह से दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हो गया है। दोनों सरकारें परेशान हैं, कि अब नये सिरे से इस सीमा विवाद का हल कैसे करें।

ग्लेशियर पिघलने से सीमा रेखा बदली

ग्लेशियर पिघलने से सीमा रेखा बदली

स्विट्जरलैंड और इटली के बीच बर्फीले पहाड़ के पिघलने की वजह से दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हो गया है और इतालवी पर्वत लॉज को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, जहां पर दोनों देशों की सीमा रेखा अब तक थी, वहां पर एक नहर दोनों देशों की सीमा को विभाजित करती थी, और इसी नहर को दोनों देश सीमा रेखा मानते हैं। लेकिन ग्लेशियर पिघलने की वजह से अब स्थिति बदल गई है और पहाड़ के किसी भी तरफ से अब ये नहर बह सकता है, जिसकी वजह से विवाद ये शुरू हो गया है, कि ये पहाड़ अब किस देश का होगा और क्या नहर को ही सीमा रेखा विभाजन का निशान माना जाएगा?

पर्वत को लेकर शुरू हुआ विवाद

पर्वत को लेकर शुरू हुआ विवाद

स्विट्जरलैंड और इटली के बीच थियोडुल ग्लेशियर है, जो वाटरशेड रिफ्यूजियो गाइड डेल सर्विनो की ओर बढ़ गया है। ये ग्लेशियर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है और ये 3,480 मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। लेकिन अब विवाद शुरू हो गया है, कि आखिर ये ग्लेशियर किस देश का है। 59 साल के एक पर्यटक फ्रेडरिक, जो एल्प्स पर्वत पर रेस्टोरेंट में आए थे, उन्होंने मेन्यू कार्ड इटालियन भाषा में देखा, जर्मन में नहीं, जबकि उसपर जो कीमत लिखा था, वो स्विट्जरलैंड की मुद्रा में था और किसी पर्यटक के लिए ये काफी चौंकाने वाला था। लिहाजा, फ्रेडरिक ने काउंटर पर पूछा, कि 'इस वक्त हम इटली में हैं या फिर स्विट्जरलैंड में?' इस पर्वत को लेकर साल 2018 में दोनों देशों के बीच डिप्लोमेटिक वार्ता शुरू हुई थी और करीब एक साल तक बातचीत चलती रही, लेकिन इस वार्ता के विवरण को गुप्त रखा गया। वहीं, लोगों का कहना है कि, अब स्थिति और भी ज्यादा पेचीदा हो गया है।

पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है ये क्षेत्र

पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है ये क्षेत्र

जब साल 1984 में इस पर्वत पर पहली बार रेस्टोरेंट का निर्माण किया गया था, तो इसके 40 बिस्तर और लकड़ियों का मेज इटली के साइड में थी, लेकिन अब तकनीकी तौर पर इसका दो-तिहाई हिस्सा दक्षिणी स्विट्जरलैंड में आ चुका है। यह मुद्दा इसलिए सामने आया है, क्योंकि यह क्षेत्र, जो पर्यटन पर निर्भर है, दुनिया के सबसे बड़े स्की रिसॉर्ट में से एक है। वहीं, अब इस क्षेत्र में पर्यटकों को और भी ज्यादा आकर्षित करने के लिए केबल कार स्टेशन का भी निर्माण किया जा रहा है, जिसकी वजह से आने वाले वक्त में इस क्षेत्र का और भी ज्यादा विकास होगा और विकास के साथ ही विवाद भी बढ़ता चला जाएगा।

फ्लोरेंस में किया गया था एक समझौता

फ्लोरेंस में किया गया था एक समझौता

नवंबर 2021 में फ्लोरेंस में दोनों देशों के बीच एक समझौता किया गया था, लेकिन परिणाम केवल तभी सामने आएगा, जब स्विस सरकार उस पर मुहर लगाएगी और ऐसा माना जाता है, कि साल 2023 से पहले स्विस सरकार ऐसा नहीं करेगी। स्विट्जरलैंड की राष्ट्रीय मानचित्रण एजेंसी स्विसस्टोपो के मुख्य सीमा अधिकारी एलेन विच ने एएफपी को बताया कि, "हम अंतर को विभाजित करने के लिए सहमत हुए।" उनके काम में ऑस्ट्रिया, फ्रांस, जर्मनी, इटली और लिकटेंस्टीन के साथ स्विट्जरलैंड की 1,935 किलोमीटर की सीमा के साथ 7,000 सीमा चिह्नकों की देखभाल करना शामिल है। एलेन विच, जो इस वार्ता में शामिल हुए थे, उन्होंने कहा कि, जहां दोनों पक्षों ने समाधान खोजने के लिए इस बात पर सहमत हुए हैं, कि भले ही कोई भी पक्ष विजेता ना हो, लेकिन कोई भी पक्ष हारा हुआ ना लगे।

बर्फ में गायब सीमा रेखा

बर्फ में गायब सीमा रेखा

जहां इतालवी-स्विस सीमा अल्पाइन ग्लेशियरों को पार करती है, वहां की सीमा वाटरशेड लाइन का अनुसरण करती है। लेकिन 1973 और 2010 के बीच थियोडुल ग्लेशियर ने अपने द्रव्यमान का लगभग एक चौथाई हिस्सा खो दिया। इसने बर्फ के नीचे की चट्टान को उजागर कर दिया, जिससे यहां से निकलने वाली नहर का रास्ता बदल गया, और दोनों पड़ोसियों को अपनी सीमा के लगभग 100 मीटर लंबे खंड को फिर से बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा। एलन विच ने कहा कि, इस तरह के समायोजन अक्सर होते थे और आम तौर पर सीमावर्ती देशों के सर्वेक्षकों द्वारा रीडिंग की तुलना करके, राजनेताओं को शामिल किए बिना इसे तय कर लिया जाता था।

बनता जा रहा है जटिल मुद्दा

बनता जा रहा है जटिल मुद्दा

उन्होंने कहा, "हम उस क्षेत्र को लेकर झगड़ रहे हैं, जिसकी कोई कीमत नहीं है।" लेकिन उन्होंने कहा कि यह "एकमात्र स्थान है जहां हमें अचानक एक इमारत शामिल हो गई", जिससे इस क्षेत्र की कीमत काफी बढ़ गई है। वहीं, एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इटली के अधिकारियों ने इसे जटिल अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बताते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं, स्विसस्टोपो के पूर्व प्रमुख जीन-फिलिप एमस्टीन ने कहा कि, इस तरह के विवादों को आम तौर पर समान सतह क्षेत्र और मूल्य की भूमि के पार्सल का आदान-प्रदान करके हल किया जाता है। लेकिन, इस मामले में, "स्विट्जरलैंड को ग्लेशियर का एक टुकड़ा प्राप्त करने में कोई दिलचस्पी नहीं है," उन्होंने समझाते हुए कहा कि,"इटालियंस स्विस सतह क्षेत्र के नुकसान की भरपाई करने में असमर्थ हैं"।

शराब अभी भी है इटालियन

शराब अभी भी है इटालियन

हालांकि, 2018 से 2019 तक चले डिप्लोमेटिक वार्ता का नतीजा अभी तक गुप्त रखा गया है, लेकिन इस क्षेत्र की निगरानी करने वाले 51 साल के लुसियो ट्रुको को बताया कि यह इतालवी धरती पर रहेगा। उन्होंने कहा कि, ये रेस्टोरेंट इतालवी बना रहेगा, क्योंकि हम हमेशा से इतालवी रहे है। उन्होंने कहा कि, यहां के मेनू इतालवी है, शराब इतालवी है, और टैक्स इतालवी हैं।" वर्षों की बातचीत ने इस जगह के नवीनीकरण में देरी की है और सीमा के दोनों ओर के गांव बिल्डिंग परमिट जारी करने में सक्षम नहीं हैं। इसलिए 2023 के अंत में क्लेन मैटरहॉर्न पर्वत के इतालवी पक्ष में एक नई केबल कार के निर्धारित उद्घाटन के लिए काम समय पर पूरा नहीं किया है।

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English summary
The melting of the Alp glacier has triggered a border dispute between two European countries Italy and Switzerland.
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