अल-जवाहिरी की मौत पर क्या कह रहे हैं अफगानिस्तान के लोग, अमेरिका ने नागरिकों को दी चेतावनी
अल-कायदा सरगना की मौत के बाद अमेरिका ने अपने नागरिकों से सावधान रहने की सलाह दी है। वहीं, एक रिपोर्ट के मुताबिक, अफगान नागरिकों को अल-जवाहिरी के मारे जाने के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
काबुल/न्यूयॉर्क, 3 अगस्त : अफगानिस्तान में अल कायदा प्रमुख अल-जवाहिरी के मरने के बारे में कोई कुछ नहीं बोल रहा है। लोगों का कहना है कि, उन्हें जवाहिरी के बारे में कुछ भी नहीं मालूम है। वह कौन है करता क्या है। हम सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था के बारे में सोच रहे हैं, बाकी चीजों के लिए हमारे पास फुर्सत ही नहीं है। अल जवाहिरी के बारे में कुछ भी नहीं बोलना जनता का तालिबान के प्रति डर को दर्शाता है, या मामला कुछ और ही है। इस पर एक नजर डालते हैं।
अमेरिका ने कहा सावधान रहें लोग
अमेरिका ने आतंकी संगठन अल कायदा के चीफ अयमान अल जवाहरी को अफगानिस्तान में ड्रोन हमले में मार गिराया है। यह खबर बड़ी तेजी से काबुल में फैल गई, जिसे सुनकर लोग अचंभित हो गए। वहीं, दूसरी तरफ अल-कायदा चीफ के मारे जाने के बाद अमेरिका ने अपने नागरिकों को विदेश यात्रा करते वक्त सावधान रहने की हिदायत दी है।
तालिबान शासन में बोलने की आजादी पर पाबंदी
बता दें कि, तालिबान जब से अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुआ है, तब से लेकर अब तक वहां मानवाधिकारों का हनन ही हो रहा है। लोगों की बोलने की आजादी, महिलाओं को काम करने और लड़कियों के पढ़ने की स्वतंत्रता को छीन लिया गया है। ऐसे में अलकायदा चीफ अल जवाहिरी के मारे जाने की खबर पर अफगान नागरिक कुछ भी बोलने से हिचकिचाते नजर आ रहे हैं। बता दें कि, अल जवाहिरी पर 9/11 हमले का मुख्य आरोपी था और उस पर 25 मिलियन डॉलर का इनाम रखा गया था।
मुझे नहीं पता कैसे मरा अल-जवाहिरी
काबुल में लोग तालिबान शासन के कारण कुछ भी बोलने से डरते हैं। वाहन चालक मोहम्मद जमाल काबुल के शेरपुरा इलाके में रहते हैं। उनका कहना है कि, अल कायदा चीफ अल जवाहिरी और उसका परिवार उनके घर से कुछ ही दूरी पर एक दूसरे घर पर ठहरे थे। जमाल ने बताया कि उसे जवाहिरी की मौत के बारे में कुछ भी मालूम नहीं है।
कौन है अलजवाहिरी?
इससे लोग अंदाजा लगा सकते हैं कि, कैसे एक पड़ोसी इतने बड़े हमले के बाद भी कुछ भी बोलने से कतरा रहा है। जब अमेरिका ने एयरस्ट्राइक किया होगा तो कुछ तो हलचल हुई होगी। तो क्या तालिबान के डर से वहां की जनता के मुंह पर ताला लगा गया है। वहीं एक अफगान व्यापारी जो कि लंघमन का रहने वाला है, ने जो बात बताई वह और भी परेशान करने वाला है। वह इसलिए क्योंकि अल-जवाहिरी जैसे खतरनाक आतंकी को दुनिया जानती है, लेकिन यहां के लोगों को उसके बारे में कुछ भी मालूम नहीं है। क्या वे जानबुझकर कुछ भी कहने से डरते हैं। व्यापारी ने कहा कि, उन्हें नहीं मालूम की अल-जवाहिरी कौन है, वह कैसा दिखता है।
खबरों से नहीं रहते अपडेट, या मामला कुछ और है?
आज का समाचार माध्यम इतना मजबूत है कि, हजारों कोस दूर क्या हुआ, हो रहा है, इसकी जानकारी हमें मिल जाती है। लेकिन अफगान में शायद ऐसा नहीं है। यहां के लोगों को दुनिया में क्या हो रहा है इसकी कोई जानकारी नहीं है। इस बात में कितनी सच्चाई है कहा नहीं जा सकता लेकिन अल जवाहिरी की मौत को लेकर पूछे गए सवालों का किसी ने भी सटीक जवाब नहीं देना यह दर्शाता है कि या तो तालिबान के डर से वे कुछ नहीं बोल रहे है या हो सकता है कि, उन्हें इसकी कोई भी जानकार ना हो।
पेट पालने की चिंता में खबर से बेखबर हो रहे लोग
अल जज़ीरा ने अफगानिस्तान में, जमाल और अन्य लोगों से अल जवाहिरी को लेकर बात की। लोगों का कहना है कि, उन्हें खुद से फुरसत नहीं है, अल- जवाहिरी के बारे में क्या बात करें! उनका पूरा ध्यान देश की अर्थव्यवस्था और खुद की रोजी रोटी पर है। कैसे उनका पेट भरे, इस पर ही उनका सारा ध्यान रहता है। बाकी चीजों के लिए उनके पास फुर्सत नहीं है।
तालिबान शासन को नहीं मिली मान्यता
बता दें कि, तालिबान शासन को कई देशों ने अभी तक मान्यता नहीं दी है। इसके उलट अफगानिस्तान पर तालिबान के कारण कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। इस कारण देश और अफगान नागरिक अपने वर्तमान औऐर आने वाले भविष्य को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।
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