हिंडनबर्ग रिपोर्ट से हिला अडानी का साम्राज्य, पहली बार हुआ इतना बड़ा नुकसान, निवेशकों में मचा हाहाकार
अडानी कंपनियों के सात सूचीबद्ध स्टॉक दिन में 5% और 20% के बीच गिर गए हैं। शुक्रवार को खबर लिखे जाने तक अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड का शेयर 20 फीसदी गिर गया।
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गुरुवार के नेशनल हॉलिडे की छुट्टी के बाद आशंका के अनुरुप शुक्रवार को शेयर बाजार का रंग उतरा हुआ नजर आया। हालांकि शेयर बाजार का मूड इतना खराब रहेगा इसका अंदाजा कम लोगों को ही होगा। शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स में 1.45 फीसदी या 874 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं, नेशनल स्टॉक्स इंडेक्स का निफ्टी लगभग 300 गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है। इस सबसे पीछे की मुख्य वजह अडानी समूह के स्टॉक्स में गिरावट है। अमेरिका के हिंडेंनबर्ग रिसर्च के अडानी समूह के स्टॉक्स में शॉर्ट करने के रिपोर्ट के बाद बुधवार से ही अडानी समूह के शेयरों में गिरावट दिखनी शुरू हुई जो कि शुक्रवार को भी जारी रही।
20 फीसदी तक गिरे शेयर
अडानी कंपनियों के सात सूचीबद्ध स्टॉक दिन में 5% और 20% के बीच गिर गए हैं। शुक्रवार को खबर लिखे जाने तक अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड का शेयर 20 फीसदी गिर गया। अडानी टोटल गैस भी 20 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था। अडानी ग्रीन एनर्जी भी 20 फीसदी टूट गया है। अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज का शेयर 18.29 फीसदी से ज्यादा टूट गया। अडानी पोर्ट का शेयर 16.87, अडानी पावर का शेयर 5 फीसदी गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था।
7वें नंबर पर खिसके गौतम अडानी
फोर्ब्स बिलेनियर्स इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी की संपत्ति में एक दिन में 20 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है और वह अब सातवें नंबर पर आ चुके हैं। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 27 जनवरी को अडानी ग्रुप के 10 शेयरों का मार्केट कैप 24 जनवरी के 19.20 लाख करोड़ रुपये से 12 फीसदी गिरकर अब 16.83 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है। इस रिपोर्ट में देवेन चोकसी ने कहा, "ऐसी स्थिति खतरनाक है और यह साबित करती है कि डेरिवेटिव वास्तव में वित्तीय बाजारों में बड़े पैमाने पर विनाश के हथियार हैं।" उन्होंने कहा कि अडानी समूह के शेयरों में गिरावट ने निवेशकों की भावना को प्रभावित किया है और विश्वास का संकट पैदा किया है।
24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च जारी
आपको बता दें कि 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टेड अहम कंपनियों पर काफी कर्ज है। इसमें कहा गया है कि अडानी ग्रुप अपनी उन स्कीमों को प्रमोट करके शेयर मार्केट को कंट्रोल कर रही थी जो फ्राड हैं। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की कंपनियों को 85 फीसदी से ज्यादा ओवरवैल्यूड भी बताया गया है और बताया गया है कि इनकी वजह से ही ग्रुप पर संकट है।
अडानी ग्रुप पर लगे कई गंभीर आरोप
इसके साथ ही ये कहा गया है कि अडानी ग्रुप की कंपनियां कई वर्षों से स्टॉक हेरफेर में गड़बड़ी कर रही हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी ग्रुप के खिलाफ 4 बड़ी जांच हो चुकी है। जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और करप्शन जैसे आरोप लगे थे। अडानी परिवार के सदस्यों पर कथित तौर पर टैक्स हेवेन, जैसे- मॉरिशस, यूएई, कैरिबियाई द्वीपसमूहों में फर्जी कंपनियां खोलने के भी आरोप हैं। हालांकि, अडानी समूह ने इसे पूरी तरह से भ्रामक रिपोर्ट करार दिया है और इस रिपोर्ट को झूठ का पुलिंदा बताया है। अडानी ग्रुप का कहना है कि यह उसे बदनाम करने की साजिश है।
नाथन एंडरसन जिसकी एक रिपोर्ट से अडानी के अरबों डॉलर डूबे, 36 कंपनियों का कर चुके हैं काम तमाम
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