15 वर्ष बाद भी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में मुद्दा बना है 9/11
वाशिंगटन। नवंबर में अमेरिका में एक और राष्ट्रपति चुनाव होने हैं और यह भी अजीब बात है कि जिस वर्ष अमेरिका 45वें राष्ट्रपति के चुनावों में होगा उसी वर्ष वह अपने ऊपर हुए सबसे बड़े आतंकी हमले की 15वीं बरसी भी मना रहा है। वर्ष 2001 सितंबर में हुए आतंकी हमले आज भी राष्ट्रपति चुनावों में बहस का बड़ा मुद्दा है।
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9/11 के बहाने एक दूसरे पर हमले
रिपलिब्कन डोनाल्ड ट्रंप हों या फिर डेमोक्रेट हिलेरी क्लिंटन हों, दोनों ही इस समय 9/11 और आतंकवाद के बहाने वोट जुटाने में लगे हुए हैं।
दोनों ही नेता भले ही आईएसआईएस, साइबर सिक्योरिटी, अफगानिस्तान में ट्रूप्स का डेप्लॉयमेंट की बात हो या फिर मैक्सिको से आए अप्रवासियों का जिक्र हो। ये सारे मुद्दे कहीं न कहीं सितंबर 2001 में हुए हमले के आसपास ही घूमते हैं।
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वोटर्स को दिलाई हमलों की याद
इन सबसे ऊपर आज भी कई लोगों का मानना है कि अमेरिका 15 वर्ष बाद भी उतना ही संवेदनशील है जितना कि हमलों के समय था।
रविवार को हमलों की 15 बरसी से ठीक पहले ट्रंप और क्लिंटन दोनों ने ही वोटर्स के बीच उन हमलों की याद ताजा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
दोनों एक दूसरे की पार्टी और उसकी नीतियों को एक और 9/11 के होने की संभावना के लिए दोष दे रहे हैं।
क्या कहा था हिलेरी ने
हिलेरी क्लिंटन ने इस हफ्ते अपनी एक रैली में कहा था, 'वह आज तक उस खतरनाक दिन की भयावता को नहीं भूला पाई हैं।'
हिलेरी ने कहा कि हमलों के बाद न्यूयॉर्क के लोगों की बहादुरी ने उन्हें न्यूयॉर्क के सीनेटर और अमेरिका की विदेश सचिव के लिए काम करने को प्रेरित किया था।
हिलेरी के मुताबिक आज वह उसी प्रेरणा के दम पर अमेरिका की कमांडर इन चीफ के तौर पर अपने कर्तव्यों को अंजाम देना चाहती हैं।
हिलेरी की मानें तो अमेरिका को एक ऐसे कमांडर इन चीफ की जरूरत है जो सबको एक साथ रख सके और देश को मजबूत बना सके।
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क्या सोचते हैं ट्रंप
रिपलिब्कन डोनाल्ड ट्रंप अपने बयानों की वजह से विवादों में रहते हैं उन्होंने इस हफ्ते टैंपा में कहा था कि बहुत से अमेरिकी आज खुद को 9/11 वर्ष पहले की तुलना में कम असुरक्षित महसूस करते हैं। ट्रंप का कहना था कि ट्रिलियन डॉलर की रकम खर्च होने के बाद भी नागरिकों में सुरक्षा का भाव नहीं है।
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9/11 जैसे एक और हमले की चेतावनी
ट्रंप के मुताबिक राष्ट्रपति बराक ओबामा का पहला कार्यकाल जिसमें हिलेरी क्लिंटन विदेश सचिव थी, देश की सुरक्षा को कमजोर करने में कारगर रहा था।
ट्रंप ने एक रेडियो इंटरव्यू में कहा था कि सीरिया और मीडिल ईस्ट से आने वाले रिफ्यूजी आज अमेरिका के लिए फिर से एक नए 9/11 का खतरा बन गए हैं।
ट्रंप का दावा है कि अरने वाले समय में ऐसे हमले होंगे जिनकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी।
ट्रंप पेरिस आतंकी हमले, ओरलैंडो और सैन बर्नाडिनो में हुए हमलों के बाद से ही मुसलमानों और इस्लाम पर निशाना साधने में लगे हुए हैं।