सीरिया: संघर्षविराम के बावजूद जारी है बमबारी, अब तक मारे जा चुके हैं 500 लोग
सीरिया में सरकार की ओर से पांच घंटे तक संघर्षविराम को रोकने के बाद फिर से बमबारी की जा रही है। सरकार और विद्रोहियों के बीच जारी बमबारी का सिलसिला थम नहीं रहा है और कई निर्दोष लोग अब तक मारे जा चुके हैं।
दमिश्क। सीरिया में सरकार की ओर से पांच घंटे तक संघर्षविराम को रोकने के बाद फिर से बमबारी की जा रही है। सरकार और विद्रोहियों के बीच जारी बमबारी का सिलसिला थम नहीं रहा है और कई निर्दोष लोग अब तक मारे जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की ओर से सीरिया में 30 दिनों के संघर्षविराम की मांग के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद भी यहां मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। संघर्षविराम के कुछ ही घंटों बाद राजधानी दमिश्क के उपनगरीय क्षेत्र स्थित विद्रोहियों के कब्जे वाले पूर्वी घउटा में रविवार को सीरियाई सरकार की सेना ने हवाई हमले व बमबारी जारी रखी। रूस ने सीरिया की सरकार से अनुरोध किया था कि वह कुछ देर तक युद्ध को रोक दे ताकि नागरिक आसानी से निकलकर सुरक्षित जगहों पर पहुंच सकें। रविवार से जारी बमबारी में यहां पर 500 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें कई बच्चे भी शामिल हैं।
रूस
ने
की
संघर्षविराम
की
वकालत
रूस
ने
कहा
है
कि
वह
यूएनएससी
समझौते
के
तहत
सीरिया
में
संघर्ष
विराम
के
बाद
राजनीतिक
समझौते
की
प्रक्रिया
को
कमजोर
करने
की
कोशिशों
को
बुरी
तरह
दबाएगा।
समाचार
एजेंसी
शिन्हुआ
ने
रूसी
विदेश
मंत्रालय
के
हवाले
से
बताया
कि
रूस
सर्वसम्मति
से
पारित
'सुरक्षा
परिषद
समझौता
2401'
का
समर्थन
करता
है,
जिसके
अनुसार
सीरिया
में
कम
से
कम
30
दिन
का
संघर्ष
विराम
हो
तथा
वहां
मानवीय
सुविधाएं
और
आपातकालीन
चिकित्सकीय
सहायता
पहुंच
सके।
मंत्रालय
के
बयान
के
अनुसार
यह
संतोषजनक
है
कि
सुरक्षा
परिषद
ने
अस्ताना
प्रक्रिया
के
जमानती
देशों
ईरान,
रूस
और
तुर्की
द्वारा
चलाए
जा
रहे
कार्यो
पर
गौर
किया।
बयान
के
अनुसार,
रूस
संघर्ष
के
स्थायी
समझौते
और
आतंकवाद
के
खतरे
को
खत्म
करने
के
लिए
सीरियाई
दलों
के
साथ
काम
करना
जारी
रखेगा।
रूस
ने
दमिश्क
के
आग्रह
पर
सितंबर
2015
में
सीरिया
में
आतंकवादी
संगठनों
के
खिलाफ
सैन्य
अभियान
छेड़ा
था।
अब
तक
127
बच्चों
की
मौत
सीरियाई
सरकार
ने
रूसी
सेना
के
सहयोग
से
आतंकवादी
संगठन
इस्लामिक
स्टेट
द्वारा
पिछले
दो
साल
में
कब्जाए
अधिकांश
क्षेत्रों
को
वापस
पा
लिया
था।सरकारी
फौजी
दस्तों
और
जैश
अल-इस्लाम
(इस्मी
फौज)
के
बीच
भिडंत
के
बावजूद
एसओएचआर
ने
बताया
कि
पूर्वी
घौटा
में
सरकारी
फौजी
दस्तों
के
हमले
तेज
होने
के
बाद
से
शनिवार
की
रात
क्षेत्र
में
सबसे
अधिक
शांति
थी
और
वहां
कोई
हताहत
नहीं
हुआ।
यूएनएससी
ने
शनिवार
को
पूर्वी
घौटा
समेत
सीरिया
में
30
दिनों
का
राष्ट्रव्यापी
युद्ध
विराम
की
मांग
को
सर्वसम्मति
से
मंजूरी
दी
थी।
ताजा
आंकड़ों
के
मुताबिक,
पूर्वी
घौटा
में
किए
जा
रहे
तेज
हमलों
में
एक
सप्ताह
के
भीतर
127
बच्चों
समेत
करीब
500
लोग
मारे
गए
हैं।