
चीन की '50 सेंट आर्मी' खुलेआम कर रही इस्लाम और पैगंबर का अपमान, एक्स मुस्लिमों को दे रही बढ़ावा
चीन अब खुलेआम इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने लगा है। इस काम के लिए चीन ने अपनी एक विशेष सेना 'वुमाओ सेना' को लगाया हुआ है। यह सेना 50 सेंट आर्मी कही जाती है। इसका काम इस्लामी प्रतीकों का अपमान करना और ईशनिंदा करना है। न्यू यूरोप के प्रबंध संपादक थिओडोरोस बेनाकिस ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है।
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उइगुर समुदाय की धार्मिक भावनाओं का उड़ा रहे मजाक
पत्रकार और लेखक थिओडोरोस बेनाकिस ने लिखा है कि उइगरों के खिलाफ चीन की नरसंहार नीति एक नए चरण में पहुंच गई है। वुमाओ आर्मी जो कि एक सरकार समर्थक इंटरनेट ट्रॉलर है वह खुलेआम उइगुर समुदाय की धार्मिक भावनाओं का मजाक उड़ा रही है। 50 सेंट आर्मी सोशल मीडिया पर अक्सर मुसलमानों को चरमपंथी व आतंकवादी के रूप में प्रचारित करता है। ये ट्रोलर्स मुसलमानों को नीचा दिखाने और उन्हें अलग-थलग करने के साथ ही झिंजियांग में चीनी सरकार की नीतियों को लागू करने के लिए 'इस्लामाफोबिया' का इस्तेमाल कर रहे हैं।

चीनी सरकार का मिल रहा समर्थन
बेनाकिस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अनियंत्रित ट्रोलिंग और इस्लाम की निंदा ने सारी हदें पार कर दी हैं। उन्होंने कहा कि ये टिप्पणियां यदि दुनिया के किसी अन्य हिस्से में की जातीं तो जनता का आक्रोश बढ़ जाता, लेकिन चीनी सरकार ने इस ट्रोलिंग सेना को खुली छूट दे रखी है। वुमाओ आर्मी झिंजियांग में मुसलमानों के खिलाफ अभद्र भाषा फैलाने, इस्लाम का अपमान करने और बीजिंग में भेदभाव को सही ठहराने में सरकार की मदद करती है।

चीनी संस्कृति को मजबूत करने के लिए इस्लामोफोबिया का प्रचार
इससे पहले 2015 के चार्ली हेब्दो को लेकर हमले के बाद एक यूजर ने साफतौर पर कहा था कि धर्म का जातीयता से कोई लेना-देना नहीं है। हमारे देश की धार्मिक नीति और जातीय नीति में 108,000 मील की दूरी है। कोई भी यह शर्त नहीं रख सकता है कि एक निश्चित जातीय समूह को एक निश्चित धर्म में विश्वास करना चाहिए। लेखक ने बताया, हाल ही में चीन के मुसलमानों ने खुलासा किया कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नई चीनी संस्कृति नीति को मजबूत करने के लिए झिंजियांग और मुख्य भूमि में एक 'आकस्मिक अभ्यास' के रूप में 'इस्लामोफोबिया' का इस्तेमाल किया जाता है।

एक्स मुस्लिमों का करते हैं प्रचार
वीबो जिसे चीन का ट्विटर भी कहा जाता है, उसका इस्तेमाल एक्स मुस्लिमों यानी कि ऐसे मुस्लिम जिन्होंने इस्लाम छोड़ दिया है, उन्हें 'सही' ठहराने के लिए किया जाता है। कई चीनी नागरिकों ने नई संस्कृति नीति के लिए अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है और झिंजियांग से उइगुर मुसलमानों का सफाया करने पर सहमत हुए हैं। चीन में रहने वाले मुसलमानों ने इस नई साइबर सोशल प्रैक्टिस पर महीने भर की रिसर्च की और पाया कि ज्यादातर चर्चाओं में इस्लामोफोबिया को पेश करने वाले यूजर्स वुमाओ 50 सेंट आर्मी के तौर पर काम कर रहे हैं।

कुरान और हदीस की होती है अपमानजनक व्याख्या
यह समूह कुरान और हदीस को पढ़ता है और उनकी अपमानजनक तरीके से व्याख्या करता है। इस्लाम को एक नकारात्मक धर्म के रूप में मनोवैज्ञानिक स्वीकृति देने के लिए इस तरह की सामग्री को वीबो पर गलत संदर्भों के साथ पोस्ट किया जाता है। लेखन ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का विशेष जिक्र किया है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी चाहती है कि उनका देश केवल हान आबादी की मातृभूमि हो। उन्होंने कहा कि चीन शिंजियांग प्रांत में सांस्कृतिक नंरसंहार की नीति पर चल रही है।
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