...मिलिए बाइक पर सवार कटार लिए बीजेपी की 'दीदी' से
इंदौर। जब मान्यताएं नियम-कानून पर हावी हो जाएं तो चर्चा का विषय बन ही जाया करती हैं। इंदौर से बीजेपी विधायक ऊषा ठाकुर को उनके समर्थक 'दीदी' शायद सही ही कहते हैं। दीदी ऊषा ठाकुर कभी-कभार अपनी पुरानी बाइक कावासाकी पर निकलती हैं पर उनके साथ एक कटार जरूर होता है।
कटार स्वतंत्रता सेनानी भगत सिहं के परिवार वालों ने ऊषा ठाकुर को दो दशक पहले तोहफे के रूप में दिया था। जिसे वे हर वक्त क्रांतिकारी अंदाज़ में अपने साथ रखती हैं। 48 साल की ठाकुर कथित 'लव जेहाद' से निपटने के अपने तरीकों से राष्ट्रीय स्तर पर लोगों की नजरों में अपनी अलग छवि पेश करना चाहती हैं।
वह एक सर्वे का हवाला देते हुए बताती हैं कि हर साल 4.5 लाख हिन्दू महिलाएं नवरात्र के दौरान मुसलमानों के झांसे में आकर इस्लाम कबूल लेती हैं। ठाकुर का कहना है मुस्लिम युवा अपनी पहचान छुपाने के लिए ललाट पर तिलक के साथ कलाई में पवित्र धागा बांध लेते हैं। यहीं से बवाल की जड़ शुरु होने लगती है।
बीजेपी उपाध्यक्ष और पार्टी के सांस्कृतिक सेल की प्रभारी ऊषा ठाकुर इससे पहले नवरात्र में पारंपरिक गीत और कपड़ों को लेकर कैंपेन चला चुकी हैं। इस नवरात्र में पहली बार समग्र चेतना मंच के संयोजक के रूप में ऊषा ठाकुर ने 'लव जेहाद' को इस त्योहार के साथ जोड़कर पेश किया है।
पढ़ें-
तो
आज
हमारे
बीच
ना
होते
पीएम
मोदी
गौरतलब
हैि
क
ऊषा
ठाकुर
अपने
माता-पिता
की
पांच
संतानों
में
से
एक
हैं।
इनके
माता-पिता
इंग्लिश
पढ़ाते
थे।
पिता
ने
रिटायरमेंट
के
बाद
एक
गोशाला
बनवाई
व
अब
'दीदी'
के
इस
फरमान
से
पूरी
सियासत
में
चर्चाएं
तेज
हो
गईं
हैं।