मलेशिया ने क्यों दी जाकिर नाईक को शरण, ये है खतरनाक वजह
नई दिल्ली। लंबे समय से फरार चल रहे विवादित इस्लामिक धर्मगुरू जाकिर नाईक को पिछले महीने मलेशिया की एक मस्जिद में दिखाई दिए थे। मलेशिया की प्रमुख मस्जिद माने जाने वाली इस 'पुत्र मस्जिद' में प्रशंसकों ने जाकिर नाईक को घेर लिया और उनके साथ सेल्फी खिंचवाई। जाकिर नाईक यहां अपने बॉडीगार्ड के साथ आए थे। यह मस्जिद मलेशिया की राजधानी में स्थित है और वहां के प्रधानमंत्री और सरकार के अन्य मंत्री भी इस मस्जिद में नमाज पढ़ने आते हैं। बता दें कि भारतीय जांच एजेंसियों ने जाकिर नाईक के ऊपर अपराधिक मुकदमा दर्ज कर रखा है। जिसके बाद से ही वो फरार हैं लेकिन अब मलेशिया ने उन्हें शरण दिया है।
मलेशिया में पैर पसार रहा कट्टर इस्लाम
जाकिर नाईक की मलेशिया में काफी आवाभगत हो रही है। मलेशिया की सरकार और वहां के बड़े अधिकारी भी उन्हें काफी तवज्जो देते हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि जिस जाकिर नाईक पर इंग्लैंड ने भी बैन लगा रखा है, मलेशियाई सरकार उसकी मेहमाननवाजी क्यों कर रही है? आलोचकों की माने तो जाकिर नाईक को मलेशिया में मिली शरण इस बात का स्पष्ट संकेत है कि मलेशिया में भी अब कट्टर इस्लाम पैर पसार रहा है।
2013 से बढ़ा इस्लाम का प्रभाव
मलेशिया एक मुस्लिम बहुसंख्यक वाला देश है। यहां ईसाई, हिंदू और बोद्ध धर्म अल्पसंख्यक है। अभी तक मलेशिया की छवि की उदार इस्लामिक देख की रही है। लेकिन हाल ही में पीएम नजीब रजाक के कार्यकाल के दौरान इस्लाम का राजनीतिक इस्तमेमाल बढ़ा है। 2013 के चुनावों में नजीब रजाक ने पॉपुलर वोट खो दिया था जिसके बाद से उन्होंने जनता को लुभाने के लिए इस्लाम की राह पकड़ी और कई मुस्लिम तुष्टीकरण वाले फैसले लिए। 2018 में यहां फिर से चुनाव बोने वाले हैं।
भारत ने मलेशिया से नहीं किया कोई अनुरोध
सिंगापुर के अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषण राशद अली ने बताया कि जाकिर नाईक मलेशियाई लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है जिसकी वजह से वहां की सरकार उसकी मेहमाननवाजी कर रही है। अगर मलेशियाई सरकार जाकिर नाईक को निकाल देगी तो वह जनता में अपनी धार्मिक विश्वसनीयता को खो देगी। वहीं मलेशिया के उप प्रधानमंत्री अहमद जाहिद हमीदी ने कहा कि नाईक को 5 साल पहले ही सरकार ने स्थानीय निवास दे दिया था। जाकिर नाईक ने मलेशिया में हुए कोई कानून नहीं तोड़ा है इसलिए उन्हें गिरफ्तार करने की कोई वजह नहीं बनती। भारत सरकार ने भी उनसे जाकिर नाईक से संबंध में अभी तक कोई अनुरोध नहीं किया है। बता दें कि भारत में एनआईए ने नाईक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों को फंड मुहैया कराने के मामले में चार्जशीट दाखिल कर रखी है।
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