Year 2019: चुनावों भरा होगा साल 2019, लोकसभा चुनाव सहित इन राज्यों में होंगे विधानसभा चुनाव
नई दिल्ली। नए साल शुरू होने में बस अब कुछ दिन ही बचे हुए हैं। 2019 के इस साल पर कईयों की नजर है। राजनीतिक दृष्टिकोण से भी यह साल काफी खास होने वाला है। क्योंकि 2019 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके अलाव कुछ राज्य भी हैं जहां पर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में आज हम 2019 में लोकसभा चुनाव के अलावा किन-किन राज्यों में विधानसभा चुनाव होले वाले उसके बारे में विस्तृत जानकारी देंगे। इसकी शुरुआत हम लोकसभा चुनाव से करेंगे और फिर राज्य वार विधानसभा चुनाव और राजनीतिक गणित के बारे में बताएंगे।
नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे कठिन अग्निपरीक्षा
2019 के मध्य में लोकसभा चुनाव होंगे। 3 जून को नरेंद्र मोदी सरकार का कार्यकाल खत्म हो रहा है। ऐसे में उससे पहले ही यानी अप्रैल और मई में ही आम चुनाव हो सकते हैं। ऐसे इस चुनाव को एनडीए और नरेंद्र मोदी सरकार की अग्निपरीक्षा माना जा रहा है। बता दें कि देश में लोकसभा की कुल 543 सीटें हैं। अब राजनीतिक पार्टियों की बात करें तो अभी से ही चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं। इस चुनाव को इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि एक तरफ एनडीए और मोदी सरकार है तो दूसरी ओर बाकी दल एकजुट होने की कोशिश में लगे हुए हैं। लेकिन आखिरी फैसला देश की जनता ही करेगी कि आखिर सत्ता की गद्दी किस पार्टी को दी जाए और किसको विपक्ष में रखा जाए। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खाते में 282 सीटें आई थी और नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का शपथ दिलाया गया था।
ओडिशा में नवीन पटनायक के लिए खास रहेगा साल 2019
2019 में होने वाले विधानसभा चुनावों की बात करें तो सूची में सबसे पहला नाम ओडिशा का है। 2019 में ओडिशा की नवीन पटनायक की सरकार के पांच साल पूरे हो रहे हैं ऐसे में यहां भी विधानसभा चुनाव होंगे। कहा ये भी जा रहा है कि ओडिशा की 147 सीटों वाली विधानसभा चुनाव के परिणाम लोकसभा चुनाव के साथ ही आएंगे। ओडिशा में फिलहाल बीजू जनता दल (बीजद) की सरकार है और नवीन पटनायक यहां के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजद को 117 सीटें मिली थी जबकि कांग्रेस को 15, भाजपा को 10 और एसकेआई और सीपीआई को एक-एक सीटें मिली थी। वहीं निर्दलीय के खाते में 2 सीटें आई थीं।
आंध्र प्रदेश में एन चंद्रबाबू नायडू की अग्निपरीक्षा
2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश का नाम भी है। आंध्र प्रदेश में फिलहाल तेलुगू देशम पार्टी पार्टी के एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार है। राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू हो गई है। 2019 लोकसभा चुनाव और राज्य में विधानसभा चुनाव को देखते हुए चंद्रबाबू नायडू कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुके हैं। गठबंधन की वजह से राज्य की राजनीति में हलचल पैदा हो गई है। बता दें कि साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में चन्द्र बाबू नायडू के नेतृत्व में तेलुगू देशम पार्टी 294 सीटों में से 117 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। इसके बाद चंद्रबाबू नायडू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। आंध्र प्रदेश में भी मई और जून के बीच में चुनाव हो सकते हैं।
महाराष्ट्र में सीएम देवेंद्र फडणवीस के लिए चुनौती भरा रहेगा 2019
विधानसभा चुनाव के हिसाब से 2019 का साल देवेंद्र फडणवीस के लिए भी खास होने वाला है। लोकसभा चुनाव के बाद या फिर उसके साथ ही महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। फडणवीस के लिए यह चुनाव इसलिए खास है क्योंकि पिछली बार मोदी लहर थी और राज्य में बीजेपी ने आसानी से जीत हासिल करते हुए सत्ता हासिल कर ली। लेकिन इस बार महाराष्ट्र में राजनीतिक माहौल पिछली बार से काफी अलग नजर आ रहा है। क्योंकि अधिकतर पार्टियां एकजुट होती हुई नजर आ रही हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना का रूख भी कभी बीजेपी के साथ रहता है तो कभी खिलाफ में खड़ी हो जाती है इसलिए यह चुनाव बीजेपी और देवेंद्र फडणवीस के लिए आसान नहीं होने वाला है। बता दें कि 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 19 अक्टूबर हुई मतगणना में भारतीय जनता पार्टी 123 सीटें हासिल कर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी और सत्ता की गद्दी हासिल की। चुनाव परिणाम में कांग्रेस तीसरे स्थान पर खिसक गई।
हरियाणा में खट्टर सरकार के हो रहे पांच साल पूरे
2019 में हरियाणा में बीजेपी की मनोहर लाल खट्टर सरकार के भी पांच साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में सितंबर-अक्टूबर के महीने में यहां भी चुनाव हो सकते हैं। खट्टर सरकार और बीजेपी के लिए यह चुनाव काफी अहम है। क्योंकि यहां पर पहले से ही बीजेपी की सत्ता है। ऐसे में बीजेपी चाहेगी कि किसी भी हाल में वो राज्य की गद्दी हासिल करें। दूसरी ओर विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी चुनाव की तैयारियों में अभी से जुट गई है।भ जबकि 2014 में दूसरे नंबर पर रही इंडियन नेशनल लोकदल भी राज्य की राजनीति में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है। बता दें कि 2014 में 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में हुए चुनाव में बीजेपी को 47 सीटें प्राप्त हुई थी। इसके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी और दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस के खाते में केवल 15 सीटें आईं।
अरुणाचल में भी खत्म हो रहा पेमा खांडू की सरकार का कार्यकाल
चुनाव के लिहाज से अरुणाचल प्रदेश के लिए भी 2019 का साल काफी खास रहने वाला है। क्योंकि 1 जून 2019 को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू की सरकार का कार्यकाल खत्म हो रहा है। ऐसे में अरुणाचल प्रदेश में भी चुनाव की गहमा गहमी रहेगी। फिलहाल यह राज्य बीजेपी के कब्जे वाला राज्य है। यहां का विधानसभा चुनाव 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के साथ ही हुआ था। जिसके बाद कांग्रेस बहुमत में आई और सरकार भी बनी। लेकिन 2016 के आखिरी महीनों में कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी में शामिल हो गए जिसकी वजह से वर्तमान समय में अरुणाचल में बीजेपी की सरकार है। राज्य में विधानसभा की कुल 60 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 31 सीटों की जरूरत होती है। राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू मुक्तो विधानसभा सीट से विधायक हैं।
सिक्किम में चामलिंग की अग्निपरीक्षा
चुनाव के हिसाब से 2019 का साल सिक्किम के लिए भी खास है। सिक्किम में कुल 32 विधानसभा सीटें हैं। सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग 12 दिसंबर को मुख्यमंत्री के रूप में अपना 20वां साल पूरा कर लिए हैं। चामलिंग के साथ सबसे खास बात ये हैं कि इनकी पार्टी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) ने 2009 में हुए विधानसभा चुनाव मेमं 32 सोटों में से 32 पर जीत हासिल करने में सफल रही। ऐसे में यहां पर किसी दूसरे दल को राज्य में पैरा जमाना आसान नहीं होगा। क्योंकि राज्य की जनता का पूरा सपोर्ट चामलिंग को है।