पहलवान दिव्या का दर्द छलका, कहा- पैसों के लिए लड़कों से भी कुश्ती लड़ी, केजरीवाल सरकार से मदद नहीं मिली
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेल 2022 में भारत को कुश्ती में कांस्य पदक दिलाने वाली पहलवान दिव्या काकरान का दर्द छलक उठा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार से लिखित गुजारिश करने के बावजूद उन्होंने कई मदद नहीं दी गई। wrestler Divya
नई दिल्ली, 11 अगस्त : भारत की विडंबना है कि जरूरत के मौके पर अक्सर प्रतिभाशाली लोग मदद से महरूम रह जाते हैं और कामयाबी मिलने पर बधाईयों का तांता लग जाता है। सात समंदर पार बर्मिंघम में आयोजित Commonwealth Games 2022 (CWG 2022) में इस बार कई खिलाड़ियों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन किया। टीम इंडिया ने कुल 61 पदक अपनी झोली में डाले। पदकवीरों में एक नाम भारत की बेटी रेसलर दिव्या काकरान का भी है। पहलवान दिव्या ने कुश्ती में कांस्य पदक जीता। हालांकि, इस जीत का रंग और भी सुनहरा हो सकता था, अगर सरकारी तंत्र की ओऱ से दिव्या को जरूरी मदद मिलती। उन्होंने बताया है कि दिल्ली सरकार की ओर से उन्हें बुनियादी मदद भी नहीं मिली। बर्मिंघम से भारत लौटने के बाद आज दिव्या का दर्द छलक उठा।
लड़कों से कुश्ती लड़ी
पहलवान दिव्या काकरान भारत की तरफ से फ्रीस्टाइल कुश्ती में CWG गेम्स का हिस्सा बनीं। उन्होंने गुरुवार को प्रेस वार्ता में कहा, मैं इतने लंबे समय से कुश्ती लड़ रही हूं। लड़कियों से लड़ने पर कोई पैसों का भुगतान नहीं करता था, इसलिए आजीविका और पोषण के लिए लड़कों से कुश्ती लड़ी। 2017 तक, मैंने दिल्ली के लिए 58 पदक जीते।
सीएम से मिला कोरा आश्वासन
मीडिया से बात करते हुए कुश्ती के खेल में सरकार की ओर से मिलने वाली मदद पर पहलवान दिव्या काकरान ने बताया, 2017 में एशिया में पदक जीतने के बाद सीएम केजरीवाल से मिली। बकौल दिव्या आज से पांच साल पहले CM ने कहा था, जरूरतों को रेखांकित कर अगर उन्हें लिखित पत्र दिया जाए। सीएम ने मदद का आश्वासन दिया था।
इंग्लैंड में मेडल जीतने के बाद CM से अपील
पहलवान दिव्या ने कहा, उन्होंने CM केजरीवाल को अपनी जरूरतों के आधार पर पत्र लिखा, लेकिन आज तक मेरे पास कभी जवाब नहीं आया। उन्होंने आरोप लगाया कि पोषण, यात्रा या किसी भी अन्य खर्च में दिल्ली सरकार ने उनकी किसी भी तरह से मदद नहीं की। बता दें कि दिव्या ने इंग्लैंड में कांस्य जीतने के बाद दिव्या ने 4 साल पुरानी वीडियो रीट्वीट की। इसमें उन्होंने दिल्ली में CM केजरीवाल से कहा था कि उन्हें और उनके जैसे तमाम खिलाड़ियों को सरकार से मदद मिलनी चाहिए, जिससे भारत समेत दिल्ली के खिलाड़ी और पदक जीत सकें।
यहां देखिए वीडियो
इस कारण UP से लड़ना शुरू किया
कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीतने वाली पहलवान दिव्या काकरान ने कहा, वे अत्यधिक गरीब परिवार से आती हैं। उनके पास यात्रा करने तक के पैसे नहीं थे। उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद कर कहा, ट्रेन में जेनरल बोगी और शौचालयों के बगल में बैठकर प्रतियोगिताएं खेलने जाती थी। दिल्ली सरकार ने कभी हमारी मदद नहीं की। जिस कारण 2018 में यूपी से कुश्ती लड़नी शुरू की।
UP और हरियाणा सरकार से मिली मदद
भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान दिव्या काकरान के मुताबिक साल 2019 में यूपी सरकार ने मुझे रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार दिया। 2020 में उन्होंने मुझे आजीवन पेंशन दी। CWG 2022 में मेडल जीतने पर बुधवार को 50 लाख रुपये और एक राजपत्रित अधिकारी के रैंक वाली पोस्ट देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार और यहां तक कि हरियाणा सरकार से भी मदद मिली, लेकिन लेकिन दिल्ली कभी मदद के लिए आगे नहीं आई।
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चार साल पहले मिला आश्वासन
बता दें कि दिव्या ने सितंबर 2018 की वीडियो ट्वीट कर लिखा था कि समय खुद को दोहराता है। समाचार एजेंसी ANI की इस वीडियो में दिव्या केजरीवाल से कहती हैं कि एशियन गेम्स में पदक जीतने के बाद सरकारी मदद का आश्वासन मिला, लेकिन मेरा फोन तक नहीं उठाया गया।
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पहलवान दिव्या के आरोप पर उचित कार्रवाई का आश्वासन
बता दें कि इंग्लैंड से इंडिया आने के बाद दिव्या का एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया था। हालांकि, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिव्या को मेडल जीतने पर बधाई दी, तो दिव्या ने ट्विटर पर अपने जवाब में उन्हें चार-पांच साल पुराने वादों की याद दिलाई। उन्होंने लिखा, "जिस तरह आप अन्य खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं जो दिल्ली के होकर किसी ओर स्टेट से भी खेलते है उसी तरह मुझे भी सम्मानित किया जाये।" पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने दिव्या के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।