MP के फॉर्मूले को UP में दोहराकर मोदी की राह रोकेगा बसपा-कांग्रेस गठजोड़
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन की जल्द ही घोषणा की जा सकती है। मध्यप्रदेश में बसपा 230 विधनसभा सीटों में से 50 सीटें मांग रही है तो वहीं वो छत्तीसगढ़ में 90 में से 14 सीटें मांग रही है। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पार्टी जल्द ही बीएसपी के साथ सीट बंटवारे के फॉर्मूले को तय कर लेगी और दोनों दल साथ मिलकर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को टक्कर देंगे। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में अगर कांग्रेस और बसपा का गठबंधन होता है और कुछ सफलता मिलती है तो ये उत्तर प्रदेश में भी दोनों दलों के बीच गठबंधन के लिए रास्ता साफ कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के समीकरण कई तरह से बदल सकते हैं।
सूत्रों ने कहा है कि कांग्रेस और बीएसपी गठबंधन को अगर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में वोटों के समीकरण को बदलने में थोड़ी भी सफलता हासिल हो जाती है तो दोनों दल उत्तर प्रदेश में इसका फायदा उठा सकते हैं। बद्री नारायण जैसे राजनीतिक विश्लेषक का मानना है कि अगर उत्तर प्रदेश में दलित और ब्राह्मण हाथ मिलाते हैं तो वो राज्य में किसी भी दल को जीता सकते हैं। इसके अलावा अगर मुस्लिम मतदाता भी इसमें जुड़ जाता है तो ये स्थिति अजेय बन जाती हैं।
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महागठबंधन की नहीं होगी जरूरत
उत्तर
प्रदेश
में
विपक्षी
महागठबंधन
की
बात
हो
रही
है
इसका
एक
नजारा
कैराना
और
नूरपुर
उपचुनाव
में
दिख
चुका
है
जहां
बीजेपी
को
हार
का
सामना
करना
पड़ा।
लेकिन
इस
महागठबंधन
में
कांग्रेस
की
स्थिति
मजबूत
होगी
इसे
लेकर
कांग्रेस
आश्वस्त
नहीं
है।
पार्टी
का
राज्य
में
आधार
तो
है
लेकिन
सीटों
के
आंकड़ों
में
वो
महागठबंधन
में
बड़ा
दावा
पेश
नहीं
कर
सकती
है।
इसलिए
अगर
कांग्रेस
और
बीएसपी
साथ
आ
जाती
हैं
और
उन्हें
समाजवादी
पार्टी
और
दूसरे
दलों
का
भी
साथ
नहीं
मिलता
है
तो
भी
उनका
गठजोड़
ना
सिर्फ
बीजेपी
बल्कि
दूसरे
दलों
के
भी
समिकरण
बिगाड़
सकता
है।
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के
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जाएगा
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बीजेपी से अगड़े नाराज
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अगड़ी जातियां बीजेपी से कई मामलों को लेकर नाराज चल रही हैं। यदि कांग्रेस और बीएसपी हाथ मिला लेती हैं तो अगड़ी जातियों का झुकाव कांग्रेस की ओर हो सकता है। अभी ये जातियां अनिश्चिता की स्थिति में हैं क्योंकि अभी तक उनके सामने बीजेपी को वोट देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। नाम ना उजागर करने की शर्त पर एक ब्राह्मण बीजेपी नेता ने कहा कि स्थिति ऐसी भी बन सकती है कि अगड़ी जाति के मतदाता किसी को भी वोट ना दे और अगर ये हुआ तो इससे बीजेपी को नुकसान पहुंचेगा। ऐसे हालात में भी कांग्रेस-बसपा गठबंधन को फायदा हो सकता है।
दलित वोट बैंक बड़ा फैक्टर
कांग्रेस और बीएसपी का गठबंधन उत्तर प्रदेश में इस वजह से भी काम कर सकता है कि मध्यप्रदेश की एक बड़ी सीमा उत्तर प्रदेश के साथ लगती है और यहां मध्यप्रदेश के चुनावों के साथ ही असर दिखना शुरू हो जाएगा। कांग्रेस बसपा को मध्यप्रदेश में 20-22 सीटें और छत्तीसगढ़ में सात से नौ सीटें देना चाहती है। दोनों में बात हो रही है लेकिन ये भी साफ है कि दोनों गठबंधन करने के लिए बेहद इच्छुक हैं। मध्यप्रदेश में दलितों की आबादी 15 प्रतिशत है और छत्तीसगढ़ में 11.6 प्रतिशत है यही वजह है कि कांग्रेस, बीएसपी के साथ गठबंधन करना चाहती है। उत्तर प्रदेश में दलित करीब 21 फिसदी हैं और अगर उत्तर प्रदेश में भी गठबंधन होता है तो कांग्रेस वहां इसमें जूनियर पार्टनर होगी।
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