Rajasthan Assembly Elections 2018: क्या पीएम मोदी लगा पाएंगे बीजेपी की नैया पार
नई दिल्ली। क्या प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का करिश्मा राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी को लगातार गठबंधन के लिए चुनाव जीतने के लिए काम करेगा, जहां पार्टी सरकार के सभी तीन राज्यों की सबसे खराब विरोधी सत्ता का सामना कर रही है। या यह कुछ भी बेहतरी के लिए अब बहुत देर हो चुकी है? राजस्थान में बीजेपी की 10 दिनों में 10 रैलियों की योजना है। बीजेपी के सूत्रों ने वनइंडिया को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी दौरे की शुरुआत अलवर से होगी। वे 23 नवंबर को अलवर में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। चार दिसंबर तक प्रधानमंत्री राजस्थान में दस चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे।
राजस्थान में नामांकन की प्रक्रिया 12 नवंबर से शुरू होगी और 19 नवंबर तक चलेगी। इसके बाद 23 नवंबर से देश भर के बड़े नेताओं की चुनाव प्रचार दौरों की शुरुआत होगी। इसके तहत ही राजस्थान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरों को अंतिम रूप दे दिया गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, अलवर के बाद मोदी 26 नवंबर को जयपुर और भीलवाड़ा में रैली करेंगे। इसके बाद 27 नवंबर को नागौर और कोटा, 28 नवंबर डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम और दौसा जिले के नांगल में भी प्रधानमंत्री की रैली होगी। इस तरह लगातार तीन दिन मोदी राजस्थान को देंगे। इसके बाद चार दिसंबर को हनुमानगढ़, सीकर और जोधपुर में प्रधानमंत्री की चुनावी सभाएं होंगी।
पार्टी के टिकटों का फैसला करने के लिए सर्वेक्षण करने के बावजूद, बीजेपी केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और अमित शाह की टीम के पर्यवेक्षण के तहत आधा उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची घोषित करने में सक्षम रही है। पार्टी में सूत्रों का मानना है, 16 नवंबर तक पूरी सूची की घोषणा की जाएगी। प्रधानमंत्री राजस्थान में अधिकतम रैलियों को संबोधित करेंगे और वह एकमात्र उम्मीद है यदि पार्टी राज्य में अपना प्रदर्शन सुधारना चाहती है तो।