NSC के चीफ पीसी मोहन ने इस्तीफे पर कहा - मोदी सरकार नौकरियों के आंकड़े नहीं जारी कर रही थी
नई दिल्ली: राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (NSC)के चेयरपर्सन पीसी मोहनन ने इस्तीफे देने के बाद कहा कि वो अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभा पा रहे थे। इसलिए उन्होंने अपना पद छोड़ने का फैसला किया। पीसी मोहनन उन दो स्वतंत्र सदस्यों में थे जिन्होंने इस हफ्ते एनएससी से इस्तीफा दिया। इंडिया टुडे टीवी ने जब मोहनन से उनके और जेवी मीनाक्षी के इस्तीफे की वजह को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि हमें साइडलाइन किया जा रहा था। इन दोनों के इस्तीफे के बाद इस कमीशन में अब सिर्फ दो लोग बच गए हैं। मुख्य सांख्यिकीविद् प्रवीण श्रीवास्तव और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ही अब राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग में हैं।
पीसी मोहनन-NSSO के आकंड़े जारी करने में देरी
एनएसी
का
स्वतंत्र
सदस्य
होने
के
साथ-साथ
पीसी
मोहनन
इसके
कार्यकारी
अध्यक्ष
भी
थे।
पीसी
मोहनन
ने
कहा
कि
बेरोजगारी
को
लेकर
नेशनल
सैंपल
सर्वे
ऑर्गनाइजेशन
(NSSO)के
आंकड़े
जारी
होने
में
देरी
की
वजह
से
उन्होंने
और
जेवी
मीनाक्षी
ने
एनएसी
छोड़ा।
गौरतलब
है
कि
एनएसएसओ
केंद्रीय
एजेंसी
है
जो
बड़े
सर्वे
करती
है।रोजगाार
को
लेकर
एनएसएसओ
की
सर्व
रिपोर्ट
दिसंबर
2018
मेंजारी
नहीं
की
गई
थी।
मोहनन
ने
कहा
कि
राष्ट्रीय
सांख्यिकी
आयोग
ने
जनवरी
2019
में
रोजगार
रिपोर्ट
जारी
करने
की
सिफारिश
की
गई
थी।
जो
अभी
तक
वेबसाइट
में
नहीं
है।
मोहनन
ने
इसे
इस्तीफे
की
एक
वजह
बताते
हुएकहा
कि
हमने
जनवरी
2019
में
इस
रिपोर्ट
को
जारी
करने
की
सिफारिश
की
थी।
बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार निशाने पर
बेरोजगारी की जगह रोजगार देने का मुद्दा नरेंद्र मोदी सरकार में काफी विवादों में है और सरकार को इसे लेकर आलोचना का सामना भी करना पड़ा है। नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की पांच सालों में पर्याप्त रोजगार ना देने को लेकर आलोचना हो रही है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी हर रोज़ केंद्र सरकार पर रोजगार ना देने को लेने को लेकर हमला कर रहे हैं। वहीं सरकार इन आलोचनाओं को खारिज करती है। उसका मानना है कि उसकी शुरू की गई योजनाओं से लाखों नौकरियां पैदा हुई हैं।
विजय गोयल- मुद्दा ज्यादा गंभीर नहीं
पीसी मोहनन से जब नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन के आकंड़ों से बेरोजगारी की तस्वीर को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि आंकड़े जारी होने तक वो इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि आंकड़े जारी होने के बाद बेरोजगारी की सही तस्वीर सामने आएगी। सर्वे करने की प्रक्रिया ऐसी है कि कोई भी व्यक्ति इसमे नहीं छूटेगा जिसके पास रोजगार है।
वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री विजय गोयल का कहना है कि इस मुद्दे को जितना गंभीर बताया जा रहा है वो नहीं है। गोयल ने कहाकि सरकार आम तौर पर पांच सालों में एनएसएसओ का डेटा जारी करती है। लेकिन एनएसी एक बार करती है। हम बचा हुआ डेटा आज शाम को जारी कर देंगे। रिपोट्स के मुताबिक मंत्रालय इस्तीफा देने वालेसदस्यों के साथ देर शाम मीटिंग कर सकती है।