असम की कॉटन यूनिवर्सिटी क्यों कहलाती है मुख्यमंत्रियों की नर्सरी? हिमंत बिस्वा सरमा का है दो-दो कनेक्शन
गुवाहाटी, 10 मई: हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को असम के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। वह राज्य के सातवें मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने गुवाहाटी के प्रतिष्ठित कॉटन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। यहां तक कि प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई भी इसी यूनिवर्सिटी के छात्र हुआ करते थे। यह यूनिवर्सिटी असम में ही नहीं, पूरे पूर्वोत्तर की सबसे पुरानी उच्च शिक्षा संस्थान है, जिसका इतिहास करीब सवा सौ साल पुराना है। लेकिन, जहां तक बात असम के नए मुख्यमंत्री की है तो उनका इस यूनिवर्सिटी से नाता एक छात्र होने से भी आगे निकल चुका है और वह कनेक्शन भी अपने आप में एक इतिहास बन चुका है।
कॉटन यूनिवर्सिटी: मुख्यमंत्रियों की नर्सरी!
गोपीनाथ बोरदोलोई के बाद और हिमंत बिस्वा सरमा से पहले असम के जिन 5 मुख्यमंत्रियों ने कॉटन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी, उनमें महेंद्र मोहन चौधरी, सरत चंद्र सिन्हा, जोगेंद्र नाथ हजारिका, हितेश्वर सैकिया और भुमिधर बर्मन शामिल हैं। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि कॉटन यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा सिर्फ 7 मुख्यमंत्रियों को शिक्षा देने से ही नहीं जुड़ी है, यहां राज्य के पहले 'प्रधानमंत्री'(स्वतंत्रता से पहले) सैयद मोहम्मद सादुल्ला ने भी पढ़ाई की थी। यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने से पहले यह कॉटेन कॉलेज के नाम से जाना जाता था, जिसकी स्थापना 1901 में असम के तत्कालीन चीफ कमिश्नर सर हेनरी जॉन स्टेडमैन कॉटन ने की थी। एक से एक राजनेताओं को पैदा करने की वजह से कॉटन कॉलेज को असम के बेहतरीन नेताओं की नर्सरी या मुख्यमंत्रियों की फैक्ट्री भी कह दिया जाता है।
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कॉटन कॉलेज से ही राजनीति में आ गए हिमंत बिस्वा सरमा
असम के नए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 1985 में कॉटन कॉलेज में दाखिला लिया था। उससे पहले उन्होंने गुवाहाटी के कामरूम एकैडमी स्कूल में स्कूली शिक्षा हासिल की थी। बाद में उन्होंने 1990 में इसी कॉलेज से ग्रेजुएशन और 1992 में यहीं से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट-ग्रेजुएशन का कोर्स पूरा किया था। सरमा ने यहां पर पढ़ाई करके राजनीति की सिर्फ सैद्धांतिक शिक्षा ही नहीं पाई, बल्कि 1991 से 1992 के बीच कॉटन कॉलेज स्टूडेंट यूनियन के महासचिव के तौर पर राजनीति में शुरुआती हाथ भी आजमाया था। उन्होंने कुल सात साल यहां बिताए और पढ़ाई के साथ-साथ जमीनी राजनीति का हुनर भी सीखा।
कॉटन कॉलेज को हिमंत ने ही दिया यूनिवर्सिटी का दर्जा
हालांकि, कॉटन कॉलेज में पढ़ने वाले बाकी 6 मुख्यमंत्रियों का यहां से कोई और खास वास्ता तो नहीं रहा है, लेकिन हिमंत ने कॉटन कॉलेज के लिए एक खास योगदान देकर सर हेनरी जॉन स्टेडमैन कॉटन की तरह इतिहास रच दिया है। 2017 में जब हिमंत बिस्वा सरमा असम के शिक्षा मंत्री थे, तब उन्होंने ही इस कॉलेज को यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया था। कॉटन यूनिवर्सिटी (पहले कॉटन कॉलेज) असम की ही नहीं, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पूरे उत्तर-पूर्व भारत की सबसे पुरानी संस्थान है।
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असम के पहले ब्राह्मण मुख्यमंत्री हैं हिमंत बिस्वा सरमा
हिमंत बिस्वा सरमा असम के पहले ब्राह्मण मुख्यमंत्री हैं और भुमिधर बर्मन को छोड़कर निचले असम से सीएम बनने वाले पहले नेता भी हैं। बर्मन हितेश्वर सैकिया के निधन के बाद 1996 में कुछ वक्त के लिए ही मुख्यमंत्री बने थे। हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को भाजपा विधायक दल के नेता चुने जाने पर पूर्व सीएम सर्बानंद सोनोवाल के लिए कहा, 'वह हमारे नेता थे और हमारे नेता और मार्गदर्शक बने रहेंगे......निजी तौर पर मैं सोनोवाल का आभारी हूं, जिन्होंने मुझपर इतना भरोसा किया, जिन्होंने मुझे इतने सारे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी थी।'