भारत का CoWIN क्यों बना दिग्गज देशों का पसंदीदा डिजिटल प्लेटफॉर्म
नई दिल्ली, 22 जून: भारत में कोविन पोर्टल को लेकर कई तरह की आलोचनाएं हो चुकी हैं। लेकिन, आज की तारीख में दुनिया के दर्जनों देश इसकी टेक्नोलॉजी लेने के लिए लालायित हैं। खासकर सोमवार को इस पोर्टल के जरिए दुनिया ने जिस तरह से कोविड का रिकॉर्ड वैक्सीनेशन देखा, उससे इसकी क्षमता, सटीकता और विशालता के चर्चे पूरे विश्व में हो रहे हैं। सबसे बड़ी उपलब्धि ये रही है कि 21 जून को जब देश में एक दिन में 88 लाख से ज्यादा रिकॉर्ड कोविड वैक्सीनेशन किया गया, इस पोर्टल पर करीब ढाई सौ करोड़ की ट्रैफिक आई, लेकिन यह क्रैश नहीं हुआ।
कोविन पर एक दिन में 240 करोड़ ट्रैफिक
कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया के सबसे विशाल वैक्सीनेशन कार्यक्रम के लिए देश में कोविन पोर्टल का इस्तेमाल हो रहा है। इस पोर्टल ने पिछले कुछ दिनों में ऐसा कमाल किया है कि विश्व के कई देश भारत से इसकी टेक्नोलॉजी लेने और इस्तेमाल करने के लिए संपर्क में हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इसके बारे में जो जानकारी साझा की है, वह हैरान करने वाली है। उन्होंने दो उदाहरण देकर कोरोना के खिलाफ देश के इस पोर्टल की शक्ति का उदाहरण पेश किया है। उनके मुताबिक 'पहला- सोमवार को इसपर सबसे अधिक यानी 240 करोड़ ट्रैफिक आया, लेकिन यह क्रैश नहीं हुआ। दूसरा- 18 प्लस उम्र के लिए जिस दिन वैक्सीनेशन खोला गया, उस दिन पहले 6 घंटे के अंदर ही 1.37 करोड़ रजिस्ट्रेशन हुए और सिस्टम क्रैश नहीं हुआ।'
30 जून को 'कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव' होने की संभावना
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक 'कई बार आलोचना के बावजूद, कोविन को ज्यादातर तारीफ ही मिली है। इसने खुद को एक बहुत ही मजबूत, विस्तृत, सरल आईटी-आधारित प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित किया है। इसलिए बड़ी संख्या में देश इस टेक्नोलॉजी को लेने और इसका इस्तेमाल करने में दिलचस्पी रखते हैं।' उनके मुताबिक 'इसके लिए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय साथ मिलकर ग्लोबल वेबिनार आयोजित करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें इस पोर्टल में रुचि रखने वाले देशों को बुलाया जा सके और हम उन्हें आगे बढ़कर इस टेक्नोलॉजी से अवगत करा सकें और उन्हें इसका समाधान बता सकें।' बता दें कि इस तरह का प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी7 सम्मेलन में ही दिया था और माना जा रहा है कि 'कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव' इसी महीने की 30 तारीख को आयोजित किया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें-ऐतिहासिक कदम: 21 जून को लगी 88.09 लाख वैक्सीन, ग्रामीण कवरेज रहा 63.7 फीसदी
कोविन पोर्टल में 20 देशों की पहले से ही है दिलचस्पी
इसके पीछे योजना ये है कि जो देश कोविन पोर्टल में दिलचस्पी रखते हैं, उन्हें इसे लेने में सहायता करने के साथ-साथ उनसे इसकी टेक्नोलॉजी साझा की जाए। सूत्रों की मानें तो अपने-अपने देशों में वैक्सीनेशन ड्राइव चलाने के लिए 20 से ज्यादा देश कोविन पोर्टल में पहले से ही इंटरेस्ट दिखा चुके हैं। संभावना है कि कोविन पोर्टल को समझने के लिए 'कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव' में वियतनाम, पेरू, मैक्सिको, इराक, डोमिनिकन रिपब्लिक, पनामा, यूक्रेन, नाइजीरिया, संयुक्त अरब अमीरात और युगांडा के अलावा कई और देशों के स्वास्थ्य और प्रॉद्योगिकी विशेषज्ञ हिस्सा ले सकते हैं।