क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पीएम मोदी को क्यों पसंद हैं 'नॉन परफॉर्मिंग' अरुण जेटली?

नोटबंदी और जीडीपी ग्रोथ में गिरावट की वजह से वित्त मंत्री के रूप में अरुण जेटली के प्रदर्शन पर सवाल उठ रहे हैं.

By रजनीश कुमार - बीबीसी संवाददाता
Google Oneindia News
नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली
Getty Images
नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली

भारतीय रिज़र्व बैंक यानी आरबीआई की तरफ़ से नोटबंदी को लेकर आंकड़े आने के बाद से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और ख़ासकर वित्र मंत्री अरुण जेटली विरोधियों के निशाने पर हैं.

अभी सरकार नोटबंदी की कामयाबी को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब भी नहीं दे पाई थी कि सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की ग्रोथ में गिरावट देखने को मिल गई. पिछली तिमाही के 6.1 फ़ीसदी के मुकाबले बीते अप्रैल से जून की तिमाही में विकास दर घटकर 5.7 फ़ीसदी पर आ गई है.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने एक के बाद एक ट्वीट करके नोटबंदी के आंकड़ों और जीडीपी ग्रोथ में गिरावट पर सरकार को घेरा है. इन तमाम बातों को लेकर प्रश्न वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी उठ रहे हैं. उन्हें नोटबंदी की विफलता और जीडीपी में गिरावट के लिए ज़िम्मेदार बताया जा रहा है.

रविवार को मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है. कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल के फेरबदल में 'काम न करने वाले' मंत्रियों को हटाकर नए चेहरों को जगह दी जा सकती है.

मगर ऐसा क्या है कि पहले तो आर्थिक मामलों से जुड़ी पृष्ठभूमि न होने के बावजूद अरुण जेटली को वित्त मंत्री बनाया गया और फिर अपने काम की कोई छाप न छोड़ने के बावजूद उन्हें इस पद पर बनाए रखा गया? क्या 'परफॉर्मेंस' वाली बात उनपर लागू नहीं होती? हमने इन्हीं सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की.

'दिखावा है खराब प्रदर्शन का हवाला देकर हटाना'

सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण बताते हैं कि परफॉर्मेंस के आधार पर मंत्रिमंडल में बदलाव करना सिर्फ़ कहने की बात है, इसकी असल वजह राजनीतिक होती है.

अरुण जेटली
Getty Images
अरुण जेटली

उन्होंने कहा, "यह दिखावे के लिए किया जाता है. अगर परफॉर्मेंस के आधार पर किया जाए तो प्रधानमंत्री को सबसे पहले जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि काले धन को खत्म करेंगे. इसमें कुछ नहीं किया गया, विदेश में खाते ज्यों के त्यों हैं. उन्होंने लोकपाल की नियुक्ति नहीं की. इस आधार पर तो सबसे पहले प्रधानमंत्री को जाना चाहिए."

नज़रिया: 'नोटबंदी पर पूरी तरह विफल रही मोदी सरकार'

नोटबंदी पर प्रधानमंत्री मोदी के पांच दावों का सच

'मोदी की टीम के ऑलराउंडर हैं जेटली'

वरिष्ठ आर्थिक पत्रकार एमके वेणु बताते हैं कि वित्त मंत्री के रूप में अरुण जेटली के नाम कोई बड़ी उपलब्धि नज़र नहीं आती और अब तो नोटबंदी को लेकर भी उनपर सवाल उठ रहे हैं.

फिर ऐसा क्या है कि वह इस पद पर बने हुए हैं? इसपर वेणु बताते हैं, "जिस तरह से क्रिकेट में एक ऑलराउंडर होता है, मोदी की टीम में उसी तरह से जेटली हैं. अरुण जेटली दरअसल मोदी की हर जरूरतों को पूरा करते हैं. फिर जीएसटी में विपक्ष से समर्थन लेना हो या ममता बनर्जी को मनाना हो, जेटली की भूमिका अहम रहती है."

वेणु बताते हैं कि इसी तरह से अगर सरकार या पार्टी की तरफ़ से एक उदार और पढ़े-लिखे व्यक्ति को पेश करना हो तो भी मोदी को अरुण जेटली ही इस काम के लिए मुफ़ीद लगते हैं.

'आपदा के समान था नोटबंदी का फ़ैसला'

नज़रिया: 'नोटबंदी का जुआ क्यों हार गए पीएम मोदी'

'कानून की जानकारी का मिलता है फ़ायदा'

एमके वेणु कहते हैं, "जहां तक आर्थिक मामलों की जानकारी का मामला है, उसमें अरुण जेटली फ़िट नहीं बैठते हैं. लेकिन कोई भी कानून या विधेयक संवैधानिक संकट में न फंसे, इसमें अरुण जेटली सरकार के लिए मददगार साबित होते हैं. जैसे कि जीएसटी में कौन सा कानून आड़े आएगा, यह काम अरुण जेटली के जिम्मे था.

इसी तरह से राजनीतिक गोलबंदी में या पार्टी के नेताओं को कानूनी पचड़ों से बाहर निकालने में अरुण जेटली की अहम भूमिका होती है."

अरुण जेटली
Getty Images
अरुण जेटली

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण का भी यही कहना है. उन्होंने कहा, "मोदी को अरुण जेटली की ज़रूरत है क्योंकि वह कानून को समझते हैं. मोदी को अपना कानूनी तौर पर बचाव करने के लिए उनकी ज़रूरत है."

नोटबंदी के फ़ेल होने पर देश में गुस्सा क्यों नहीं?

नोटबंदी: 16 हज़ार करोड़ नहीं लौटे वापस

'मोदी सरकार में प्रतिभाओं की कमी'

वरिष्ठ पत्रकार वेणु का मानना है कि मोदी सरकार में प्रतिभाओं की कमी है. उन्होंने कहा, "जयंत सिन्हा को वित्त मंत्रालय में लाकर मोदी ने अच्छा काम किया था. लेकिन उन्हें भी हटा दिया गया. शायद जयंत सिन्हा की लोकप्रियता बढ़ी होगी, इसलिए उन्हें विदा कर दिया गया. जयंत सिन्हा की जगह पर जिन लोगों को लाया गया, उन्हें आर्थिक मामलों की पेचीदगियों की समझ नहीं है, फिर वह संतोष गंगवार हों या अर्जुन मेघवाल."

सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण कहते हैं, "सरकार के पास योग्य है ही कौन? अगर तुलना की जाए तो अरुण जेटली उनसे बदतर तो नहीं होंगे. बीजेपी की तो यही विडंबना है कि इनके पास कोई योग्य मंत्री हैं ही नहीं, जो गंभीर मुद्दों को समझते हों."

जेटली और शाह
Getty Images
जेटली और शाह
'मोदी और शाह के ख़ास हैं जेटली'

एमके वेणु बताते हैं कि नरेंद्र मोदी को दिल्ली में स्थापित करने में अरुण जेटली का बड़ा योगदान है.

उन्होंने कहा, 'मोदी का दिल्ली में पहला कार्यक्रम श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में अरुण जेटली ने ही करवाया था. इसी तरह से अमित शाह के केस में भी जेटली ने खुलकर मदद की थी.'

नज़रियाः 'भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है'

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Why does PM Modi like 'Non Performing' Arun Jaitley?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X