क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Covid-19: देश में नए केस कम फिर भी मौतें ज्यादा, जानिए कैसे बढ़ रहे मौत के आंकड़े?

Google Oneindia News

नई दिल्ली, 18 मई। देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में कमी के बावजूद मौत के मामले कम नहीं हो रहे हैं। सोमवार को देश में कोरोना वायरस से 4329 लोगों की मौत हुई जो कि अब तक की सबसे अधिक संख्या है। इसके पहले एक सप्ताह पहले 11 मई को 4205 लोगों की वायरस की चपेट में आने से मौत हुई थी।

Recommended Video

Coronavirus India update : देश के इन 8 राज्यों में एक लाख से ज्यादा Active Case | वनइंडिया हिंदी
संक्रमण कम मौतें ज्यादा

संक्रमण कम मौतें ज्यादा

हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या के अपने उच्च स्तर पर पहुंचे 12 दिन बीत चुके हैं और उसके बाद से नए मामलों में कमी देखी जा रही है। लेकिन एक तरफ जहां देश में नए मामलों की संख्या कम हो रही है वहीं कोरोना वायरस से मौत की संख्या बढ़ी है। इस आंकड़े ने लोगों के मन में इस सवाल को भी खड़ा कर दिया है कि आखिर इसकी वजह क्या है? क्या नया स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक है और इसके चलते ज्यादा मौतें हो रही हैं या फिर कोई और कारण है?

चूंकि वायरस से संक्रमित होने के बाद मौत में आम तौर पर दो सप्ताह का अंतराल होता है इसलिए ऐसी संभावना जताई जा रही है कि कुछ दिनों में मृत्यु की संख्या में कमी आएगी। हालांकि मौत के आंकड़ों के बढ़ने की भी आशंका बनी हुई है क्योंकि बहुत से राज्य ऐसे हैं जो कुछ हफ्ते पहले हुए मौतों को अब रिपोर्ट कर रहे हैं।

इसको समझने के लिए महाराष्ट्र का उदाहरण देखना होगा। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में सोमवार को 1019 मौतें दर्ज की गईं। इनमें से 289 मौतें शनिवार से सोमवार के बीच हुई थीं जबकि 227 मौतें उसके एक सप्ताह पहले हुई थीं। यही नहीं 484 मौतें तो ऐसी थीं जो कि उससे भी एक सप्ताह पहले हुई थीं लेकिन अभी तक राज्य के आंकड़ों में दर्ज नहीं की गई थीं। यही नहीं राज्य में 19 कोविड-19 मरीजों की मौत को भी इसमें शामिल किया गया है जो दूसरी बीमारियों के चलते मरे हैं।

पिछले दिनों हुई मौतें भी हो रहीं दर्ज

पिछले दिनों हुई मौतें भी हो रहीं दर्ज

सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी पिछले दिनों हुई मौत को अब दर्ज किया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि कोविड-19 मरीजों की मौत को दर्ज करने में देर होती है। कई बार यह अंतर कई हफ्तों तक बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए कर्नाटक में रिपोर्ट की गईं 476 मौतों में कुछ मौतें मार्च में हुई थीं जिन्हें अब दर्ज किया गया है जबकि कुछ मामले अप्रैल के थे।

अगर अभी की बात करें तो महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु, ये पांच राज्य ऐसे हैं जहां पर हर रोज औसतन कम से कम 300 मौतें हो रही हैं। उत्तराखंड जैसे कम आबादी वाले राज्य में मंगलवार को 223 मौतें दर्ज की गई हैं। हालांकि इनमें 80 से अधिक मौतें पिछले दिनों की थीं। इसके साथ 12 राज्य ऐसे हैं जहां पर हर दिन 100 या अधिक मौतें दर्ज हो रही हैं।

मई में हुईं सबसे ज्यादा मौतें

मई में हुईं सबसे ज्यादा मौतें

अगर मौतों के आंकड़ें के हिसाब से देखें तो मई का महीना कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक सबसे खतरनाक साबित हुआ है। महीने की शुरुआत से लेकर अब तक कोविड-19 के चलते 66,866 लोगों की मौत हो चुकी है। अगर संक्रमण की बात करें तो अप्रैल अब तक का सबसे बुरा महीना बीता है जब 70 लाख संक्रमण के मामले सामने आए थे। अप्रैल में 49,000 मौतें दर्ज की गई थीं। वहीं अप्रैल में मिले संक्रमण के मामले के चलते अभी तक मौत के मामले आ रहे हैं।

महाराष्ट्र 85,000 से अधिक मौत के मामलों के साथ किसी भी अन्य राज्य की तुलना में कहीं अधिक है। जबकि इसका पड़ोसी राज्य गोवा आबादी के अनुपात में सबसे ज्यादा मौतें दर्ज करने वाला राज्य बना हुआ है। गोवा में अब तक प्रति दस लाख आबादी पर 1475 मौतें हुई हैं। जबकि दिल्ली में प्रति दस लाख आबादी पर 1301 लोगों की मौत हुई है। गोवा और दिल्ली ऐसे दो राज्य हैं जहां पर प्रति दस लाख की आबादी पर 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।

कोरोना के इलाज से क्यों हटाई गई प्लाज्मा थेरेपी ? सही वजह जानिएकोरोना के इलाज से क्यों हटाई गई प्लाज्मा थेरेपी ? सही वजह जानिए

English summary
why covid causalities getting high while new cases going down
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X