कमल हासन की पार्टी के लॉन्च पर आखिर क्यों मौजूद रहे केजरीवाल और सोमनाथ भारती, जानें
नई दिल्ली। 'Makkal Needhi Maiam' हिंदी में बोलें तो मक्कल नीधि मय्यम। कमल हासन ने अपनी पॉलिटिकल पार्टी का यही नाम रखा है। किसी भी नई राजनीतिक पार्टी के नाम का जब ऐलान होता है, तो उसका मतलब और मकसद सब जानना चाहते हैं। यूं तो हर दल का मकसद सत्ता पाना होता है, लेकिन हर दल अपने-अपने तरीके से इस बात को पारिभाषित करता है। कोई खुद को लेफ्ट कहता है तो कोई राइट। कुछ लिबरल कहलाना पसंद करते हैं। कमल हासन ने भी अपना मकसद साफ किया और पार्टी लॉन्च पर खुलकर कहा- 'नो लेफ्ट ऑर राइट, आई एम सेंटर'। उनकी पार्टी के नाम में भी सेंटर है।
'मक्कल नीधि मय्यम', इस नाम में मय्यम का मतलब केंद्र है, जिसे अंग्रेजी में सेंटर भी कहते हैं। मक्कल नीधि मय्यम का अर्थ हुआ- जन न्याय केंद्र। कमल हासन का खुद को लेफ्ट और राइट से अलग रखना, पार्टी को न्याय का केंद्र जैसा नाम देना और पार्टी लॉन्च पर आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल तथा सोमनाथ भारती का मौजूद होना, कई संकेत देता है। कमल हासन की भविष्य की राजनीति क्या होगी, इससे भी ज्यादा लोगों के बीच इस बात की चर्चा हो रही है कि आखिर अरविंद केजरीवाल कमल हासन की पार्टी के लॉन्च पर आखिर कर क्या रहे थे? कमल हासन के साथ केजरीवाल की करीबी का रहस्य आखिर क्या है? कमल हासन के दिमाग में ऐसी कौन सी बात रही होगी कि वह पत्नी के साथ हिंसा के मामले में आरोपी सोमनाथ भारती के साथ मंच साझा करने को तैयार हो गए और वो भी अपनी पार्टी के लॉन्च पर? आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी।
कमल हासन के राजनीति में उतरने के पीछे का रहस्य और केजरीवाल की भूमिका
21 सितंबर 2017 को अरविंद केजरीवाल चेन्नई गए थे। उस दिन उन्होंने कमल हासन से मुलाकात की थी। उस वक्त इस मुलाकात के बाहर दो तरह की बातें राजनीतिक गलियारों में चर्चा की विषय बनीं। पहली- अरविंद केजरीवाल ने कमल हासन को पार्टी में आने का न्योता दिया और दूसरी- अगर कमल हासन ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो वह अपनी खुद की पार्टी बना लें। ऐसा माना जाता है कि अरविंद केजरीवाल ही वो शख्स हैं, जिन्होंने सबसे पहले कमल हासन को राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया। यही कारण रहा कमल हासन की पार्टी के लॉन्च पर केजरीवाल नजर आए।
अरविंद केजरीवाल से प्रभावित दिखती है कमल हासन की पार्टी लाइन
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी आंदोलन से निकला राजनीतिक दल है। राजनीति को बदलने का दावा करने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा था। यह बात और है आज आम आदमी पार्टी कई प्रकार के आरोपों से घिरी है, लेकिन केजरीवाल की पार्टी की लाइन का प्रभाव कमल हासन की 'मक्कल नीधि मय्यम' पर साफ दिख रहा है। कमल हासन ने जिस प्रकार से रजनीकांत की पॉलिटिक्स को राइटविंग करार दिया था, उसी दिन से अंदाजा हो गया था कि वह लेफ्ट ऑर राइट के विचार से अलग ऐसे विचार पर चलना चाहते हैं जो लिबरल तो हो, लेकिन क्रांतिकारी भी। केजरीवाल राजनीति में आज कितने सफल है या नहीं, यह अलग विषय है, लेकिन केजरीवाल ने इसी फॉर्मूले के सहारे बड़े बड़े धुरंधरों को चुनावी मैदान में पटका।
कमल हासन की पार्टी के लॉन्च पर केजरीवाल ने कही बड़ी बात
अरविंद केजरीवाल ने कमल हासन की पार्टी के लॉन्च पर कहा कि अब तमिलनाडु से भी बीजेपी और कांग्रेस का सफाया हो जाएगा। मतलब साफ है कि भले ही केजरीवाल अपनी पार्टी में कमल हासन को लाने में असफल रहे, लेकिन कमल हासन का राजनीति में आना ही उनके लिए बड़ी राजनीति जीत है। अगर कमल हासन दक्षिण भारत की राजनीति में सफल होते हैं तो यह केजरीवाल की भविष्य की राजनीति के लिए काफी शुभ संकेत होगा और मोदी-शाह की जोड़ी के लिए बड़ा झटका। हालांकि, मोदी-शाह की नजर रजनीकांत पर है। अब देखना होगा कि दक्षिण के दो सुपर स्टार्स की राजनीति से दिल्ली में किसका 'कमल' खिलता है?