जमात में जमा हुए हजारो लोग, सैकड़ों की जान खतरे में, आखिर कौन है जिम्मेदार?
नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच दिल्ली में तब्लीगी जमात कार्यक्रम में हजारों लोग शिरकत करने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे तकरीबन दो दर्जन से अधिक लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया है। यही नहीं कई लोग जो इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे, उनकी मौत हो गई है। कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले कई लोग देश के अलग-अलग राज्यों में वापस लौट गए हैं, जिसके बाद संक्रमण का खतरा अब और बढ़ गया है। वहीं इस पूरे मामले पर अब राजनीति तेज हो गई है। सरकार, पुलिस, प्रशासन और आयोजक एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
15 करोड़ सदस्य
दरअसल तबलीगी जमात की स्थापना एक बड़े धार्मिक आंदोलन के लिए की गई थी। दुनिया के 213 देशों में इस जमात के लोग बताए जाते हैं, जो समय-समय पर इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए दुनियाभर का रुख करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक इस वक्त दुनिया भर में इस जमात के करीब 15 करोड़ सदस्य हैं, जिनमें पाकिस्तानी क्रिकेटर सईद अनवर जैसे लोग भी शामिल हैं। इस जमात में शामिल हुए कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। जबकि कई लोगों की मौत भी हो गई है।
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दिल्ली सरकार की चूक
इस पूरे मामले में दिल्ली सरकार की भी चूक सामने आती है। मरकज में इतनी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा थे, बावजूद इसके सरकार की ओर से 24 मार्च तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इतनी बड़ी संख्या में यह जलसा हो रहा था लेकिन दिल्ली सरकार के किसी पदाधिकारी, मंत्री ने इसको लेकर कोई गंभीरता जाहिर नहीं की। जब पुलिस की ओर से मरकज को नोटिस भेजा गया, उसके बाद प्रशासन और आयोजक हरकत में आए।
आयोजकों की चूक
अहम बात यह है कि पूरे देश में कोरोना के संक्रमण के चलते लोग अपने सार्वजनिक कार्यक्रम को रद्द कर रहे थे। यहां तक कि 10 मार्च को होली के त्योहार को भी नहीं मनाने की अपील की गई। लेकिन बावजूद इसके जमात के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हजारों की संख्या में लोग यहां तक 24 मार्च को जब पुलिस ने नोटिस भेजा, उसके पहले मरकज की ओर से भीड़ को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। केजरीवाल सरकार ने 16 मार्च को 20 से अधिक लोगों के एक जगह पर इकट्ठा हुए होने पर पाबंदी लगाई थी। यही नहीं 21 मार्च को 5 लोगों से अधिक के इकट्ठा होने पर रोक लगाई गई थी। बावजूद इसके आयोजकों ने भीड़ को खत्म करने के लिए प्रशासन से संपर्क नहीं किया।
दिल्ली पुलिस की चूक
अहम बात यह है कि जिस जगह पर यह कार्यक्रम हो रहा था, उसके ठीक बगल में पुलिस स्टेशन है, लेकिन फिर भी पुलिस की ओर से इस बाबत कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां लोगों की भीड़ इकट्ठा होती रही और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। पुलिस आयोजकों को नोटिस भेजने का काम करती रही, बजाए इन लोगों को यहां से हटाने के। बहरहाल हर कोई उम्मीद कर रहा है कि यहां से अन्य जगहों पर गए लोगों से संक्रमण अधिक ना फैले।
कई लोगों की मौत
बता दें कि जमात में शामिल 33 लोगों में से 24 के सैंपल कोरोना पॉजिटिव आया है। सबसे बड़ी बात ये है कि मरकज में आ चुके 10 लोग कोरोना के मरीज बन गए और उन्होंने दम तोड़ दिया, जिनमें से अकेले तेलंगाना के 6 लोग शामिल हैं। जबकि, जमात में शामिल हुआ फिलीपींस का एक नागरिक भी पहले ही दम तोड़ चुका है।
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