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भारत ने सही समय पर लिया लॉकडाउन जैसा साहसिक फैसला, वरना बहुत तेजी से फैलता कोरोना वायरस: WHO

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नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में जीत हासिल करने के मकसद से भारत में तीन हफ्तों का लॉकडाउन जारी है। इस लॉकडाउन पर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (डब्‍लूएचओ) के डॉक्‍टर डेविड नाबारो की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। डॉक्‍टर डेविड को इस महामारी के लिए खास दूत नियुक्‍त किया गया है। उन्‍होंने इंग्लिश डेली हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स को दिए इंटरव्‍यू में कहा है कि भारत की तरफ से जल्‍दी लॉकडाउन पर फैसला लिया गया है। डॉक्‍टर नाबारो ने भारत के इस फैसले को एक साहसिक फैसला करार दिया है। आपको बता दें कि देश में तीन हफ्तों का लॉकडाउन जारी है और यह लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्‍म हो रहा है।

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सरकार ने इसलिए लिया दूरदर्शी फैसला

सरकार ने इसलिए लिया दूरदर्शी फैसला

डॉक्‍टर नाबारो ने कहा कि जब भारत में कुछ ही केस रिपोर्ट हुए तो उसी समय देश में एक दूरदर्शी फैसला लिया गया। इस फैसले ने देश को मौका दिया कि वह इस बीमारी का सामना कर सके। लॉकडाउन की वजह से स्‍थानीय स्‍तर पर क्षमताओं को विकसित किया जा सका ताकि वायरस के ट्रांसमिशन को रोका जा सके और साथ ही अस्‍पतालों की व्‍यवस्‍था भी हो सकी। उन्‍होंने कहा कि इस फैसले पर काफी बहस हो रही है और काफी आलोचना भी की जा रही है। कुछ लोगों में काफी गुस्‍सा भी है। मगर यह सरकार का एक साहसिक फैसला है। जो लोग रोजाना मजदूरी करके कमाते है उनके लिए यह एक तरह का बलिदान है।

यूरोप और अमेरिका झेल रहे हैं नतीजे

यूरोप और अमेरिका झेल रहे हैं नतीजे

उन्‍होंने कहा कि इस फैसले को तीन से चार हफ्तों तक के लिए लिया गया और इसी समय वायरस बड़े पैमाने पर फैलता है। यह एक साहसिक फैसला है। डॉक्‍टर नाबारो के मुताबिक इस बात के कोई प्रमाण मौजूद नहीं हैं जिनसे पता चल सके कि कोविड-19 कब खत्‍म होगी। लेकिन लोगों को नए नियमों को अपने भविष्‍य के लिए मानना पड़ेगा। उन्‍होंने इस दौरान यह भी कहा कि सरकारों के बीच में तुलना से कोई फायदा नहीं होता है। मगर कुछ देश ऐसे भी हैं जहां पर इस तरह के कड़े फैसले शुरुआत में नहीं लिए गए और अब उन्‍हें सबसे ज्‍यादा कष्‍ट झेलने पड़ रहे हैं। उनका इशारा अमेरिका और यूरोप की तरफ था जहां पर रोजाना इस वायरस की वजह से हजारों लोगों की जान जा रही है।

क्‍यों जरूरी है तुरंत लॉकडाउन का फैसला

क्‍यों जरूरी है तुरंत लॉकडाउन का फैसला

डॉक्‍टर नाबारो के मुताबिक हर चीज की शुरुआत कम्‍युनिटी स्‍तर पर होती है। उस दौरान उनका पता लगाना, आइसोलेट करना, उनके कॉन्‍टेक्‍ट्स का पता लगाकर उन्‍हें क्‍वारंटाइन करना और इसे जितना संभव हो सके उतना बरकरार रखना, किसी भी महामारी के दौरान तेज प्रतिक्रिया का सबसे महत्‍वपूर्ण फैसला होता है। इसके जरिए बड़े पैमाने पर लॉकडाउन के दौरान ऐसी कोशिशों को अंजाम दिया जाता है जो ट्रांसमिशन को रोकने में कारगर हों। लॉकडाउन के दौरान कम्‍यूनिटी ट्रांसमिशन को पहले ही चरण में रोका जा सकता है। भारत ने इसे काफी सलीके से पहचाना है।

तीन हफ्ते का लाकडाउन क्‍यों है जरूरी

तीन हफ्ते का लाकडाउन क्‍यों है जरूरी

उनसे पूछा गया कि क्‍या तीन हफ्तों का लॉकडाउन किसी महामारी के खिलाफ लड़ाई में कारगर उपाय है? इस पर उनका जवाब था कि यह सबकुछ इस बात पर निर्भर करता है कि पब्लिक हेल्‍थ सर्विसेज और अस्‍पतालों में कम्‍युनिटी लेवल पर कितनी तैयारियां की गई हैं। उनका कहना था कि वह इस पर कोई टिप्‍पणी नहीं कर सकते क्‍योंकि उन्‍हें नहीं मालूम है जमीन पर क्‍या हो रहा है। उनका कहना है कि भारत बहुत ही सावधानी से इस बात को सुनिश्चित कर रहा है कि जब लॉकडाउन खत्‍म हो तो एकदम से भीड़ सड़कों पर न आने पाए। न ही बहुत ज्‍यादा केस आएं और अस्‍पतालों पर बोझ पड़े। उन्‍होंने इसे एक सही रणनीति करार दिया।

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English summary
WHO envoy says Lockdown in India against Coronavirus was early and courageous.
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