जब एक मंत्रीजी ने श्मशान में बिता डाली एक रात
बेंगलुरु। लोग अंधविश्वास को झुठलाने के लिए क्या क्या नहीं करते हैं। अब कर्नाटक में सत्ताधारी कांग्रेस सरकार के ही एक मंत्री को ले लिजिए। इन महाशय ने भूत होते हैं इस बात को गलत साबित करने के लिए एक ऐसा कदम उठाया है जिसके बाद यह समझ ही नहीं आ रहा है कि इन मंत्री जी की तारीफ की जाए या फिर हैरानी जताई जाए।
बिल
का
कर
रहे
थे
विरोध
कर्नाटक
में
एक्साइज
मंत्री
सतीश
जारकिहोली
ने
इस
बात
को
गलत
साबित
करने
के
लिए
कि
दुनिया
में
भूत
जैसी
भी
कोई
चीज
होती
है,
एक
रात
श्मशान
में
बिताने
का
फैसला
किया।
जारकिहोली सदन में पिछले कुछ समय अंधविश्वास विरोधी बिल के लिए लड़ाई कर रहे हैं। इसी मकसद से उन्होंने वाइकुंठ धाम श्मशान भूमि में एक रात बिताने का फैसला किया। वह इस बात को साबित करना चाहते थे कि अंधविश्वास एक ऐसी चीज है जिस पर किसी को भी भरोसा नहीं करना चाहिए।
सतीश जारकिहोली ने वनइंडिया को जो जानकारी दी उसमें उन्होंने बताया कि जो लोग इस बात पर यकीन करते हैं कि दुनिया में भूत जैसी कोई चीज होती है, वह गलत हैं।
वह यह बात साबित करना चाहते थे कि लोगों को आगे आकर इस बात के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए। उनकी मानें तो अंधविश्वास ही वह एकमात्र वजह है जिसकी वजह से लोग निचले तबके के लोगों को इंसाफ मिलने की राह में मुश्किलें पैदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। यहां तक कि अगर वह सत्ता से बेदखल भी हो जाते हैं तो भी उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उनके लिए लोगों को इस ओर जागरुक करना काफी अहम है।
लक्ष्मी को न मानने वाले गेट्स सबसे अमीर
सतीश जारकिहोली ने अपनी बात को साबित करने के लिए जो तर्क दिया वह भी गौर करने के लायक है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बिल गेट्स मां लक्ष्मी पर बिल्कुल भी यकीन नहीं करते हैं।
लेकिन
इसके
बावजूद
उनके
पास
काफी
संपत्ति
हैं
और
वह
दुनिया
के
सबसे
अमीर
व्यक्तियों
में
शामिल
हैं।
उन्होंने
यहां
तक
कह
डाला
कि
उनका
बिजनेस
भी
500
करोड़
रुपए
के
टर्नओवर
वाला
है
लेकिन
वह
भी
मां
लक्ष्मी
की
पूजा
नहीं
करते
हैं।
श्मशान में किया डिनर
सतीश ने सबसे पुराने श्मशान स्थलों में शुमार वाइकुंठ धाम में ही डिनर किया और आने वाले दिनों में उनकी ओर से यहीं पर कुछ कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनकी इस पहल से लोगों के अंधविश्वास कम हो सकेंगे। हालांकि जनता की ओर से उनकी इस पहल को मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली। लोगों ने माना कि यह सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट से बढ़कर और कुछ नहीं।