'RSS ने राष्ट्र ध्वज पर जो कहा था वह......' असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी से सीधा पूछा ये सवाल
नई दिल्ली, 4 अगस्त: 'हर घर तिरंगा' अभियान को लेकर शुरू हुई सियासत रोज नया रंग ले रही है। अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ और हैदराबद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसने की कोशिश की है। उन्होंने कई ट्वीट के जरिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर राष्ट्रीय ध्वज को लेकर अलग विचार रखने के आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस मसले पर इतिहास का हवाला देकर पीएम मोदी से स्पष्टीकरण मांगने की कोशिश की है। ओवैसी का आरोप है कि आरएसएस को तिरंगे का तीन रंग पसंद ही नहीं था और वह इसे अमंगलकारी मानता था। जबकि, उनके मुताबिक पीएम मोदी संघ को अपना आधार मानते हैं और कहते हैं कि उन्हें इससे प्रेरणा मिली है।
आरएसएस ने राष्ट्र ध्वज के लिए भगवा मांगा था- ओवैसी
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी 'हर घर तिरंगा' अभियान को लेकर राजनीति में कूद पड़े हैं। हमेशा की तरह इसबार भी उनका निशाना आरएसएस है, जिसके लिए वह पीएम मोदी और भारतीय जनता पार्टी को टारगेट करना चाहते हैं। एएनआई ने उनके ट्वीट के जरिए बताया है कि हैदराबाद के सांसद का कहना है, 'मैंने अपनी ट्वीट के जरिए कहा है कि ऑर्गेनाइजर मैगजीन आरएसएस का मुखपत्र है। 17 जुलाई, 1947 के इसके एक अंक में देश के राष्ट्र ध्वज के लिए लिए भगवा की मांग की गई थी। आरएसएस का माउथपीस ये कहता है और प्रधानमंत्री कहते हैं कि आरएसएस उनकी नींव है और उन्हें इससे प्रेरणा मिलती है।'
आरएसएस ने जो कहा था, वह सही है या गलत- ओवैसी
ओवैसी यहीं नहीं रुके और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर गंभीर आरोप लगाते हुए पीएम मोदी को घेरने की भी कोशिश की है। उन्होंने कहा, 'आरएसएस मैगजीन ने यह भी कहा था कि झंडे में तीन रंग अशुभ है....मैं उनसे (पीएम मोदी से) सवाल पूछता हूं कि जो कुछ भी उन्होंने कहा था, वह सही है या गलत....उन्हें स्पष्ट करना चाहिए।' अपने ट्विटर हैंडल से किए गए मूल ट्वीट में एआईएमआईएम चीफ ने यह भी आरोप लगाया कि 'जब देशभक्त भारतीय, भारत की आजादी का जश्न मना रहे थे, आरएसएस के लिए यह कड़वा था। इसने स्वतंत्रता आंदोलन में कोई भूमिका नहीं निभाई थी और ऑर्गेनाइजर ने 14-8-1947 को हिंदू राष्ट्र की मांग करते हुए खुलेआम तिरंगे का अपमान किया था।'
पीएम मोदी ने की है तिरंगा डीपी लगाने की अपील
दरअसल, हर घर तिरंगा एक अभियान है, जो आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर लोगों को अपने घरों में तिरंगा लाने और देश की आजादी के 75वें साल पर फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए चलाया जा रहा है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मासिक रेडियो प्रोग्राम 'मन की बात' के माध्यम से देशवासियों से अपने सोशल मीडिया के डीपी में तिरंगा लगाने और रैलियां निकालने का आह्वान किया है। लेकिन, ओवैसी का आरोप है कि संघ ने स्वतंत्र भारत को खारिज कर दिया था।
राहुल गांधी ने भी किया था संघ-भाजपा पर हमला
इससे पहले कांग्रेस ने भी हर घर तिरंगा अभियान को ट्विस्ट देने की कोशिश की थी। उसने पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के डीपी में जवाहर लाल नेहरू के हाथ में तिरंगा वाली तस्वीर लगाई थी। कई कांग्रेसी नेताओं ने भी यही डीपी लगा लिया। लेकिन, इसके साथ ही कांग्रेस ने भी संघ पर अपने सोशल मीडिया पर राष्ट्र ध्वज नहीं लगाने को लेकर तंज कस दिया था। कांग्रेस के वायनाड के एमपी राहुल गांधी ने कर्नाटक में तिरंगे के साथ कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए ट्विटर पर संघ-भाजपा पर आरोप लगाते हुए लिखा, 'इतिहास गवाह है, 'हर घर तिरंगा' मुहिम चलाने वाले, उस देशद्रोही संगठन से निकले हैं, जिन्होंने 52 सालों तक तिरंगा नहीं फहराया। आजादी की लड़ाई से, ये कांग्रेस पार्टी को तब भी नहीं रोक पाए और आज भी नहीं रोक पाएंगे।'
राहुल को संघ का जवाब
राहुल के इस हमले पर संघ ने भी जोरदार पलटवार किया है और कांग्रेस पर आजादी के अमृत महोत्सव के भी राजनीतिकरण का आरोप लगाया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेडकर को कोट कर लिखा है, 'आरएसएस ने पहले ही जनता और स्वयंसेवकों से कह दिया है कि आजादी के अमृत महोत्सव को पूरे जोश के साथ मनाएं और तैयारियां चल रही हैं। संघ की यही स्थिति है और इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना गलत है........जो पार्टी इस तरह का सवाल उठा रही है, वह देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार है।'