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क्या है जनकपुर मंदिर की कहानी जहां नरेंद्र मोदी ने की पूजा-अर्चना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे पर नेपाल गए हैं. नेपाल पहुंचने के बाद एयरपोर्ट से वो सीधा जानकी मंदिर गए जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की.

चार साल पहले जब वो नेपाल गए थे तो उन्होंने इस मंदिर में जाने की इच्छा जताई थी, पर राजनीतिक कारणों से वो वहां नहीं जा पाए थे.

यह हिंदू मंदिर नेपाल के जनकपुर के केंद्र में स्थित है. राजा जनक के नाम पर शहर का नाम जनकपुर रखा गया था.

 

By BBC News हिन्दी
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जानकी मंदिर
Facebook/Janki Mandir/BBC
जानकी मंदिर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे पर नेपाल गए हैं. नेपाल पहुंचने के बाद एयरपोर्ट से वो सीधा जानकी मंदिर गए जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की.

चार साल पहले जब वो नेपाल गए थे तो उन्होंने इस मंदिर में जाने की इच्छा जताई थी, पर राजनीतिक कारणों से वो वहां नहीं जा पाए थे.

यह हिंदू मंदिर नेपाल के जनकपुर के केंद्र में स्थित है. राजा जनक के नाम पर शहर का नाम जनकपुर रखा गया था.

राजा जनक की पुत्री सीता जिन्हें जानकी भी कहते हैं, उनके नाम पर इस मंदिर का नामकरण हुआ था. यह नगरी मिथिला की राजधानी थी.

मोदी नेपाल में
Getty Images
मोदी नेपाल में

भगवान श्रीराम से विवाह के पहले सीता ने ज़्यादातर समय यहीं व्यतीत किया था.

जानकी मंदिर साल 1911 में बनकर तैयार हुआ था. क़रीब 4860 वर्ग फ़ीट में फैले इस मंदिर का निर्माण टीकमगढ़ की महारानी कुमारी वृषभानु ने करवाया था.

जनकपुर के स्थानीय पत्रकार बृज कुमार यादव के मुताबिक इस मंदिर के निर्माण के पीछे एक कहानी है. उन्होंने बताया कि 'पहले यहां जंगल हुआ करता था, जहां शुरकिशोर दास तपस्या-साधन करने पहुंचे थे.

यहां रहने के दौरान उन्हें माता सीता की एक मूर्ति मिली थी, जो सोने की थी. उन्होंने ही इसे वहां स्थापित किया था.'

जानकी मंदिर
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जानकी मंदिर

महारानी कुमारी वृषभानु ने कराया था निर्माण

टीकमगढ़ की महारानी कुमारी वृषभानु एक बार वहां गई थीं. उन्हें कोई संतान नहीं थी.

वहां पूजा के दौरान उन्होंने यह मन्नत मांगी थी कि अगर भविष्य में उन्हें कोई संतान होती है तो वो वहां मंदिर बनवाएंगी.

संतान की प्राप्ति के बाद वो वहां लौटीं और साल 1895 में मंदिर का निर्माण शुरू हुआ और 16 साल में मंदिर का निर्माण पूरा हुआ.

ऐसा कहा जाता है कि उस समय इसके निर्माण पर कुल नौ लाख रुपए खर्च हुए थे, इसलिए इस मंदिर को नौलखा मंदिर भी कहते हैं.

मोदी नेपाल में
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मोदी नेपाल में

मंदिर में 12 महीने चलता है अखंड कीर्तन

बृज कुमार यादव ने बताया कि मंदिर में 12 महीने अखंड कीर्तन चलता रहता है. 24 घंटे सीता-राम नाम का जाप यहां लोग करते हैं. साल 1967 से लगातार यहां अखंड कीर्तन चल रहा है.

वर्तमान में राम तपेश्वर दास वैष्णव इस मंदिर के महंत हैं. वे जानकी मंदिर के 12वें महंत हैं. परंपरानुसार अगले महंत का चुनाव वर्तमान महंत करते रहे हैं.

जनकपुर मंदिर
Reuters
जनकपुर मंदिर

महंत राम तपेश्वर दास वैष्णव तीसरे महंत हैं, जिनका चुनाव इस प्रकिया के तहत किया गया है. 10वें मंहत से पहले मंदिर के प्रमुख का चुनाव अलग विधि से किया जाता था और धर्मज्ञानी को इस पद पर बिठाया जाता था.

जानकी मंदिर
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जानकी मंदिर

कहां से आते हैं तीर्थ यात्री

जानकी मंदिर में तीर्थ यात्री न सिर्फ़ भारत से बल्कि विदेशों से भी आते हैं. यहां यूरोप, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया से भी तीर्थ यात्री आते हैं.

मंदिर में मां सीता की मूर्ति अत्यंत प्राचीन है जो 1657 के आसपास की बताई जाती है.


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English summary
What is the story of Janakpur temple where the worship of Narendra Modi
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