क्या होती है हाइड्रोजन कार? जिसमें सवार होकर संसद पहुंचे नितिन गडकरी
नई दिल्ली, 30 मार्च। जिस तरह से पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए ईंधन के दूसरे विकल्पों पर सरकार लगातार विचार कर रही है। खुद केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री लगातार इलेक्ट्रॉनिक वेहिकल्स, सीएनजी, पीएनजी और हाइड्रोजन पर जोर दे रहे हैं। हाल ही में संसद में बोलते हुए नितिन गडकरी ने हाइड्रोजन कार को लेकर खुलकर बात की थी। यही नहीं उन्होंने कहा कि मैं और गिरिराज सिंह संसद हाइड्रोजन कार से आते हैं और हम चाहते हैं कि हाइड्रोजन का इस्तेमाल अधिक से अधिक किया जाए।
5 मिनट में फ्यूल टैंक फुल, 600 किलोमीटर चलेगी
नितिन गडकरी खुद हाइड्रोजन कार से संसद पहुंचे जोकि देश में अपने आप में बिल्कुल ही अलग कार है। अपने घर से संसद का सफर नितिन गडकरी ने हाइड्रोजन कार से तय किया। उन्होंने अपने पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस कार से संसद तक का सफर तय किया। अहम बात यह है कि जिस हाइड्रोजन कार से नितिन गडकरी संसद पहुंचे वह टैंक फुल होने पर 600 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकतीहै और इसका खर्च प्रति किलोमीटर सिर्फ 2 रुपए आता है। यही नहीं अहम बात यह है कि हाइड्रोजन ईंधन को कार में भरने में सिर्फ 5 मिनट का समय लगता है।
टोयोटा ने दी है गडकरी को कार
बता दें कि नितिन गडकरी ने इस महीने देस की पहली हाइड्रोजन चलित एडवांस फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वेहिकल टोयोटा मिराई को लॉन्च किया था। नितिन गडकरी ने एक वीडियो भी शेयर किया और बताया कि कैसे ग्रीन हाइड्रोजन से कार चल सकती है। कार के लॉन्च के समय गडकरी ने कहा ग्रीन हाइड्रोजन एक बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल है। इससे देश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सकता है। खुद नितिन गडकरी ने बताया कि वह हाइड्रोजन कार का इस्तेमाल करेंगे। जापान की टोयोटा कंपनी ने मुझे यह कार दी है जो हाइड्रोजन पर चलती है। मैं इसे खुद पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस्तेमाल करूंगा।
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पानी से बनता है हाइड्रोजन
नितिन गडकरी ने संसद में कहा था कि अब दिन वो दूर नहीं है कि जब हम लोग ग्रीन हाइड्रोजन से गाड़ी को चलाएंगे। ग्रीन हाइड्रोजन पानी से बनता है। उन्होंने कहा कि अब जल्द ही हम इस विकल्प की ओर आगे बढ़ेंगे। गडकरी ने कहा सीवेज वॉटर के इस्तेमाल से इसे बनाया जा सकता है। मैं अपने संसदीय क्षेत्र के सीवेज पानी को महाराष्ट्र सरकार को बेचता हूं, इससे हमे हर साल 325 करोड़ रुपए हमे रॉयल्टी मिलता है। इस पानी के इस्तेमाल से हम ग्रीन हाइड्रोजन बना सकते हैं। यह हाइड्रोजन सबसे सस्ता ईंधन होगा और प्रदूषण भी कम होगा। पीएम की इच्छा है कि हम पेट्रोलियम आयात करने वाले नहीं बल्कि निर्यात करने वाले बनें।
दो साल सस्ते हो जाएंगे ईवी
गडकरी अक्सर ग्रीन फ्यूल के बारे में बात करते हैं, यही नहीं उन्होंने कहा कि हरित ईंधन प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की लागत को कम करेगी, दो साल के समय में पेट्रोल से चलने वाले वाहनों का खर्च ईवी के बराबर हो जाएगा। गौर करने वाली बात है कि आज एक बार फिर से पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी हुई है, पिछले 9 दिनों में यह आठवी बढ़ोतरी हुई है। देश में पेट्रोल के दाम की बात करें तो दिल्ली में पेट्रोल 101.01 रुपए प्रति लीटर, डीजल 92.27 रुपए प्रति लीटर है।