विधानसभा चुनाव परिणाम: क्या चल रहा है केजरीवाल के दिमाग में
नयी दिल्ली। महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी के उत्साह हो चौगुना कर दिया है। दीवाली से पहले ही भाजपा में डबल धमाका मनाया जा रहा है। हरियाणा में जहां पहली बार भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है तो वहीं महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर ऊभरी है, हलांकि यहां वो बहुमत के आंकड़े से दूर है।
महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनावों से एक बात तो तय है कि मोदी की लहर अब भी जारी है। जहां हरियाणा में ये लहर सुनामी बन गई तो महाराष्ट्र में इसका फीका असर पड़ा है। इन सब के बीच एक राजनीतिक दल ऐसा भी है जो चुप्पी साधे हैं। जी हां हम बात कर रहे है आम आदमी पार्टी की। लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने देशभर में अपने पंख फैलाए, लेकिन चुनाव परिणामों में मूकी खाने के बाद उन्होंने अपना भामट समेटना शुरु कर दिया।
अगर आम आदमी पार्टी हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों में अपनी किस्मत आजमाती तो चुनाव के नतीजें शायद कुछ और होते। आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। जिसका पार्टी में विरोध भी हुआ। पार्टी नेता योगेन्द्र यादव इससे खफा भी हो गए। अगर पार्टी ने चुनाव लड़े होते तो चुनावी आंकड़े कुछ बदले होते। हो सकता है कि हरियाणा में कांग्रेस की सीटें और कम होती तो वहीं एचजेसी का सूपड़ा भी साथ हो सकता था। आप हरियाणा में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकती है।
वहीं अगर महाराष्ट्र में आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव लड़ी होती तो हो सकता है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का पत्ता पूरी तरह साफ हो जाता। फिलहाल एमएनएस के खाते में 2 सीटें आती दिख रही है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच इस बारे में चर्चाएं जोरों पर है। पार्टी के कार्यकर्ता पार्टी के आलाकमान के फैसले पर नाराजगी जता रहे हैं।