पाकिस्तान की जेल से आज होगी भारतीय कैदी हामिद अंसारी की रिहाई, मां-बाप ने कहा बेटा नेक इरादे से गया था पाकिस्तान
मुंबई। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक हामिद अंसारी की आज जेल से रिहाई हो जाएगी। उनके जेल से छूटने पर उनके माता-पिता का बयान आया है। हामिद के माता-पिता तीन वर्ष बाद बेटे के जेल से आने की खबर पर काफी खुश हैं। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा है कि उनके बेटे के इरादे गलत नहीं थे और वह नेक इरादों के साथ पाकिस्तान गए थे। हामिद को पेशावर स्थित कोट सेंट्रल जेल में रखा गया था। वह पिछले तीन वर्षों से जेल में सजा काट रहे थे। हामिद, मुंबई के रहने वाले हैं और अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने पाकिस्तान पहुंचे थे।
सही वीजा के साथ जाना चाहिए था पाक
हामिद की मां ने कहा है, 'उसे वीजा के साथ पाकिस्तान जाना चाहिए था लेकिन उसके इरादे नेक थे। सही वीजा न होने की वजह से पकड़ लिया गया और बाद में फंसा दिया गया। उसकी रिहाई इंसानियत की जीत है।' जिस लड़की से मिलने के लिए हामिद पाकिस्तान गए थे उससे उनकी दोस्ती सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए हुई थी। अंसारी के वकील काजी मोहम्मद अनवर की ओर से पेशावर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में कहा गया था कि पेशावर की सरकार ने अंसारी की रिहाई को लेकर अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। वकील अनवर ने कहा था कि उनके क्लाइंट की सजा 15 दिसंबर को पूरी हो जाएगी और ऐसे में उन्हें 16 दिसंबर को सुबह रिहा कर दिया जाना चाहिए। इसके बाद शनिवार को पेशावर हाई कोर्ट ने अंसारी को वापस भेजने की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए एक महीने का समय दिया था।
पाकिस्तान की मिलिट्री ने चलाया केस
हामिद पर पाक मिलिट्री की ओर से केस चलाया गया था और उन पर पाक सेना की जासूसी का आरोप लगाया गया था। पाकिस्तान की मीडिया ने सूत्रों के हवाले से इस बात का दावा किया था कि हामिद ने पाक में गलत तरीके से दाखिल होने की बात मान ली थी। पाक मिलिट्री का कहना था कि हामिद के सात फेसबुक अकाउंट्स और और करीब 30 ईमेल आईडी हैं। साथ ही उनके पास से कई संवेदनशील दस्तावेज पाए गए थे। अंसारी अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने के लिए अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान में दाखिल हुए थे। अवैध रूप से पाक सीमा के अंदर दाख्सिल होने पर नवंबर 2012 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
जेल में तीन बार हुआ हमला
उसे नवंबर 2012 में कोहट में हिरासत में लिया गया था। अंसारी के पाक में गायब होने के बाद से अधिकारियों ने जनवरी 2015 में माना था कि वह पाक सेना की हिरासत में है। दिसंबर 2015 को हामिद को सजा सुनाई गई थी। हामिद को पाक ने भारतीय एजेंसी रॉ का जासूस बताया था और इसी आरोप में उसे पेशावर की सेंट्रल जेल में रखा गया। जेल में सजा काटने के दौरान हामिद पर जेल के कैदियों ने तीन बार हमला भी किया और हामिद घायल हो गए थे। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की ओर से इस पर साल 2015 में विरोध भी जताया गया था।