बंगाल बीजेपी अध्यक्ष बोले- ट्रेनों में मजूदरों की मौत छोटी घटना, रेलवे नहीं है जिम्मेदार
नई दिल्ली: लॉकडाउन के चौथे चरण में भी प्रवासी श्रमिकों के घर जाने का सिलसिला जारी है। कुछ मजदूर 'श्रमिक' ट्रेनों से, तो कुछ पैदल ही घर की ओर रवाना हो गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार से अब तक श्रमिक ट्रेनों में 9 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई है। ट्रेनों में प्रवासी मजूदरों की मौत को पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने छोटी घटना बताया है। जिसके बाद वो विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गए हैं।
बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि श्रमिक ट्रेनों से घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों की मौत छोटी घटनाएं हैं। इसके लिए आप रेलवे को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास कई उदाहरण हैं कि रेलवे ने यात्रियों को घर पहुंचाने में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। कुछ घटनाएं हुईं हैं, इसका मतलब ये नहीं है कि आप रेलवे को बंद कर देंगे। उनके इस बयान के बाद बंगाल की सियासत गरमा गई।
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मामले में वरिष्ठ टीएमसी नेता और सांसद सौगत रॉय ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इतने सारे लोग मर रहे हैं और बीजेपी नेता इस तरह व्यवहार कर रहे मानों कुछ हुआ ही नहीं है। उन्होंने कहा कि दिलीप घोष को मामले में समझदारी से बात करनी चाहिए। वहीं सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे ने साबित कर दिया है कि सरकार लोगों की जिंदगी बचाने में असमर्थ है।
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42
लाख
लोग
पहुंचे
घर
रेलवे
के
मुताबिक
26
मई
तक
3276
ट्रेनें
चलाई
गई
थीं।
इन
ट्रेनों
की
मदद
से
अब
तक
42
लाख
से
ज्यादा
लोगों
को
घर
पहुंचाया
जा
चुका
है।
स्टेशन
पर
दुकानें
बंद
हैं,
ऐसे
में
रेलवे
यात्रियों
को
खाना
और
पानी
उपलब्ध
करवा
रही
है।
इस
बीच
कांग्रेस
ने
रेलवे
पर
गंभीर
आरोप
लगाए
थे।
कांग्रेस
नेता
कपिल
सिब्बल
के
मुताबिक
श्रमिक
ट्रेनों
में
मजदूरों
को
खाना-पानी
कुछ
नहीं
दिया
जा
रहा
है।
जिस
वजह
से
लोग
भूखे
प्यासे
सफर
करने
को
मजबूर
हैं।