#IndVsPak: भारत जीता लेकिन पाकिस्तान ने उजागर की कई कमज़ोर कड़ी
भारत के सामने 148 रन की चुनौती पेश करने वाली पाकिस्तान टीम मैच के आखिरी ओवर तक संघर्ष में बनी रही. उसने रोहित शर्मा की टीम की दिक्कतों को निशाने पर लिया.
- भारत बनाम पाकिस्तान, एशिया कप मुक़ाबला
- भारत की पांच विकेट से जीत
- पाकिस्तान - 147 ऑल आउट (19.5 ओवर. मोहम्मद रिज़वान 43 रन, भुवनेश्वर कुमार 4/26)
- भारत - 148/5 (19.4 ओवर. रवींद्र जडेजा 35 रन, मोहम्मद नवाज़ 3/33)
हार्दिक पांड्या के बल्ले से टकरा कर रविवार को मोहम्मद नवाज़ की गेंद ने दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की बाउंड्री पार की और भारत की जीत पर मुहर लग गई.
भारत में आधी रात के करीब का वक़्त था लेकिन कई शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए. ढोल, नगाड़े बजने लगे. तिरंगे लहराए जाने लगे. आतिशाबाज़ी होने लगी. ट्विटर पर बधाई संदेश आने लगे. पूर्व क्रिकेटर, नेता और फैन्स टीम इंडिया को बधाई देने लगे.
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कांटे की टक्कर
कई लोगों के लिए रविवार को खेला गया एशिया कप मैच 'बदले का मुक़ाबला' था. करीब 10 महीने पहले यानी अक्टूबर 2021 में दुबई में ही ये दोनों टीमें जब टकराईं थीं तब पाकिस्तान ने 10 विकेट से जीत हासिल की थी.
भारत और पाकिस्तान के बीच रविवार को खेले गए मैच में ज़्यादातर समय पलड़ा भले ही भारतीय टीम का भारी रहा लेकिन 19वें ओवर तक ये जीत को लेकर सौ फ़ीसदी गारंटी देने को कोई तैयार नहीं था.
रोमांच ऐसा था कि डग आउट और ड्रेसिंग रुम में बैठे खिलाड़ी कई मौकों पर नाखून चबाते और गहरी सांस भरते देखे गए.
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पाकिस्तान के लिए पहला मैच खेल रहे नसीम शाह के चौथे ओवर की चौथी गेंद (भारतीय पारी का 18वां ओवर) पर अंपायर ने जमकर खेल रहे भारतीय बल्लेबाज़ रवींद्र जडेजा को आउट दिया तो भारतीय खेमे के हर खिलाड़ी के चेहरे पर मायूसी साफ़ देखी जा सकती थी. रिव्यू में जडेजा नॉट आउट बताए गए तो विराट कोहली के चेहरे पर दिखे राहत और खुशी के रंगों को मैच का प्रसारण कर रहे ब्रॉडकास्टर ने बार बार दिखाया.
हार्दिक पांड्या ने मैच को पाकिस्तान की ओर फिसलने नहीं दिया लेकिन भारतीय खिलाड़ियों को ये मानने में संकोच नहीं था कि एक वक़्त टक्कर बराबरी पर थी.
मैच में भारत के सबसे कामयाब गेंदबाज़ भुवनेश्वर कुमार ने मैच के बाद कहा, "जब हम लक्ष्य का पीछा कर रहे थे तब 10 ओवर के बाद मैच किसी भी तरफ जा सकता था. हार्दिक और जडेजा ने वाकई अच्छी बल्लेबाज़ी की."
कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, " एकतरफ़ा जीत के बजाए मैं ऐसी जीत पसंद करता हूं."
रोमांचक मुक़ाबले फैन्स को भी रास आते हैं. एकतरफ़ा मैच की तुलना में कांटे की टक्कर हो तो टीआरपी भी ऊपर जाती है लेकिन क्रिकेट पंडित और चैंपियन टीमें मैदान में 'दबदबा' साबित करने में ज़्यादा यकीन करती हैं.
भारतीय टीम के लिए 148 रन की चुनौती बहुत बड़ी नहीं मानी जा रही थी लेकिन पाकिस्तान ने लक्ष्य तक पहुंचने में रोहित शर्मा की टीम के पसीने निकाल दिए.
हार्दिक पांड्या के शानदार ऑलराउंड खेल, रवींद्र जडेजा की ज़िम्मेदारी भरी पारी, भुवनेश्वर कुमार की सटीक गेंदबाज़ी और कोच राहुल द्रविड़ की बेहतरीन रणनीति से भारत जीत हासिल करने में कामयाब रहा लेकिन बाबर आज़म की टीम ने उसकी कई कमज़ोर कड़ियों को सामने ला दिया.
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टॉप ऑर्डर का टेंशन
भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम के शुरुआती तीन बल्लेबाज़ यानी कप्तान रोहित शर्मा, केएल राहुल और विराट कोहली शुरू में तेज़ी से रन नहीं बना पाते हैं. विरोधी गेंदबाज़ शुरुआत में दबाव बनाएं तो ये बिखर जाते हैं.
ट्वेंटी-20 फॉर्मेट में क्रिकेट के कई जानकार इसे टीम इंडिया की कमज़ोर कड़ी मानने लगे हैं. ये कमज़ोरी रविवार को दुबई में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भी दिखी.
पहला मैच खेल रहे नसीम शाह ने केएल राहुल को खाता नहीं खोलने दिया. भारतीय पारी के पहले ओवर में फख़र जमां ने कैच पकड़ लिया होता तो विराट कोहली भी स्कोरर को परेशान किए बिना पैवेलियन लौट गए होते.
रोहित शर्मा आठवें ओवर तक विकेट पर टिके ज़रूर लेकिन 66.6 के बेहद खराब स्ट्राइक रेट से सिर्फ़ 12 रन बना सके. सुस्त बल्लेबाज़ी ही उनकी विदाई का कारण बनी. रन रेट बढ़ाने की कोशिश में वो मोहम्मद नवाज़ का शिकार बन गए.
कोहली की उलझन
विराट कोहली की पहचान 'मैच विनर' की रही है लेकिन बीते कुछ सीजन से वो पुरानी लय में नहीं हैं. पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जीवनदान मिलने के बाद वो रंग में लौटते दिख रहे थे. लेकिन विकेट पर आंखें जमाने के बाद उन्होंने विकेट गंवा दिया.
रोहित शर्मा के आउट होने के बाद वो सिर्फ़ एक ओवर ही विकेट पर रूके. उन्होंने 35 रन से बनाए लेकिन इसके लिए 34 गेंदें खेलीं. ट्वेंटी-20 फॉर्मेट में सौ के करीब का स्ट्राइक रेट अच्छा नहीं कहा जा सकता. रोहित के ठीक बाद उनके आउट होने से टीम पर दबाव बढ़ गया.
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गेंदबाज़ी की दिक्कतें
भुवनेश्वर कुमार और हार्दिक पांड्या ने पाकिस्तान के टॉप ऑर्डर को बांधे रखा लेकिन आखिरी ओवरों में ढील दिखाने की कमज़ोरी फिर से उजागर हुई. पाकिस्तान टीम अपनी पारी की आखरी 17 गेंदों में 33 रन बनाने में कामयाब रही.
पाकिस्तान के पुछल्ले बल्लेबाज़ टीम को संघर्ष करने लायक स्कोर तक ले गए. 11वें नंबर पर बल्लेबाज़ी के लिए शाहनवाज़ दहानी ने सिर्फ़ छह गेंदों में 16 रन बना दिए. पाकिस्तान के कप्तान बाबर आज़म ने भी उनकी तारीफ की.
भारतीय गेंदबाज़ो में आवेश ख़ान सबसे महंगे साबित हुए. उन्ंहोंने दो ओवरों में 19 रन लुटा दिए. अर्शदीप सिंह ने 33 और युजवेंद्र चहल ने 32 रन खर्च किए. चहल को कोई विकेट भी नहीं मिला.
किस्मत का साथ और बेहतर रणनीति
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जीत में भारत को मिले किस्मत के साथ भी भूमिका रही. कप्तान रोहित शर्मा टॉस जीतने में कामयाब रहे. इससे भारत को लक्ष्य का पीछा करने का मौका मिला. आम तौर पर इस मैदान पर लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम फ़ायदे में रहती है. पाकिस्तान टीम ने कैच टपकाकर भी भारतीय टीम को लाभ का मौका दिया.
भारतीय टीम को कोच और कप्तान की बेहतर रणनीति का भी फ़ायदा मिला. भुवनेश्वर कुमार और हार्दिक पांड्या ने शॉर्ट गेंदों और बाउंसरों का सही इस्तेमाल किया. इससे पाकिस्तान के कप्तान बाबर आज़म और टॉप ऑर्डर के दूसरे बल्लेबाज़ मुश्किल में दिखे.
पाकिस्तान के स्पिनर मोहम्मद नवाज़ जब हावी होते दिख रहे थे तब भी भारत ने पाकिस्तान को चौंकाया और रवींद्र जडेजा को चौथे नंबर पर बल्लेबाज़ी के लिए भेज दिया. इस दांव ने भारत को पाकिस्तान पर बढ़त दिला दी.
भारत का अगला मैच 31 अगस्त को हॉन्ग कॉन्ग के ख़िलाफ़ है. उस मैच में भारत को शायद ही मुश्किल हो लेकिन तीन सितंबर से शुरू हो रहे सुपर 4 स्टेज में टीम को 'कड़ा इम्तिहान' देना पड़ सकता है.
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