ओवैसी को जवाब: नॉर्दन कमांड के जीओसी ने कहा शहादत का कोई धर्म नहीं होता
नॉर्दन कमांड के जनरल ऑफिसर इन गार्ड (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्बू ने कहा है कि सेना, शहीदों का या उनकी शहादत का धर्म या संप्रदाय नहीं देखती है।ऐसे में जो लोग शहीद के धर्म से जुड़े या इस तरह के बयान दे रहे हैं, वे सेना के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं।
नई दिल्ली। नॉर्दन कमांड के जनरल ऑफिसर इन गार्ड (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्बू ने कहा है कि सेना, शहीदों का या उनकी शहादत का धर्म या संप्रदाय नहीं देखती है। ले. जनरल अन्बू की का यह जवाब एआईएमआईएम के चीफ असवुद्दीन ओवैसी के उस सवाल के एवज में आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर में पांच मुसलमान युवक एनकाउंटर में शहीद हो गए हैं, लेकिन इस पर कोई भी बात नहीं कर रहा है। ओवैसी ने इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा था और कहा था कि अभी तक पीएम मोदी ने इस पर कोई ट्वीट क्यों नहीं किया है?
शहीद
का
कोई
धर्म
नहीं
होता
लेफ्टिनेंट
जनरल
अन्बू
हाल
ही
में
सुंजवान
में
हुए
आतंकी
हमले
पर
मीडिया
से
बात
कर
रहे
थे।
बुधवार
को
उन्होंने
कहा
कि
शहीद
का
कोई
भी
धर्म
नहीं
होता
है।
ऐसे
में
जो
लोग
शहीद
के
धर्म
से
जुड़े
या
इस
तरह
के
बयान
दे
रहे
हैं,
वे
सेना
के
बारे
में
ज्यादा
नहीं
जानते
हैं।
जम्मू
के
सुंजवान
में
आर्मी
कैंप
पर
हुए
हमले
में
कश्मीर
के
पांच
जवान
शहीद
हो
गए
थे।
इसमें
कठुआ,
जम्मू
के
रहने
वाले
50
वर्षीय
जेसीओ
मदन
लाल
चौधरी,
कुपवाड़ा
के
मदनपोरा
गांव
के
रहने
वाले
43
वर्षीय
सूबेदार
मोहम्मद
अशरफ
मीर,
कुपवाड़ा
के
बाटपोरा
गांव
के
रहने
वाले
38
वर्षीय
हवलदार
हबीबुल्लाह
कुरैशी,
पुलवामा
के
नीगेन
पोरा
के
रहने
वाले
लांस
नायक
मोहम्मद
इकबाल
और
अनंतनाग
जिले
के
केवार
गांव
के
रहने
वाले
32
वर्षीय
लांस
नायक
मंजूर
अहमद
देवा
शहीद
हो
गए
थे।
इसके
अलावा
श्रीनगर
में
सीआरपीएफ
की
23वीं
बटालियन
पर
हुए
आतंकी
हमले
में
बिहार
के
आरा
जिले
के
रहने
वाले
मोजाहिद
खान
दुश्मनों
से
लड़ते
हुए
शहीद
हो
गए
थे।
युवाओं
के
आतंकवाद
से
जुड़ने
पर
जताई
चिंता
अन्बू
ने
यहां
पर
यह
बात
भी
कही
कि
दुश्मन
अब
हताश
हो
गया
है।
जब
वह
बॉर्डर
या
एलओसी
पर
कोई
बड़ा
हमला
नहीं
कर
पाता
है,
तो
वह
आर्मी
कैंप
पर
हमला
करता
है।
अन्बू
ने
इस
बात
पर
भी
चिंता
जताई
कि
युवा
तेजी
से
आतंकवाद
से
जुड़े
रहे
हैं
और
आतंकी
संगठन
में
शामिल
हो
रहे
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
इस
पर
बात
करने
की
सख्त
जरूरत
है।
उन्होंने
जानकारी
कि
साल
2017
में
आतंकी
संगठनों
के
नेतृत्व
पर
हमला
किया
और
इसे
खत्म
करने
में
सफलता
हासिल
की।
अन्बू
ने
साथ
ही
घाटी
में
बढ़
रहे
आतंकवाद
के
लिए
सोशल
मीडिया
को
भी
जिम्मेदार
बताया।
उन्होंने
कहा
कि
आज
बड़े
पैमाने
पर
घाटी
का
युवा
सोशल
मीडिया
पर
जुड़ा
है
और
इस
मु्द्दे
पर
भी
ध्यान
देने
की
जरूरत
है।
उन्होंने
बताया
कि
हिजबुल
मुजाहिद्दीन,
लश्कर-ए-तैयबा
हो
या
फिर
जैश-ए-मोहम्मद
हो,
घाटी
में
इन
तीनों
ही
संगठनों
के
आतंकी
मौजूद
हैं
और
इन
पर
कार्रवाई
हो
रही
है।
उन्होंने
चेतावनी
देते
हुए
कहा
कि
कोई
भी
जो
राज्य
के
खिलाफ
हथियार
उठाता
है,
वह
आतंकी
है
और
उससे
सेना
जरूर
निबटेगी।