चुनाव से पहले मणिपुर में हिंसा: NPP कैंडिडेट के पिता को लगी गोली, भाजपा के खिलाफ शिकायत दर्ज, सीएम बोले...
मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने शनिवार को एक-दूसरे पर निशाना साधते हुए राज्य के कुछ जिलों में हुई चुनाव पूर्व हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया।
इम्फाल,
20
फरवरी।
मणिपुर
में
भारतीय
जनता
पार्टी
(भाजपा)
और
नेशनल
पीपुल्स
पार्टी
(एनपीपी)
ने
शनिवार
को
एक-दूसरे
पर
निशाना
साधते
हुए
राज्य
के
कुछ
जिलों
में
हुई
चुनाव
पूर्व
हिंसा
के
लिए
एक-दूसरे
को
जिम्मेदार
ठहराया।
राज्य
के
पूर्वी
इंफाल
जिले
के
एंड्रो
निर्वाचन
क्षेत्र
में
शुक्रवार
शाम
गंभीर
हिंसा
हुई,
जिसमें
कम
से
कम
सात
लोग
घायल
हो
गए।
इस
घटना
में
6
घरों
में
तोड़फोड़
हुई
और
5
कारों
को
गंभीर
रूप
से
क्षतिग्रस्त
कर
दिया
गया।
शनिवार को मीडिया से बात करते हुए, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि एंड्रो विधानसभा क्षेत्र में चुनाव पूर्व हिंसा की जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन उन्होंने हिंसा में भाजपा की किसी भी संलिप्तता से साफ इनकार किया।मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्षी विधायक उम्मीदवार उनकी सुरक्षा के लिए प्रदान की गई सिक्योरिटी और सशस्त्र सुरक्षा का दुरुपयोग कर रहे हैं।
NPP
उम्मीदवार
के
पिता
को
घर
के
बाहर
मारी
गोली
मणिपुर
के
एंड्रो
निर्वाचन
क्षेत्र
में
शुक्रवार
रात
हुई
हिंसा
के
बाद
कम
से
कम
सात
लोगों
को
अस्पताल
में
भर्ती
कराया
गया
है।
घायलों
में
एनपीपी
प्रत्याशी
संजय
सिंह
के
पिता
एल.
श्यामजाई
और
पूर्व
विधायक
और
भाजपा
प्रत्याशी
टी
श्यामकुमार
के
चालक
ताकेल्लम
थोबीमाचा
शामिल
हैं।
गोली
लगने
से
दोनों
घायल
हो
गए।
झड़प के दौरान भाजपा के एंड्रो मंडल अध्यक्ष प्रभारी मेहौबम बाबू के परिवार के सदस्य भी घायल हो गए। इन सभी को इंफाल के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
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भाजपा के खिलाफ शिकायत दर्ज
एनपीपी ने भाजपा के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें दावा किया गया है कि एनपीपी उम्मीदवार के पिता को निर्वाचन क्षेत्र में उनके घर के बाहर टलहते समय गोली मार दी गई। एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कोनराड संगमा ने भी शनिवार को मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात की।
राजनीतिक दल हिंसा में लिप्त
मणिपुर के डीजीपी पी डौंगेल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चुनाव से पहले राजनीतिक दल हिंसा में लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि यदि उम्मीदवार और उनके समर्थक चुनाव आयोग के नियमों का पालन करते और 9 बजे के बाद चुनाव प्रचार बंद कर देते तो ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता था।
10
चुनावी
क्षेत्रों
में
हुई
हिंसा
मणिपुर
के
संयुक्त
मुख्य
चुनाव
अधिकारी
एस
दौलत
खान
ने
कहा
कि
अब
तक
10
निर्वाचन
क्षेत्रों
से
हिंसा
की
घटनाओं
की
सूचना
मिली
है
और
एहतियाती
कार्रवाई
की
जा
रही
है।
चुनाव
आयोग
ने
राज्य
में
और
ज्यादा
सीएपीएफ
की
तैनाती
का
भी
आह्वान
किया
है।
आने
वाले
दिनों
में
300
कंपनियों
के
तैनाती
होने
की
उम्मीद
है।