Video: 23 साल बाद जेल से छूटा बेकसूर कश्मीरी, मां-बाप की कब्र पर रोया
श्रीनगर। पिछले दिनों राजस्थान हाई कोर्ट की तरफ से 1996 के समलेती ब्लास्ट केस में फैसला दिया गया है। इस केस में जम्मू कश्मीर के अली भट्ट निर्दोष साबित हुए और कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया। भट्ट पिछले 23 वर्षों से एक ऐसे गुनाह के लिए जेल में थे जो उन्होंने किया ही नहीं। जब वह जेल से बाहर आए तो पूरी दुनिया बदल चुकी थी । खुद उनकी दुनिया में कई बदलाव आ गए थे। भट्ट का एक वीडियो ट्टिवर पर शेयर हो रहा है और इस वीडियो को देखकर आपकी आंखों में भी आंसू आ जाएंगे।
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सबसे पहले पहुंचे कब्र पर
कोर्ट से रिहा होने के बाद भट्ट श्रीनगर स्थित अपने घर लौटे और सबसे पहले माता-पिता की कब्र पर पहुंचे। वह अपने अम्मी अब्बू की कब्र पर जाकर रोए। भट्ट ने अपने माता-पिता को जेल में रहने के दौरान गंवा दिया था। भट्ट की ने अपनी जिंदगी के ढाई दशक जेल में बिता दिए। मंगलवार को राजस्थान हाई कोर्ट ने 42 साल के लतीफ अहमद बाजा, 48 साल के अली भट्ट, 39 साल के मिर्जा निसार, 57 साल के अब्दुल गोनी और 56 साल के रईस बेग को रिहा किया है। बेग को आठ जून 1997 को सजा सुनाई गई थी।
कभी नहीं दी गई पेरोल या जमानत
बाकी लोगों को 17 जून 1996 से 27 जुलाई 1996 के बीच सजा सुनाई गई। इस दौरान इन सभी लोगों को दिल्ली और अहमदाबाद की जेल में रखा गया लेकिन कभी भी पेरोल या फिर जमानत पर रिहा नहीं किया गया। सोमवार को इन सभी को रिहा करते हुए कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष इन सभी के खिलाफ सुबूत पेश करने में असफल रहा है। साथ ही अभियोजन पक्ष इस बात को भी साबित नहीं कर पाया कि उनके और ब्लास्ट के मुख्य आरोपी डॉक्टर अब्दुल हमीद के बीच किसी तरह का कोई संपर्क है। हमीद को मौत की सजा दी गई थी और इसे बरकरार रखा गया है।
कौन हैं ये चारों लोग
बेग आगरा के रहने वाले हैं, गोनी जम्मू के डोडा जिले से आते हैं और बाकी लोग श्रीनगर के रहने वाले हैं। जेल जाने से पहले भट्ट का कालीन का बिजनेस था। बाजा दिल्ली और काठमांडू में कश्मीर का हैंडीक्राफ्ट बेचने का काम करते के और निसार नौंवी कक्षा का छात्र था। गोनी अपना एक स्कूल चलाता था। गोनी ने रिहा होने के बाद कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि अब वे सभी किस दुनिया में कदम रख रहे हैं। उनके माता-पिता और चाचा की मौत उनके जेल में रहते हुए ही हो गई । उनकी बहन की शादी हुई और अब उनकी भांजी की शादी होने वाली है।
क्या था समलेती ब्लास्ट
22 मई 1996 को दौसा गांव जो जयपुर-आगरा हाइवे पर पड़ता है, उसके करीब समलेती में एक बस में ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट में 14 लोगों की मौत हो गई थी और 37 लोग घायल हुए थे। दिल्ली के लाजपत नगर में हुए ब्लास्ट के बाद यह ब्लास्ट हुआ था। चार्जशीट में कहा गया था कि ये सभी जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट से जुड़े थे और चार्जशदी में यह दावा भी किया गया कि इन लोगों ने ही जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में भी ब्लास्ट करागया था।