गांधी परिवार को लेकर वरुण गांधी ने दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के फायरब्रांड नेता वरुण गांधी ने गांधी परिवार को लेकर बड़ा बयान दिया है। वरुण गांधी ने कहा कि मेरे परिवार में भी कुछ लोग प्रधानमंत्री रहे हैं, लेकिन जो सम्मान मोदी ने देश को दिलाया है वो बहुत लंबे समय से किसी ने देश को नहीं दिलाया है। वो आदमी केवल जी रहा है देश के लिए और मरेगा देश के लिए, उसको केवल देश की चिंता है। बता दें कि मौजूदा समय में वरुण गांधी पीलीभीत से सांसद हैं लेकिन इस बार उन्हें सुल्तानपुर से टिकट दिया गया है।
मां के सम्मान के लिए गर्दन काट लूंगा
कुछ दिनों पहले यह खबरें सामने आई थी कि कांग्रेस ने वरुण गांधी से संपर्क साधा था, लेकिन वरुण गांधी ने इन खबरों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से झूठ है, परिवार में मेरी एक ही गुरू हैं और वो मेरी मां हैं। महज 23 वर्ष की उम्र में मेरी मां विधवा हो गईं थीं, उन्होंने पूरा जीवन संघर्षकिया, मैं अपनी गर्दन काट लूंगा लेकिन मां के सम्मान में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं आने दूंगा। वरुण ने कहा कि गांधी परिवार से मेरे औपचारिक रिश्ते हैं लेकिन पारिवारिक नहीं।
चौकीदार चोर है पर दी प्रतिक्रिया
जिस तरह से राहुल गांधी पीएम मोदी को चौकीदार चोर कहते हैं उसपर वरुण गांधी ने कहा कि यह गलत है उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए। पीएम मोदी देश में काफी लोकप्रिय हैं, कद और गंभीरता के मामले में उनका स्थान पहले नंबर पर है। आज मोदी प्रधानमंत्री हैं कल कोई और होगा, लेकिन पीएम के बारे में इस तरह से कहना गलता है। यूपी की राजनीति में प्रियंका गांधी की एंट्री पर वरुण गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में संगठनात्मक ढांचा न हीं है, पार्टी के भीतर समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए निष्ठा नहीं है, मुझे नहीं लगता है कि कुछ खास बदलाव आएगा।
पीएम पिता की तरह मेरे साथ खड़े रहे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए वरुण गांधी ने कहा कि मेरा और मां के सम्मान का हमेशा पूरा खयाल रखा गया। उन्होंने कहा कि भाजपा में एक ही परिवार है जिसके दो सदस्यों को चुनाव लड़ाया जा रहा है। मैं जितनी बार भी प्रधानमंत्री से मिला मेरा अनुभव काफी अच्छा रहा, वह एक बेहतर इंसान हैं, उनका हृदय नर्म है। मेरे उपर जब कोई संकट आया तो नरेंद्र मोदी मेरे साथ मेरे पिता की तरह खड़े रहे। वरुण गांधी ने बताया कि जब मेरी बेटी का देहांत हुआ था तो मैं बहुत टूट गया था, लेकिन उस समय सबसे पहला फोन प्रधानमंत्री का आया था और उन्होंने मुझसे हिम्मत देते हुए कहा था कि भगवान परीक्षा लेता है, अगर उसने एक देवी ली है तो दूसरी देवी देगा और दो वर्ष बाद एक और बेटी पैदा हुई, जिसका नाम अनुसुइया है।
इसे भी पढ़ें- PAK विदेश मंत्री का दावा- भारत फिर कर सकता है हमला, MEA का जवाब- बेतुका बयान