चमोली हादसे पर अमित शाह ने संसद में दिया बयान, कहा- लोगों को बचाने में जुटे हैं ITBP के 450 जवान
नई दिल्ली। उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने की वजह से आई तबाही में दर्जनों लोगों की जान चली गई है और 100 अधिक लोग अभी भी लापता है। लापता लोगों की तलाश करने के लिए तमाम राहत और बचाव की टीमें तैनात हैं और लगातार इन लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए काम कर रही हैं। इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य सभा और लोकसभा में चमोली हादसे पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सभी एजेंसियां हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
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अमित शाह ने कहा कि राहत और बचाव में आईटीबीपी के 450 जवान, एनडीआरएफ की पांच टीमें और भारतीय सेना की 8 टीमें, भारतीय वायुसेना व 5 हेलीकॉप्टर मौके पर तैनात हैं और लापता लोगों की तलाश में मदद कर रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि 7 फरवरी को सुबह 10 बजे चमोली में स्थित अलकनंदा नदी हिमस्खलन की घटना घटी, जिसके कारण नदी के जल स्तर में अचानक काफी वृद्धि हो गई, जिसकी वजह से अचानक बाढ़ आ गई और यहां जल विद्युत परियोजना पूरी तरह से बह गई और तपोवन में एनटीपीसी की परियोजना को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
शाह ने कहा कि केंद्र और राज्य की सभी संबंधित एजेंसियां हालात पर पैनी नजर बनाए हैं। उत्तराखंड सरकार से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 8 फरवरी शाम पांच बजे तक 20 लोगों की जान जा चुकी है, 6 लोग घायल हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार 197 लोग लापता हैं, एनटीपीसी योजना से जुड़े 139 और तुलसीगंगा परियोजना के 46 व 12 ग्रामीण लोग लापता हैं। एनटीपीसी परियोजना के 12 व्यक्तियों को एक सुरंग से सुरक्षित बचा लिया गया है। तुलसी परियोजना के 14 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। टनल में तकरीबन 35 लोग फंसे हैं, जिन्हें बचाने के लिए अभियान जारी है। लापता व्यक्तियों को ढूंढने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। जान गंवाने वालों के परिजनों को राज्य सरकार ने 4 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है।
अमित शाह ने कहा कि स्थिति पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है, खुद पीएम भी नजर बनाए हुए हैं। हर संभव केंद्र की ओर से मदद की जा रही है। आईटीबीपी ने अपना कंट्रोल रूम यहां स्थापित किया है और उनके 450 जवान जरूरी साजो सामान के साथ तैनात हैं। आर्मी की एक इंजीनियरिंग टीम भी मौके पर तैनात है। जोशीमठ में भी प्रशासन की ओर से एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। टनल में फंसे लोगों को बचाने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है।