#TripleTalaq: सुबह देर से सोकर उठी पत्नी तो पति ने दे दिया तीन तलाक
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नई दिल्ली। तीन तलाक को खत्म करने के प्रस्ताव वाला विधेयक आज संसद में पेश किया जाएगा, लोकसभा की कार्यसूची के मुताबिक, तीन तलाक से संबंधित मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2017 निचले सदन में रखा जाना है, सरकार की पूरी कोशिश है कि सदियों से चली आ रही इस कुप्रथा को समाप्त किया जाए लेकिन इस मुद्दे पर राजनैतिक और धार्मिक घमासान मच गया है तो इसी बीच यूपी के रामपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, यहां एक पत्नी को उसके पति ने सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि वो देर से सोकर उठी थी।
रामपुर के अजीमनगर का
ये मामला रामपुर के अजीमनगर का है, पीड़िता का नाम गुल अफशां है, जिसने बताया कि पति उनके साथ मारपीट भी करता था और सुबह जब वो देर से सोकर उठीं तो पति ने उन्हें तीन तलाक दे दिया। अपनी बेबसी पर फूट-फूट कर रो रही गुल अफशां को समझ नहीं आ रहा कि अब वो किधर जाए, पति के तलाक के बाद उसके अपनों ने भी उसके लिए दरवाजे बंद कर दिए हैं।
फालतू की वजहों पर तीन तलाक
गुल अफशां का मामला कोई इस तरह का पहला मामला नहीं है, ऐसे बहुत सारे मामले हैं, जहां पति ने पत्नी को फालतू की वजहों पर तीन तलाक देकर उसे घर से बाहर निकाल दिया था।
त्वरित ट्रिपल तलाक
आपको बता दें कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) बिल यानि त्वरित ट्रिपल तलाक पर तैयार किए गए बिल को कैबिनेट ने इस महीने अपनी मंजूरी दे दी थी, राजनाथ सिंह के अध्यक्षता में बनी मंत्री समूह ने इस बिल का ड्राफ्ट तैयार किया है। बिल में तीन तलाक को आपराधिक करने के लिए कड़े प्रावधान शामिल किये गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में इंस्टेंट ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी करार दिया था।
मसौदा कानून
ड्राफ्ट को तैयार करने वाले मंत्री समूह में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद और विधि राज्यमंत्री पीपी चौधरी थे। मसौदा कानून के तहत, किसी भी तरह का तीन तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) गैरकानूनी होगा। प्रस्तावित कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा।
तीन साल तक की सजा और जुर्माना
इस बिल का आठ राज्यों ने समर्थन किया है वहीं बाकी राज्यों का जवाब आना बाकी है। ड्राफ्ट बिल में तुरंत ट्रिपल तलाक देने के दोषियों को तीन साल तक की सजा और जुर्माना करने का प्रस्ताव शामिल है। ये एक संज्ञेय और गैर जमानती अपराध माना जाएगा। पीड़ित मुस्लिम महिला को गुजारा भत्ता का अधिकार और नाबालिग बच्चों को कस्टडी देने का भी प्रस्ताव है।
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Gul Afshan, a resident of Rampur's Azimnagar says her husband beat her and gave her #TripleTalaq because she woke up late in the morning pic.twitter.com/JOY8Oklk42
— ANI UP (@ANINewsUP) December 27, 2017