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तार काटकर आर्मी बेस में घुसे थे आतंकी, उरी हमले से जुड़े 5 नए खुलासे

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नई दिल्ली। रविवार को उरी आर्मी बेस पर हुए आतंकी हमले में लगातार नए खुलासे सामने आ रहे हैं। मिल रही जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने आर्मी बेस के आस-पास लगे कंटीले तारों को काटकर इस हमले को अंजाम दिया।

uri attack

18 सितंबर को हुआ था उरी में हमला

18 सितंबर यानी रविवार को उरी आर्मी बेस पर जो कुछ हुआ उससे पूरे देश में गुस्सा है। इस हमले में हमने अपने 18 जांबाज जवानों को खो दिया। चार आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया।

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हालांकि जवाबी फायरिंग में चारों आतंकी मारे गए, लेकिन आर्मी बेस पर हुए हमले ने कई सवाल जरूर खड़े कर दिए। आखिर आतंकियों के हमले का खुफिया इनपुट होते हुए भी उन्होंने इस पूरे हमले को अंजाम तक कैसे पहुंचाया?

इस बीच उरी हमले को लेकर कई खुलासे सामने आ रही हैं इसमें सबसे अहम है कि आतंकियों ने आर्मी बेस को टारगेट करने से पहले वाले लगे कंटीले तारों को काटा था।

कंटीले तारों को काटते समय आखिर क्यों नहीं दिखे आतंकी

आर्मी बेस पर हमले के लिए आतंकियों ने दो जगह पर कंटीले तारों को काटा था। इतना ही नहीं करीब 150 मीटर तक बिना रोक-टोक अंदर घुस गए। वो भी उस समय जबकि इन जगहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते हैं।

आतंकी पहले से हमले की योजना बनाकर आए थे। इसीलिए उन्होंने अलग-अलग ग्रुप में बंटकर कार्रवाई की अंजाम दिया। एके-47 और ग्रेनेड्स से हमला किया। हमले का वक्त उन्होंने तब चुना जब जवान तैयार नहीं थे।

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पूरे मामले की पड़ताल कर रही है। कैंप के हर हिस्से की जांच के लिए एजेंसी जरूरी पैमाने के तहत अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ा रही है। बता दें कि ये आर्मी बेस जम्मू-कश्मीर एलओसी के बेहद करीब है।

सूत्रों के मुताबिक जांच में जुटी टीम को पता चला है कि आतंकी जैसे ही कैंप के नजदीक पहुंचे वह तीन समूहों में बंट गए।

उन्होंने उस इलाके को घेरा जहां बिहार जवानों की 6 पार्टी यानी करीब 40 जवान तैनात थे। दो इस टेंट के नजदीक पहुंचकर फायरिंग करने लगे जबकि दो ऑफिसर्स मेस और मोटर ट्रांसपोर्ट सेक्शन की ओर बढ़ गए।

खुफिया अलर्ट के बाद भी हमले से उठे सवाल

सूत्रों के मुताबिक जांच में जुटे अधिकारियों से मिल रही जानकारी के मुताबिक जवान इसलिए जवाबी कार्रवाई नहीं कर सके क्योंकि उन्होंने अपने हथियार एक जगह रख छोड़े थे। उस समय जवान के शिफ्ट होने का वक्त था। इसलिए कार्रवाई में वक्त लगा।

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मेस और ट्रांसपोर्ट सेक्शन की ओर बढ़े आतंकियों को जवानों ने मार दिया, वहीं दो और जवान जो कैंप में फायरिंग कर रहे थे उन्हें भी आखिरकार भारतीय जवानों ने अपना शिकार बना ही लिया। ये पूरा घटनाक्रम करीब आधे घंटे तक चला।

जांच में जुटी टीम ने बताया कि खुफिया एजेंसियों ने हमले के तीन दिन पहले यानी 15 सितंबर को ही ऐसे हमलों को लेकर दो अलर्ट जारी किए थे। इनमें से एक अलर्ट 12 ब्रिगेड हेडक्वार्टर के लिए ही था।

16 सितंबर को ही बिहार रेजीमेंट की उरी पहुंची थी। उन्हें 10 डोगरा रेजीमेंट से कमांड लेनी थी। जिस समय ये हमला हुआ उस समय दोनों रेजीमेंट के जवान वहां मौजूद थे।

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English summary
Uri attack: after cut Fence Terrorists Walked 150 Meters Unchallenged Into Army Base.
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