UPSC टॉप करने पर गर्ल फ्रेंड को श्रेय दिया, सोशल मीडिया ने ऐसे किया रियेक्ट
नई दिल्ली। यूपीएससी परीक्षा में टॉप करने वाले आईआईटी के कनिष्क कटारिया ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गर्ल फ्रैंड को भी दिया है। जिसके बाद से वह सोशल मीडिया पर जबरदस्त लोकप्रियता बटोर रहे हैं। 26 वर्षीय कनिष्क ने कहा कि पढ़ाई के दौरान ध्यान केंद्रित करने में उनकी गर्ल फ्रैंड ने उनकी काफी मदद की और इसके लिए उन्होंने उसका शुक्रिया अदा किया। कनिष्क ने अपनी सफलता के लिए अपने परिवार वालों को भी शुक्रिया कहा है।
जबरदस्त लोकप्रिय
कनिष्क ने कहा कि जब नतीजे घोषित हुए तो वह बहुत खुश थे और मुझे विश्वास नहीं हो रहा था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं टॉप करूंगा। मैं अपने माता-पिता, बहन, मेरी गर्लफ्रैंड को इसके लिए शुक्रिया कहना चाहता हूं, इन लोगों ने मेरी बहुत मदद की। लोगों की अपेक्षा है कि मैं बेहतर प्रशासक बनूं और मैं भी यही चाहता हूं। कनिष्क के इस बयान के बाद लगातार सोशल मीडिया पर लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं और वह जमकर सुर्खियां बटोर रहे हैं।
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ये सब बूरी बात की मिथ्या को तोड़ा
ट्विटर यूजर लाइप गिवेन लिज लेमंस ने कहा कि मुझे सच में यह बहुत अच्छा लगा कि उसने अपनी गर्ल फ्रैंड को शुक्रिया कहा, उन्होंने अच्छे बच्चे ये सब नहीं करते की परंपरा को तोड़ा है। बता दें कि कनिष्क आईआईटी बॉम्बे के छात्र रहे हैं, उन्होंने 2018 की यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया है जोकि पिछले वर्ष जून माह में हुई थी। इस परीक्षा में कुल 5 लाख लोगों ने हिस्सा लिया था, जिसमे से 759 लोग सरकारी नौकरी पाने में सफल हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कनिष्क की सफलता पर उन्हें बधाई दी है। उन्होंने कहा कि मैं राजस्थान के कनिष्क को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने यूपीएससी में टॉप किया है, साथ ही अक्षत को भी बधाई जिन्होंने दूसरी रैंक हासिल की है। यह महान उपलब्धि है और समाज के लिए बेहतर है।
विदेश में की नौकरी
बता दें कि इससे पहले कनिष्क दक्षिण कोरिया की एक मल्टिनेशनल कंपनी में नौकरी करते थे। लेकिन 2017 में उन्होंने यहां से इस्तीफा दे दिया और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने दिल्ली में कोचिंग की, हर रोज 8-10 घंटे पढ़ते थे, जोकि बाद में 14-15 घंटे में तब्दील हो गया। कनिष्क ने बताया कि मैं प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहा था, मुझे अमेरिका में भी एक कंपनी के साथ काम करने का मौका मिला। मुझे लगा मैं सिर्फ पैसा कमा रहा हूं देश के लिए कुछ नहीं कर रहा, इसलिए मैंने यह फैसला लिया कि सिविल सर्विसेज की तैयारी करूंगा।