कोटा में अब तक 100 से ज्यादा बच्चों की मौत, केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने बाल-रोग विशेषज्ञों की टीम भेजी
नई दिल्ली। दो दिन में 9 बच्चों की मौत के साथ कोटा के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर महीने में मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 100 के पार हो गई है। मौत के इस आंकडे ने राजस्थान सहित पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की जांच कमेटी ने हाल ही में जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें बच्चों की मौत के पीछे अस्पताल के वेंटिलेटर और वार्मर खराब होने सहित अन्य कारण बताए गए थे।
अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात की है और उन्हें जल्द से जल्द कोटा अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेने को कहा। इसके अलावा हर्षवर्धन ने कहा है कि मैंने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत जी से बात की है और उन्हें कोटा में होने वाली मौतों को रोकने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। हमारे मंत्रालय द्वारा बाल-रोग विशेषज्ञों की टीम को विश्लेषण और त्वरित उपाय के लिए भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि जोधपुर एम्स के डॉक्टर शुक्रवार तक कोटा पहुंच जाएंगे।
अस्पताल परिसर में घूमते हुए पाए गए थे सूअर
इससे पहले, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने राज्य में कांग्रेस सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। राजस्थान सरकार की एक समिति ने फैसला किया है कि शिशुओं को सही उपचार दिया गया है। जबकि बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरपर्सन प्रियांक कानोंगो ने कहा है कि, 'अस्पताल परिसर के अंदर सूअर घूमते हुए पाए गए'।
Union Health Minister Harsh Vardhan tweets, "The high-level team being dispatched by Ministry of Health includes experts from AIIMS Jodhpur, Health Finance & Regional Director, Health Services Jaipur. It will reach Kota tomorrow." #Rajasthan https://t.co/2ox7hxCiyT
— ANI (@ANI) January 2, 2020
क्या कहा सीएम अशोक गहलोत ने
सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार दोपहर ट्वीट कर कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। कोटा के जेके लोन अस्पताल में बीमार बच्चों की मौत पर सरकार संवेदनशील है। कोटा के सरकारी अस्पताल में बच्चों की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है। हम आगे भी कम करने का प्रयास करेंगे, मां और बच्चा स्वास्थ रहें। यह हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का स्वागत है। हम उनसे विचार-विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में इंप्रूवमेंट के लिए तैयार है। निरोगी राजस्थान हमारी प्राथमिकता है।