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आम बजट 2018: देश के लोगों को वित्त मंत्री से है ये उम्मीदें

मौजूदा समय में मेडिकल रींबर्समेंट की सीमा 15,000 रुपए निर्धारित है। ऐसे में टैक्सपेयर चाहते हैं कि इस सीमा में इजाफा किया जाए

By Vikashraj Tiwari
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नई दिल्ली। इकोनॉमिक सर्वे पेश कर दिए जाने के बाद से देश के लोगों को वित्त मंत्री अरुण जेटली से उम्मीदें बढ़ गई हैं। लोग आम बजट 2018 से सबसे ज्यादा टैक्स संबंधी राहत की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं छोटे शहरों के नौकरीपेशा लोग चाहते हैं कि कुछ अन्य शहरों को भी हायर एचआरए की श्रेणी में शामिल किया जाए। हम आपको बताते है की इस बार देश का आम करदाता अरुण जेटली के पिटारे से किन सौगातों की उम्मीद लगाए बैठा है।

आयकर स्लैब में मिले राहत

आयकर स्लैब में मिले राहत

आयकर कानून के हिसाब से मौजूदा समय में 2.50 लाख तक की सालाना आय ही कर छूट के दायरे में आती है। लेकिन इस बार करदाता चाहता है कि इस सीमा को बढ़ाकर 3 लाख कर दिया जाए। इस बार के बजट में इस इजाफे की उम्मीद इसलिए ज्यादा है क्योंकि साल 2017 के आम बजट में टैक्स स्लैब में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया था, हालांकि उन छोटे करदाताओं को जरूर 10 फीसद के टैक्स स्लैब से 5 फीसद के स्लैब में लाया गया था जिनकी सालाना आय 2.50 लाख से 5 लाख के बीच थी।

मेडिकल रींबर्समेंट की सीमा बढ़े

मेडिकल रींबर्समेंट की सीमा बढ़े

मौजूदा समय में मेडिकल रींबर्समेंट की सीमा 15,000 रुपए निर्धारित है। ऐसे में टैक्सपेयर चाहते हैं कि इस सीमा में इजाफा किया जाए। अगर इस सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपए सालाना किया जाता है तो यह नौकरीपेशा लोगों के लिए एक बड़ी राहत हो सकती है। आयकर की धारा 80सी के तहत करदाता 1 लाख 50 हजार तक की कर छूट का दावा कर सकते हैं। इस सीमा में बीते 8 से 10 सालों के दौरान कोई इजाफा नहीं हुआ है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इसे बढ़ाकर 2 लाख किया जा सकता है। अगर जेटली अपने बजट में ऐसा करते हैं तो हर टैक्सपेयर को कुछ न कुछ राहत मिल सकती है।

हायर HRA की कैटेगरी में शामिल हों कुछ अन्य शहर

हायर HRA की कैटेगरी में शामिल हों कुछ अन्य शहर

मौजूदा नियमों के हिसाब से अगर आप मेट्रो शहरों मसलन मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में रहते हैं तो आप अपनी सैलरी के 50 फीसद हिस्से के बराबर एचआरए पाने के हकदार होते हैं वहीं नॉन मेट्रो शहरों के लिए यह सीमा सैलरी के 40 फीसद की है। हालांकि बैंगलुरू और हैदराबाद जैसे शहरों में मकान के किराए भी मेट्रो शहरों से कुछ कम नहीं हैं लिहाजा नौकरीपेशा लोगों को उम्मीद है कि इन जैसे शहरों को भी हायर एचआरए की श्रेणी में शामिल करना चाहिए।

कैपिटल गेन टैक्स की होल्डिंग पीरियड हो कम

कैपिटल गेन टैक्स की होल्डिंग पीरियड हो कम

टैक्सपेयर चाहते हैं कि कैपिटल गेन टैक्स की होल्डिंग पीरियड को कम किया जाए। आयकर अधिनियम की धारा 54 और 54F के मुताबिक अगर कोई एक आवासीय संपत्ति की खरीद करता है तो उसको करीब 3 साल तक अपने पास रखना होता है उसी के बाद वो उस पर कैपिटल गेन टैक्स में छूट का फायदा उठा सकता है। टैक्स पेयर को उम्मीद है कि इसे घटाकर 2 साल कर दिया जाना चाहिए

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English summary
Union Budget 2018: Public Expectations From Arun Jaitley,Tax slab rejig, Medical reimbursement
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