'किसान संसद' पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर बोले-संसद तो एक ही होती है जिसे...
नई दिल्ली, जुलाई 24: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की जंतर-मतर में 'किसान संसद' लग रही है। किसान संसद अब सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचा है। किसान संसद पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि संसद तो एक ही होती है जिसे जनता चुनकर भेजती है। उन्होंने एक बार फिर कहा कि किसानों को आंदोलन का रास्ता छोड़कर बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए।
दिल्ली में जंतर मंतर पर किसान संगठनों द्वारा सामानांतर संसद चलाये जाने के सवाल पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि संसद तो एक ही होती है जिसे जनता चुनकर भेजती है वो संसद, संसद है बाकि जो यूनियन्स के लोग इस प्रकार की बातें कर रहे हैं और आंदोलन कर रहे हैं वो एक तौर से निरर्थक हैं। हमने कई बार यूनियन के लोगों को कहा है कि उन्हें आंदोलन का रास्ता छोड़कर वार्ता का रास्ता अपनाना चाहिए। कृषि मंत्री ने कहा कि वो यदि प्रस्ताव लेकर आएंगे तो हम बात करेंगे।
नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेता राकेश टिकैत के बिना शर्त के बातचीत के बयान पर कहा कि, हम पहले भी कह चुके हैं और फिर कह रहे हैं कि हम बातचीत करने को है तैयार है, लेकिन आंदोलन समस्या का हल नहीं है। इससे पहले कल भी कृषि मंत्री ने कहा था कि ''किसान संगठनों को बातचीत के लिए खुले मन से आना चाहिए, सरकार इसके लिए पूरी तरह तैयार है। अगर कृषि कानूनों में कोई परेशानी है तो सरकार उसके समाधान के लिए तैयार है।
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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा, किसान संसद से किसानों ने गूंगी-बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गांव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई न रहे। उन्होंने किसानों से भारत की आत्मा और स्वतंत्रता को बचाने के लिए एकजुट होने का भी आह्वान किया। टिकैत का ये बयान संसद के पास किसानों के विरोध प्रदर्शन के तीसरे दिन आया, जहां मानसून सत्र चल रहा है। प्रदर्शनकारी "किसान संसद" कहते हैं।