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देश में दानव की तरह फैली है बेरोजगारी-गरीबी, RSS महासचिव बोले- 'इसे जल्द खत्म करना जरूरी'

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नई दिल्ली,03 अक्टूबर। आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने भारत में व्याप्त बेरोजगारी और गरीबी पर बात रखी। रविवार को गांधी जयंति के मौके पर आरएसएस से जुड़े स्वदेश जागरण मंच (एसजेएम) से स्वावलंबी भारत अभियान के तहत आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, गरीबी और आर्थिक असमानता, जिसने दशकों से भारत को एक दानव के रूप में चुनौती दी है। भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। बावजूद यह समस्या अभी भी बनी हुई है।

Dattatreya Hosabale

अपने संबोधन के दौरान दत्तात्रेय होसबले ने हालांकि यह भी कहा कि भारत ने आत्मनिर्भर होने का सकारात्मक प्रयास किया है। भारत के इस कदम का विश्व समुदाय ने भी स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में देश ने आर्थिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है, लेकिन उसे कुछ मुद्दों को तत्काल हल करने की जरूरत है। संबोधन के दौरान नवरात्रि का उदाहरण देते हुए दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि जिस तरह नवरात्रि के नौ दिनों के बाद, मां दुर्गा ने विजयदशमी के अवसर पर राक्षसों को मार डाला। ठीक उसी तरह देश को भी दानव जैसी चुनौतियों से छुटकारा पाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम दशकों से इस चुनौती को झेल रहे हैं, लेकिन अब इसे हल करना होगा।

संबोधन के दौरान होसाबले ने गरीबी का आंकड़ा रखते हुए कहा कि देश में 20 करोड़ लोग अभी भी गरीबी रेखा से नीचे हैं, जो काफी निराशाजनक है। 23 करोड़ लोगों की प्रतिदिन की आय 375 रुपए से कम है। जून में प्रकाशित श्रम बल सर्वेक्षण के डाटा के मुताबिक देश में चार करोड़ बेरोजगार हैं और बेरोजगारी दर 7.6% है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्थिति में सुधार हुआ है। क्योंकि 10 साल पहले देश में 22% गरीबी थी, यह अब 18% है। उन्होंने कहा कि 2020 में प्रति व्यक्ति आय 1.35 लाख रुपए प्रति वर्ष थी, जो 2022 में बढ़कर 1.5 लाख रुपए हो गई है।

भारत के प्रयासों की सराहना करते हुए दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि यह अच्छा है कि देश को दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थान दिया गया है। लेकिन भारत की शीर्ष एक प्रतिशत आबादी के पास देश की आय का पांचवां (20%) है। वहीं, देश की 50% आबादी के पास देश की आय का केवल 13% है। ऐसे में हमें इस आर्थिक असमानता के बारे में सोचना होगा। भारत में गरीबी और विकास की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए होसाबले ने कहा कि भारत के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कहती है कि देश के एक बड़े हिस्से में अभी भी स्वच्छ पानी और पौष्टिक भोजन की पहुंच नहीं है। गरीबी भी समाज में तनाव और शिक्षा के खराब स्तर का एक कारण है।

अपनी बातों को रखते हुए होसाबले ने भारत सरकार के नई शिक्षा नीति की तारीफ की। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से देश में व्यापाक परिवर्तन आएंगे। इस दौरान उन्होंने पूर्व की सरकारों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि दशकों की त्रुटिपूर्ण नीतियों के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर गांवों से शहरों की ओर पलायन हुआ। गांव खाली हो गए और शहरों में जीवन नर्क जैसा हो गया। इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पीएम के नेतृत्व में शुरू किया गया "आत्मनिर्भर भारत" अभियान महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जैसे नेताओं को सच्ची श्रद्धांजलि है।

ये भी पढ़ें- एमपी:दिग्विजय सिंह ने पीएफआई से की थी आरएसएस की तुलना, गृह मंत्री ने किया पलटवार

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English summary
Unemployment-poverty and economic inequality challenged india as demons says Dattatreya Hosabale
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