Tripura Election: टिपरा मोथा और बीजेपी में नहीं बनी गठबंधन की बात, अकेले मैदान में उतरेंगे देब बर्मा
बीजेपी संग गठबंधन की अफवाहों पर टिपरा मोथा ने विराम लगाया है। अध्यक्ष ने बताया कि अब देबबर्मा अकेले ही मैदान में उतरेंगे।
Tripura Elections: सभी राजनीतिक दलों ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने भी वहां पर मोर्चा संभाल लिया है, ताकि दोबारा से वहां पार्टी सरकार का गठन करे, लेकिन पार्टी को शुक्रवार को तगड़ा झटका लगा। बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व और टिपरा मोथा के बीच गठबंधन की वार्ता पूरी तरह से विफल रही। साथ ही मोथा प्रमुख प्रद्योत देब बर्मा ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी अकेले ही चुनावी मैदान में उतरेगी।
शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए देब बर्मा ने कहा कि हम दिल्ली गए थे और हमने उनकी (बीजेपी और केंद्र) की बात सुनी। वरना वो लोग कहते कि निमंत्रण के बाद भी हम उनके पास नहीं गए, लेकिन उन्होंने टिपरालैंड की हमारी मांग के संबंध में लिखित में कुछ भी नहीं दिया। इस वजह से हम बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं कर सकते हैं। इसके साथ ही बर्मा ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी अकेले ही मैदान में जाएगी।
मोथा प्रमुख ने आगे कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि हम तब तक गठबंधन के लिए समझौता नहीं करेंगे जब तक टिपरालैंड की मांग को लेकर कोई लिखित आश्वासन नहीं मिलता। मैं इस मामले में किसी को दोष नहीं देता, क्योंकि पिछले 47 सालों में कई दल दिल्ली गए और समझौता किया, लेकिन चुनाव के बाद उनको कुछ नहीं मिला। हम इस बार कोई गलती नहीं करेंगे और अकेले ही चुनाव लड़ेंगे।
ऐसे
हुआ
टिपरा
मोथा
का
गठन
आपको
बता
दें
कि
देब
बर्मा
त्रिपुरा
के
शाही
राजवंश
से
हैं।
सीएए
विरोधी
आंदोलन
के
बाद
उन्होंने
कांग्रेस
को
छोड़
दिया
था,
इसके
साथ
ही
टिपरा
मोथा
का
गठन
हुआ।
तब
से
वे
स्वदेशी
त्रिपुरा
वासियों
के
लिए
ग्रेटर
टिपरालैंड
राज्य
का
आंदोलन
चला
रहे
हैं।
टिपरा
मोथा
ने
मार्च
2021
में
हुए
टीटीएएडीसी
चुनावों
में
बीजेपी,
उसके
सहयोगी
आईपीएफटी
और
अन्य
दलों
को
हराया
था।
तब
से
उसकी
राजनीतिक
अहमियत
काफी
ज्यादा
बढ़
गई
है।
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