सबसे ऊंचे तिरंगे पर खराब मौसम की मुश्किल, 20 दिन में दो बार बदलना पड़ा
अब ट्रस्ट लगातार तिरंगे को नुकसान पहुंचने की वजह से इसे सिर्फ खास मौकों पर फहराने के बारे में भी विचार कर रहा है।
अटारी। पाकिस्तान सीमा के पास अटारी में लगाया गया देश का सबसे ऊंचा तिरंगा बीते 20 दिनों दो बार बदलना बड़ा है। पांच मार्च को फहराया गया ये तिरंगा 355 फीट ऊंचाई पर है। एक लाख रुपये कीमत के इस तिरंगे का भार 25 किलो है। पांच मार्च को फहराए गए इस तिरंगे का फैब्रिक खराब होने की वजह से इसे दो बार बदला जा चुका है।
'पैराशूट
फैब्रिक
से
बनता
है
तिरंगा'
स्टैंडबाई
के
तौर
पर
अमृतसर
इंप्रूवमेंट
ट्रस्ट
के
पास
सिर्फ
12
झंडे
मौजूद
हैं।
यही
ट्रस्ट
झंडे
की
देखभाल
करता
है।
ट्रस्ट
तिरंगे
के
लिए
पैराशूट
फैब्रिक
खरीदता
है
जिसकी
कीमत
करीब
4
लाख
रुपये
है
और
तीन
महीने
की
गारंटी
होती
है।
अब
ट्रस्ट
लगातार
तिरंगे
को
नुकसान
पहुंचने
की
वजह
से
इसे
सिर्फ
खास
मौकों
पर
फहराने
के
बारे
में
भी
विचार
कर
रहा
है।
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क्या
होगा
कार्यक्रम
कमेटी
करेगी
फैसला
ट्रस्ट
के
इंजीनियर
राजीव
सेखरी
ने
कहा,
'अगर
हम
महीने
में
पांच
झंडे
बदलेंगे
तो
साल
भर
में
60
झंडों
का
आंकड़ा
पहुंच
जाएगा।
जिसकी
लागत
करीब
60
लाख
होगी।
मैंने
सिर्फ
खास
मौकों
जैसे
गणतंत्र
दिवस,
स्वतंत्रता
दिवस,
होली
और
दिवाली
पर
तिरंगा
फहराए
जाने
का
सुझाव
दिया
है।
फिलहाल
मामले
पर
अभी
कमेटी
चर्चा
करेगी।'
मौसम
को
लेकर
नहीं
की
गई
थी
स्टडी
यह
देश
का
सबसे
ऊंचा
तिरंगा
है।
लेकिन
इसे
लगाने
से
पहले
इलाके
के
मौसम
और
हवाओं
को
लेकर
कोई
स्टडी
नहीं
की
गई।
इतनी
ऊंचाई
पर
तिरंगा
फहराए
जाने
में
क्या
परेशानियां
आएंगी
इस
पर
विचार
नहीं
किया
गया
था।
अब
पूरी
तरह
से
पैराशूट
मैटीरियल
से
तिरंगा
बनाने
को
लेकर
विचार
चल
रहा
है।