भारत बायोटेक की नेसल वैक्सीन के ट्रायल आज से हैदराबाद में शुरू, हो सकती गेमचेंजर साबित
हैदराबाद। भारत बायोटेक ने कोरोना की नेसल वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिए हैं। भारत बायोटेक द्वारा विकसित इंट्रानेसल कोविड-19 वैक्सीन के पहले चरण के क्लिनिकल ट्रायल बुधवार को हैदराबाद में शुरू कर दिए। इस ट्रायल के पहले दिन 10 वॉलिंटियर ने हिस्सा लिया। नेसल वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल हैदराबाद के अलावा चेन्नई, पटना और नागपुर में भी करवाए जाने हैं। 4-5 महीने में कोरोना की ये वैक्सीन लांच करने की योजना है।
नागपुर में ट्रायल सेंटर को एथिक्स बोर्ड की मंजूरी का इंतजार
सूत्रों ने कहा है कि महाराष्ट्र के नागपुर में ट्रायल सेंटर को एथिक्स बोर्ड की मंजूरी का इंतजार है। इसे हरी झंडी मिलते ही नागपुर में ट्रायल शुरू हो जाएंगे। भारत बायोटेक का एक अन्य परीक्षण केंद्र चेन्नई में है। जिसे बुधवार को एथिक्स बोर्ड से मंजूरी मिल गई। चेन्नई साइट पर बुधवार से इंट्रानेसल वैक्सीन परीक्षण के लिए रिक्रूटमेंट शुरू होने की संभावना है। भारत में ट्रायल के चरण -1 में कुल 175 प्रतिभागियों को इंट्रानेसल कोविड -19 वैक्सीन के शॉट्स दिए जाएंगे।
महामारी के खिलाफ लड़ाई में गेम चेंजर साबित हो सकती है इंट्रानेसल वैक्सीन
इंट्रानेसल वैक्सीन यदि सफल हो जाती है तो ये कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में गेम चेंजर साबित हो सकती है। टीके को सीरिंज की आवश्यकता नहीं होती है और इसे तेजी से अवशोषण के लिए नाक के माध्यम से शरीर में डाला जाता है। कोवैक्सिन बनाने वाली हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ही इस वैक्सीन को भी बना रही है। लैबोरेटरी में जानवरों पर यह सफल रही है। इंसानों के लिए यह वैक्सीन सेफ है या नहीं, इसकी जांच के लिए भारत के ड्रग रेगुलेटर की एक्सपर्ट कमेटी ने भारत बायोटेक को फेज-1 क्लीनिकल ट्रायल्स की मंजूरी दे दी है।
कोरोनावायरस भी नाक के माध्यम से हमला करता है
इससे पहले, भारत बायोटेक के प्रमुख डॉ कृष्णा एला ने कहा था कि फर्म वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ साझेदारी में एक नाक के टीके पर काम कर रही है। डॉ एला ने कहा था कि अनुसंधान ने साबित कर दिया है कि नाक का टीका सबसे अच्छा विकल्प है। कोरोनावायरस भी नाक के माध्यम से हमला करता है।