ट्रांसजेंडर को मिला तीसरे जेंडर का दर्जा, रेलवे और IRCTC ने रिजर्वेशन फॉर्म में दिया ऑप्शन
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए भारतीय रेलवे और IRCTC ने ट्रांसजेंडर के लिए उठाया बड़ा कदम।
दिल्ली। भारतीय रेलवे और आईआरसीटीसी ने ट्रांसजेंडर को तीसरे जेंडर का दर्जा दिया है। रेलवे रिजर्वेशन के ऑनलाइन और ऑफलाइन फॉर्म में ट्रांसजेडर के लिए अलग विकल्प दिया गया है।
Read Also: रेलवे के इस फैसले से ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर होगी 50 रुपये की बचत
मेल, फेमेल के साथ एक तीसरा ऑप्शन
रेलवे रिजर्वेशन में फॉर्म में अब तक पुरुष और महिला के लिए दो जेंडर ऑप्शन होते थे। लेकिन अब इनमें तीन ऑप्शन हो गए हैं। ट्रांसजेंडर का तीसरा ऑप्शन भी अब फॉर्म में शामिल हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार दी सुविधा
अप्रैल 2014 में NALSA Vs Union of India केस में सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने जो फैसला दिया था, उसी के अनुसार रेलवे ने अब ट्रांसजेंडर को यह सुविधा दी है।
NALSA Vs Union of India केस
नेशनल लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी ने ट्रांसजेंडर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली थी जिसमें ट्रांसजेंडर को तीसरे जेंडर के तौर पर मान्यता देने की मांग की गई थी।
याचिका में यह कहा गया था कि ट्रांसजेंडर को समान अधिकार और सुरक्षा दी जाए। इलेक्शन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और राशन कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट्स में ट्रांसजेंडर की एक तीसरी कैटेगरी बनाई जाए।
याचिका में रेलवे रिजर्वेशन फॉर्म में ट्रांसजेंडर के तीसरे विकल्प के न होने की भी बात की गई थी और इसे संविधान की धारा 14, 15, 19 और 21 का उल्लंघन बताया था। ट्रेन में ट्रांसजेंडर के लिए स्पेशल कोच और रिजर्व्ड सीट्स की भी मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था यह फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य को यह निर्देश दिया था कि ट्रांसजेंडर को तीसरे सेक्स के तौर पर मान्यता दी जाए और उनको आर्थिक व सामाजिक तौर पर पिछड़े वर्गों को मिलने वाले फायदे दिए जाएं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि ट्रांसजेंडर को शिक्षा और रोजगार में समान अवसर देने में भेदभाव न किया जाय।
Read Also: अब ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर नहीं रेलवे नहीं लेगी सर्विस टैक्स