चीन ने दिए पाक को ड्रोन, जापान से भारत लेगा एडवांस्ड एयरक्राफ्ट
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 नवंबर को अपने एक और जापान दौरे पर रवाना होने वाले हैं। पीएम मोदी इससे पहले भी जापान जा चुके हैं लेकिन उनका इस बार का दौरा काफी खास हो सकता है। खबरें हैं कि पीएम मोदी इस दौरे पर जापान के साथ वर्ष 2013 से अटकी हुई एम्फीबियस एयरक्राफ्ट की डील को मंजूरी दे सकते हैं।
पानी में भी दुश्मन की खैर नहीं
जापान में बने एम्फीबियस एयरक्राफ्ट US-2i ऐसे एयरक्राफ्ट हैं जो न सिर्फ हवा में उड़ान भर सकते हैं बल्कि पानी पर भी दुश्मन के छक्के छुड़ा सकते हैं। इस डील को अंतिम रूप देने की खबरें उस समय आई हैं जब चीन ने अपने सबसे एडवांस्ड ड्रोन कलिहांग CH-5 को पाकिस्तान को देने का मन बना लिया है।
12 एयरक्राफ्ट की डील
जापान के साथ 12 ऐसे एयरक्राफ्ट की डील होगी जिसकी कीमत करीब 10,000 करोड़ रुपए है। डील की कीमत को लेकर वर्ष 2013 से इस पर संकट बरकरार था लेकिन अब लग रहा है कि इस डील को सील कर लिया जाएगा।
पीएम मोदी 11 से 12 नवंबर तक जापान में होंगे और इस दौरान वह पीएम शिंजो एबे से मुलाकात करेंगे।
सोमवार को ड्राफ्ट पर साइन
सोमवार को रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर की अगुवाई वाली डिफेंस एक्यूजिशिन काउंसिल यानी डीएसी इस डील के ड्राफ्ट को फाइनल कर सकती है। एक नजर डालिए कि आखिर यह एयरक्राफ्ट क्यों इतने खास हैं।
क्यों नेवी के लिए खास एम्फीबियस
- एम्फीबियस ऐसा एयरक्राफ्ट है जो पानी और हवा में आसानी से टेक ऑफ और लैंडिंग कर सकता है।
- इस एयरक्राफ्ट में चार टर्बों इंजन है और इसका प्रयोग सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन में होता है।
- इंडियन नेवी के अलावा कोस्ट गार्ड भी इस एयरक्राफ्ट को ऑपरेट करेगी।
- युद्ध की हालत में फिर एयरक्राफ्ट एक साथ 30 जवानों को कैरी कर सकता है।
- इंडियन नेवी इस समय पनडुब्बी से लेकर मल्टीरोल हेलीकॉप्टर तक की कमी से जूझ रही है।
- वहीं यह डील अगर फाइनल होती है तो एशियाई क्षेत्र में चीन को एक कड़ा संदेश जाएगा।
- भारत और जापान वर्ष 2014 से लगातार मालाबार नेवी अभ्यास के तहत एक साथ आते हैं।
- इस एक्सरसाइज में अमेरिका भी जापान और भारत के साथ हिस्सेदार है।