VIDEO: 'थारा फूफा अभी जिंदा है'...मृत बताकर 102 साल के बुजुर्ग की बंद की पेंशन, बारात लेकर पहुंचे दुलीचंद
रोहतक, 08 सितंबर: हरियाणा में एक बेहद ही दिलचस्प मामला सामने आया है। हरियाणा सरकार ने एक 102 साल की बुजुर्ग को मृत बताकर उसकी पेंशन बंद कर दी। शख्स पिछले 6 महीने से अपनी पेंशन बहाल कराने के लिए ऑफिसों के चक्कर लगा रहा था। जब उनकी सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने विरोध दर्ज कराने का अनोखा तरीका निकाल। बुजुर्ग गाजे-बाजे के साथ घोड़ा और बग्घी पर बैठकर अपने जिंदा होने का प्रमाण देने कार्यालय पहुंचा।
6 महीने से ऑफिसों के चक्कर काट रहे थे दुलीचंद
हरियाणा के रोहतक जिले के गांव गांधरा निवासी 102 वर्षीय दुलीचंद को हरियाणा सरकार ने मृत घोषित करके वृद्धावस्था पेंशन काट दी। अपनी पेंशन बनवाने के लिए दुलीचंद पिछले करीब 6 माह से चक्कर काट रहे हैं। उनकी अंतिम पेंशन फरवरी माह की 2 मार्च को आई थी। इसके बाद अभी तक पेंशन नहीं मिली। पेंशन के लिए दुलीचंद अधिकारियों के भी चक्कर काटे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
बारात लेकर पहुंचे दुलीचंद ने सिस्टम की बजा दी बैंड
जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो दुलीचंद ने खुद को जिंदा साबित करने के लिए अनोखा तरीका अपनाया। बुधवार को दुलीचंद बैंड बाजे के साथ बग्गी में बैठकर दूल्हे के गेटअप में डीसी ऑफिस पहुंचे। इस दौरान दुलीचंद के हाथों में तख्ती पर लिखा था- "थारा फूफा अभी जिंदा है। रेस्ट हाउस पहुंचने पर बुजुर्ग दुलीचंद को पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने आश्वासन दिलाया कि उनकी समस्या का समाधान जल्दी करा दिया जाएगा।
अधिकारी कहते थे- जिंदा होने का कोई कागज तो दिखाओ
इस दौरान दुलीचंद और आप नेता नवीन जयहिंद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। जिसमें दुलीचंद ने कहा कि मैं अभी जिंदा हूं, मरा नहीं हूं। बुजुर्ग दुलीचंद ने बताया कि मेरी उम्र 102 साल है। लेकिन समाज कल्याण विभाग ने मुझे मरा हुआ बता कर मेरी सामाजिक सुरक्षा पेंशन बंद कर दी । दुलीचंद ने कहा कि पेंशन दोबारा से शुरू करवा ने के लिए कई दिन से ऑफिस के चक्कर लगा रहा है। लेकिन कोई भी सुनता नहीं है। ऑफिसर एक दूसरे के आफिस भेज रहे हैं। अधिकारी कहते है की जिंदा होने का कोई कागज तो दिखाओ।
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वहीं नवीन जयहिंद ने कहा कि हरियाणा में इतनी बड़ी उम्र के बुजुर्ग काफी कम बचे हुए हैं। इनको हरियाणा में ब्रांड एंबेसडर बनाना चाहिए। जयहिन्द ने बुजुर्ग दुलीचंद के आधार कार्ड, पेन कार्ड, फैमिली आईडी और उनकी बैंक स्टेटमेंट दिखाते हुए मुख्यमंत्री से पूछा कि सरकार के पास इन बुजुर्गों की पेंशन देने के लिए पैसे नहीं हैं, क्या जो इस तरीके से उन्हें मृत दिखाकर उनकी पेंशन बंद कर रही है।