बढ़ते तापमान की वजह से अमरीका में उड़ानें रद्द!
अमरीका के अरिज़ोना में तापमान इतना बढ़ गया है कि विमानों का उड़ना मुमकिन नहीं, लेकिन क्यों?
अमरीका के अरिज़ोना स्थित फ़ीनिक्स इलाके में बढ़ते तापमान के चलते हवाई उड़ानों को रद्द करना पड़ रहा है. अब तक 40 उड़ानों को गर्मी की वजह से रद्द किया जा चुका है.
अमरीकी मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक अरिज़ोना में मंगलवार को अधिकतम तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. यह तापमान कुछ विमानों के संचालन के लिए ज़रूरी तापमान से ज़्यादा है.
यही वजह है कि अमरीकी एयरलाइंस ने स्काई हार्बर एयरपोर्ट से अपनी दर्जनों फ़्लाइट को रद्द किया है. स्थानीय फॉक्स न्यूज़ के मुताबिक क्षेत्रीय उड़ानों को रद्द किया गया है जिसमें बॉम्बार्डियर सीआरजे एयरलाइनर का इस्तेमाल होता है और ये विमान अधिकतम 48 डिग्री सेल्सियस तापमान में सुचारू रूप से काम करता है.
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हालांकि फोनिक्स में सबसे ज़्यादा तापमान का रिकॉर्ड 26 जून, 1990 को बना था जब इलाके का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था.
क्या होती है समस्या?
ऐसे में सवाल यह है कि ज़्यादा तापमान से विमानों के उड़ने में क्या समस्या है?
दरअसल, जब तापमान बढ़ता है तो वायु का घनत्व कम होता है और यह विमान को उड़ान भरने के लिए ज़रूरी घनत्व से कम हो जाता है. ऐसी स्थिति में विमान को ज़्यादा क्षमता वाले इंजन की ज़रूरत पड़ती है.
यह ऐसी समस्या है कि जिस ओर साल 2016 में इंटरनेशनल सिविल एविएशन आर्गेनाइजेशन (आईसीएओ) ने ध्यान दिलाया था कि जलवायु परिवर्तन का नागरिक उड्डयन पर गंभीर असर पड़ेगा.
यही वजह है कि ये समस्या मध्यपूर्व के देशों के अलावा दक्षिण अमरीका में देखने को मिलती है.
हालांकि बोइंग 747 और एयरबस जैसे विमान में कुछ ज़्यादा गर्मी में भी उड़ान भरने में सक्षम होते हैं, लिहाजा उनकी उड़ानें बाधित नहीं होती है. अमरीकी एयरलाइंस के बयान के मुताबिक ये विमान 53 डिग्री सेल्सियस तक में उड़ान भर पाते हैं.